Mata Kali mantra महाविद्या माता काली हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवी हैं, इन्हें कंकालिनी, चंडिका, भद्रकाली, कालिका, और श्यामा भी कहा जाता है। ये माता बहुत ही उग्र मानी जाती है. माता काली की दीक्षाओं और पूजाओं का विशेष महत्व है. शत्रु मुक्ति व आकर्ष शक्ति के लिये माता काली की पूजा की जाती है.
माता काली को शक्ति और परिवर्तन की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से भक्त को भय, अज्ञान, और अधर्म से मुक्ति मिलती है। माता काली की पूजा का विधान तांत्रिक होता है और इसमें मंत्र जप, ध्यान, और अनुष्ठान की विशेष विधियां होती हैं।
माता काली की मूर्ति मुख क्रोधाग्नि और परिवर्तनशीलता को प्रतिनिधित करता है। उनकी धारणा से भक्त को अन्तरात्मा का विकास और सत्य की प्राप्ति होती है
काली का वर्णन
माता काली को हिंदू धर्म में शक्ति, साहस और प्रचंडता की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे महादेवी के रूप हैं और उनका नाम “काली” का अर्थ है काला या अंधकार, जो इस बात का प्रतीक है कि वे सभी अंधकार और भय को नष्ट करती हैं। माता काली का रूप अत्यंत भयानक और डरावना है, लेकिन वे अपने भक्तों के लिए अत्यंत कृपालु और दयालु हैं।
स्वरूप
- चार भुजाएँ: माता काली की चार भुजाएँ होती हैं। एक हाथ में खड्ग, दूसरे हाथ में कटे हुए राक्षस का सिर, तीसरे हाथ में अभय मुद्रा (भयमुक्ति) और चौथे हाथ में वर मुद्रा (आशीर्वाद) होती है।
- काला रंग: उनका रंग काला होता है, जो अज्ञान और अंधकार का प्रतीक है।
- मुखमंडल: माता काली की लाल-लाल जिव्हा बाहर निकली होती है और वे उग्र रूप धारण करती हैं।
- गर्दन की माला: उनकी गर्दन पर कटे हुए सिरों की माला होती है, जो राक्षसों पर विजय का प्रतीक है।
- कमर में हाथों की माला: उनकी कमर में कटे हुए हाथों की माला होती है, जो कर्मों के नष्ट होने का प्रतीक है।
- दशभुज: कुछ रूपों में माता काली को दशभुजाओं वाली भी दिखाया जाता है, जिसमें वे विभिन्न हथियार और प्रतीक धारण करती हैं।
लाभ
- भय से मुक्ति: माता काली की पूजा से सभी प्रकार के भय और आतंक से मुक्ति मिलती है।
- शत्रुओं का नाश: माता काली की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है।
- साहस की प्राप्ति: माता काली की पूजा से साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- सुरक्षा: माता काली की कृपा से व्यक्ति हर प्रकार के खतरों से सुरक्षित रहता है।
- आध्यात्मिक जागृति: माता काली की पूजा से आध्यात्मिक जागृति होती है और व्यक्ति आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर होता है।
- अज्ञान का नाश: माता काली की कृपा से अज्ञान का नाश होता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: माता काली की पूजा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- कुंडलिनी जागरण: माता काली की पूजा से कुंडलिनी शक्ति का जागरण होता है।
- धन-धान्य की प्राप्ति: माता काली की कृपा से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
- परिवारिक शांति: माता काली की पूजा से परिवार में शांति और सद्भाव बना रहता है।
- कठिनाइयों से पार पाना: माता काली की कृपा से जीवन की सभी कठिनाइयों और चुनौतियों से पार पाया जा सकता है।
- आकस्मिक घटनाओं से सुरक्षा: माता काली की पूजा से आकस्मिक घटनाओं और दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है।
- शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति: माता काली की कृपा से व्यक्ति में अपार शक्ति और ऊर्जा का संचार होता है।
- सफलता: माता काली की पूजा से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
- आत्म-निर्भरता: माता काली की कृपा से व्यक्ति आत्म-निर्भर और स्वावलंबी बनता है।
- विपत्तियों से सुरक्षा: माता काली की पूजा से विपत्तियों और आपदाओं से सुरक्षा मिलती है।
- मन की शांति: माता काली की कृपा से मन को शांति और संतोष प्राप्त होता है।
- आध्यात्मिक शक्ति: माता काली की पूजा से आध्यात्मिक शक्ति और धैर्य में वृद्धि होती है।
- समाधान: माता काली की कृपा से जीवन की समस्याओं का समाधान होता है।
माता काली का मंत्र और पूजा का दिन एवं मुहूर्त
माता काली की पूजा का विशेष दिन अमावस्या है, विशेषकर काली पूजा या दिवाली की रात। इसके अलावा अष्टमी तिथि भी माता काली की पूजा के लिए शुभ मानी जाती है।
मंत्र:
ॐ क्रीं कालिकायै क्रीं नमः "OM KREEM KAALIKAAYE KREEM NAMAHA"
यह मंत्र माता काली की पूजा के दौरान जपना चाहिए।
पूजा सामग्री
- मूर्ति या चित्र: माता काली की मूर्ति या चित्र।
- धूप: धूपबत्ती या अगरबत्ती।
- दीपक: घी या तेल का दीपक।
- फूल: ताजे फूल (विशेषकर लाल रंग के)।
- फल: विभिन्न प्रकार के फल।
- मिठाई: प्रसाद के रूप में मिठाई।
- पान के पत्ते: पूजा में प्रयोग के लिए।
- सुपारी: पान के साथ।
- रोली और अक्षत: तिलक के लिए।
- पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण।
- गंगाजल: शुद्धिकरण के लिए।
- चंदन: तिलक के लिए।
- कपूर: आरती के लिए।
- चावल: अक्षत के रूप में।
- नारियल: पूजा में प्रयोग के लिए।
- कुंकुम: तिलक के लिए।
- जल का पात्र: अभिषेक के लिए।
- लाल वस्त्र: देवी को अर्पित करने के लिए।
- भोग: प्रसाद के रूप में अर्पित करने के लिए।
- आसन: पूजा के लिए बैठने का स्थान।
सावधानियाँ
- शुद्धता बनाए रखें: पूजा स्थान और सामग्री को शुद्ध रखें।
- सच्चे मन से पूजा करें: पूजा में मन की शुद्धता और श्रद्धा होनी चाहिए।
- सही समय पर पूजा करें: शुभ मुहूर्त में ही पूजा करें।
- निर्धारित विधि का पालन करें: पूजा की सही विधि का पालन करें।
- नियमितता बनाए रखें: नियमित रूप से पूजा करें।
- ध्यान और ध्यान केंद्रित करें: पूजा के समय ध्यान केंद्रित रखें।
- सही मंत्रों का उच्चारण करें: मंत्रों का सही उच्चारण करें।
- श्रद्धा और भक्ति से करें पूजा: पूजा श्रद्धा और भक्ति से करें।
- प्रसाद बांटें: पूजा के बाद प्रसाद बांटें और खुद भी ग्रहण करें।
- व्रत का पालन करें: व्रत का पालन सही ढंग से करें।
माता काली की पूजा से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। उनकी कृपा से जीवन की सभी समस्याएँ समाप्त होती हैं और भक्त को शांति, सुरक्षा और समृद्धि की प्राप्ति होती है। पूजा में नियम और विधि का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे माता काली की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।