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Mahamrtyunjay mantra for health & prosperity

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव के कृपा का एक अनूठा स्वरूप है। यह मंत्र व्यक्ति को जीवन में आने वाली हर प्रकार की समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। विशेषकर, इसे अकाल मृत्यु, बिमारियों और दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए जपा जाता है। इस मंत्र का उच्चारण करते समय भगवान शिव की अनुकम्पा और आशीर्वाद का अनुभव होता है। इस मंत्र का प्रमुख भाग यह है:

  • महामृत्युंजय मंत्रः ॥ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
  • मुहुर्थः सोमवार, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी, शिवरात्रि.

इस मंत्र का नियमित जाप करने से हर तरह का भय, अकाल मृत्यु भय नष्ट होने लगते है

महामृत्युंजय मंत्र का सही और नियमित जप व्यक्ति के जीवन में हर प्रकार की कठिनाइयों और संकटों से मुक्ति दिलाता है। भगवान शिव की कृपा से जीवन सुखमय और सफल होता है।

लाभ

  1. सुरक्षा:
    • महामृत्युंजय मंत्र व्यक्ति को हर प्रकार की बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रखता है।
  2. अकाल मृत्यु से सुरक्षा:
    • यह मंत्र अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है और लंबी उम्र प्रदान करता है।
  3. दुर्घटना से सुरक्षा:
    • इस मंत्र के जप से दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
  4. बिमारी से मुक्ति:
    • गंभीर बिमारियों और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  5. पारिवारिक सुख:
    • परिवार में सुख, शांति और स्नेह बना रहता है।
  6. संतान सुख:
    • संतान प्राप्ति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है।
  7. रोगों से सुरक्षा:
    • इस मंत्र के जप से रोगों से बचाव होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  8. बार-बार बिमार पड़ना:
    • व्यक्ति को बार-बार होने वाली बिमारियों से छुटकारा मिलता है।
  9. सांसारिक सुख:
    • जीवन के सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
  10. मानसिक शांति:
    • मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
  11. आध्यात्मिक उन्नति:
    • आत्मज्ञान और आध्यात्मिकता में वृद्धि होती है।
  12. धन-संपत्ति:
    • वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और संपत्ति में वृद्धि होती है।
  13. शत्रु नाश:
    • शत्रुओं और विरोधियों से सुरक्षा मिलती है।
  14. बाधाओं का निवारण:
    • जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं।
  15. विवाह में सफलता:
    • विवाह में आ रही बाधाओं का निवारण होता है।
  16. अच्छे स्वास्थ्य:
    • अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
  17. संतोष:
    • मन में संतोष और शांति का अनुभव होता है।
  18. सकारात्मक ऊर्जा:
    • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  19. साहस और शक्ति:
    • साहस और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  20. आयुर्वृद्धि:
    • दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

साधना के लिए सामग्री

  • चंदन की माला: जप के लिए
  • घी का दीपक: दीप प्रज्वलित करने के लिए
  • कपूर: आरती के लिए
  • पुष्प: पुष्पांजलि के लिए
  • धूप: वातावरण को सुगंधित करने के लिए
  • जल और चावल: आचमन और अर्पण के लिए

मंत्र विधि

  1. स्नान:
    • प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. आसन:
    • पूर्व दिशा की ओर मुख कर शुद्ध आसन पर बैठें।
  3. आरती और दीप प्रज्वलन:
    • दीपक जलाएं और भगवान शिव की आरती करें।
  4. ध्यान:
    • आंखें बंद कर भगवान शिव का ध्यान करें।
  5. मंत्र जप:
    • चंदन की माला लेकर “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” मंत्र का जप करें। प्रत्येक माला में 108 बार मंत्र जपें।
  6. प्रसाद अर्पण:
    • मंत्र जप के बाद शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा को पुष्प, जल, और प्रसाद अर्पण करें।

दिन और अवधि

  • दिन: सोमवार और त्रयोदशी (प्रदोष व्रत)
  • अवधि: सुबह और संध्या (अर्ध्य/संध्योपासना) समय सबसे उत्तम माने जाते हैं।

Kamakhya sadhana shivir

महामृत्युंजय मंत्र सावधानियां

  1. स्वच्छता:
    • साधना के समय शारीरिक और मानसिक स्वच्छता का ध्यान रखें।
  2. सकारात्मकता:
    • जप के समय मन में केवल सकारात्मक विचार रखें।
  3. समय:
    • नियमित समय पर ही जप करें, असमय ना करें।
  4. धैर्य:
    • धैर्य और श्रद्धा के साथ जप करें, अधीर ना हों।
  5. आहार:
    • साधना के दौरान शुद्ध और सात्विक आहार ग्रहण करें।

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महामृत्युंजय मंत्र पृश्न उत्तर

  1. महामृत्युंजय मंत्र क्या है?
    • महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का एक शक्तिशाली मंत्र है जो जीवन की कठिनाइयों और संकटों से रक्षा करता है।
  2. इस मंत्र का महत्व क्या है?
    • यह मंत्र भगवान शिव की कृपा और सुरक्षा का आह्वान करता है और व्यक्ति को अकाल मृत्यु, बिमारी, और अन्य कष्टों से बचाता है।
  3. मंत्र जप का सही समय क्या है?
    • प्रातःकाल और संध्याकाल में जप करना सबसे उत्तम होता है।
  4. क्या इस मंत्र का जप कोई भी कर सकता है?
    • हां, लेकिन 20 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति के लिए इसे करने की सलाह दी जाती है।
  5. क्या महामृत्युंजय मंत्र से अकाल मृत्यु से बचाव होता है?
    • हां, यह मंत्र अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है।
  6. दुर्घटना से बचाव के लिए कैसे करें?
    • दुर्घटनाओं से बचाव के लिए नियमित रूप से इस मंत्र का जप करें।
  7. क्या यह मंत्र गंभीर बिमारियों से मुक्ति दिलाता है?
    • हां, इस मंत्र का जप गंभीर बिमारियों से मुक्ति दिलाता है।
  8. मंत्र जप के दौरान कौन-कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?
    • चंदन की माला, घी का दीपक, कपूर, पुष्प, धूप, जल और चावल की आवश्यकता होती है।
  9. इस मंत्र का कितनी बार जप करना चाहिए?
    • प्रति दिन कम से कम 108 बार (एक माला) जप करना चाहिए।
  10. क्या इस मंत्र से मानसिक शांति प्राप्त होती है?
    • हां, इस मंत्र का जप मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है।
  11. क्या महामृत्युंजय मंत्र से रोगों से सुरक्षा मिलती है?
    • हां, यह मंत्र शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाता है।
  12. क्या इस मंत्र का जप पारिवारिक सुख बनाए रखता है?
    • हां, यह मंत्र परिवार में सुख, शांति और स्नेह बनाए रखता है।

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

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