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Manokamana Purti Baglamukhi Mantra- Achieve Success

मनोकामना पूर्ति के लिए बगलामुखी मंत्र: सफलता का मार्ग

मनोकामना पूर्ति बगलामुखी मंत्र का महत्व और प्रभावशाली शक्ति प्राचीन काल से ही मानी गई है। इस २० अक्षर के मंत्र का प्रयोग इच्छाओं की पूर्ति, शत्रुओं से सुरक्षा, और जीवन के विभिन्न कार्यों में सफलता पाने के लिए किया जाता है।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ

“ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्व दिशायें आवृणय आवृणय स्वाहा॥”

दिग्बंधन मंत्र का प्रयोग पूजा और मंत्र जप के समय सुरक्षा के लिए किया जाता है:

अर्थ: “हे देवी बगलामुखी! सभी दिशाओं से हमारी रक्षा करें।”

बगलामुखी मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ

“ॐ ह्लीं बगलामुखे सर्व कार्य सिद्धिं देही देही ह्ल्रीं स्वाहा॥”

मंत्र अर्थ

  • : यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो किसी भी मंत्र की शुरुआत में उसका पवित्रता और शक्ति बढ़ाने के लिए उच्चारित किया जाता है।
  • ह्लीं: यह बीज मंत्र है, जो बगलामुखी देवी का शक्ति और नियंत्रण का प्रतीक है। यह मंत्र की शक्ति को सक्रिय करता है।
  • बगलामुखे: इसका अर्थ है देवी बगलामुखी, जो विशेष रूप से शत्रुओं के विनाश, बाधाओं को दूर करने और सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी हैं।
  • सर्व कार्य सिद्धिं: इसका अर्थ है “सभी कार्यों की सिद्धि” यानी, जो भी कार्य करने की इच्छा हो, वह सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाए।
  • देही देही: इसका अर्थ है “दे दो, दे दो” यानी देवी से प्रार्थना करना कि वह इच्छित सिद्धि प्रदान करें।
  • ह्ल्रीं: यह एक और बीज मंत्र है, जो देवी की शक्ति और उनके आशीर्वाद को मजबूती से प्रकट करता है।
  • स्वाहा: यह एक अंतिम शब्द है, जो ऊर्जा को समर्पण के साथ स्थिरता और पूर्णता देता है।

अर्थ: “हे बगलामुखी देवी! मुझे सभी कार्यों की सिद्धि प्रदान करें, मेरी सभी इच्छाओं को पूरा करें। मैं आपकी शरण में हूँ और आपसे आशीर्वाद चाहता हूँ।”

जप काल में इन चीजों का सेवन

  • दूध, फल, और सात्विक भोजन का सेवन करें।
  • अत्यधिक मसालेदार और तामसिक भोजन से बचें।

मनोकामना पूर्ति बगलामुखी मंत्र के लाभ

  1. कार्यों में सफलता।
  2. शत्रुओं से सुरक्षा।
  3. मानसिक शांति।
  4. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  5. मनोकामना पूर्ति।
  6. नकारात्मकता से मुक्ति।
  7. आत्म-सुरक्षा।
  8. करियर में उन्नति।
  9. शांति और संयम।
  10. स्वास्थ्य में सुधार।
  11. निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि।
  12. समृद्धि का आशीर्वाद।
  13. रिश्तों में सामंजस्य।
  14. आर्थिक वृद्धि।
  15. कार्यों में अड़चनें दूर होना।
  16. विद्या में प्रगति।
  17. भयमुक्त जीवन।
  18. जीवन में सकारात्मकता।

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पूजा सामग्री के साथ मंत्र विधि

  • सामग्री: पीला कपड़ा, बगलामुखी देवी की मूर्ति या फोटो, चंदन, पीले फूल, हल्दी, जल पात्र, दीपक।
  • विधि: मूर्ति को स्नान कराएं, पीले वस्त्र पहनाएं। दीप प्रज्वलित कर हल्दी और चंदन अर्पित करें।

मनोकामना पूर्ति बगलामुखी मंत्र जप का दिन, अवधि, और मुहूर्त

  • दिन: मंगलवार या गुरुवार।
  • अवधि: 11 दिनों तक।
  • मुहूर्त: प्रातःकाल या संध्या काल।

मंत्र जप विधि

  • 20 मिनट तक रोज़ इस मंत्र का जप करें।
  • जप करते समय मन को शांत रखें।

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जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष से ऊपर।
  2. कोई भी स्त्री या पुरुष कर सकते हैं।
  3. ब्लू या ब्लैक कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार न करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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जप में सावधानियाँ

  • एकाग्रता और भक्ति के साथ जप करें।
  • बीच में मंत्र का उच्चारण बंद न करें।

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मनोकामना पूर्ति बगलामुखी मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: क्या यह मंत्र केवल शत्रुओं के लिए है?
उत्तर: नहीं, यह इच्छाओं की पूर्ति और सुरक्षा के लिए भी है।

प्रश्न 2: क्या महिलाएं जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी कर सकती हैं।

प्रश्न 3: किस रंग के कपड़े पहनें?
उत्तर: पीले रंग के कपड़े पहने।

प्रश्न 4: मंत्र जप का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
उत्तर: प्रातः या संध्या काल।

प्रश्न 5: क्या मासिक धर्म के दौरान महिलाएं जप कर सकती हैं?
उत्तर: सलाह दी जाती है कि इस दौरान जप न करें।

प्रश्न 6: क्या मंत्र जप में मांसाहार वर्जित है?
उत्तर: हां, यह वर्जित है।

प्रश्न 7: इस मंत्र का नियमित जप करने से क्या लाभ होता है?
उत्तर: मानसिक शांति, कार्यसिद्धि, और सुरक्षा मिलती है।

प्रश्न 8: मंत्र कितनी बार जपना चाहिए?
उत्तर: 20 मिनट तक 11 दिनों तक।

प्रश्न 9: क्या इस मंत्र को विशेष तिथि पर जपना आवश्यक है?
उत्तर: मंगलवार और गुरुवार सर्वश्रेष्ठ हैं।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का प्रभाव शत्रुओं पर होता है?
उत्तर: हां, यह शत्रुओं को परास्त करने में सहायक है।

प्रश्न 11: क्या इस मंत्र का जप करते समय ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?
उत्तर: हां, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

प्रश्न 12: क्या मंत्र को गुरु दीक्षा के बिना जप सकते हैं?
उत्तर: इसे गुरु दीक्षा के साथ जपना श्रेष्ठ होता है, परन्तु स्वयं भी किया जा सकता है।

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