माता शैलपुत्री मंत्र: महत्व, विधि और जप के अद्भुत लाभ
Mata shailaputri mantra नवदुर्गा की प्रथम शक्ति के रूप में पूजित है। देवी शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। उनकी आराधना से जीवन में स्थिरता, शक्ति और सुख-शांति प्राप्त होती है। यह मंत्र भक्तों को उनके मनोवांछित फल देता है और हर प्रकार की नकारात्मकता को समाप्त करता है।
विनियोग मंत्र व उसका अर्थ
विनियोग मंत्र:
ॐ अस्य श्री शैलपुत्री मंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः। गायत्री छन्दः। शैलपुत्री देवता। ध्यानार्थे विनियोगः।
अर्थ:
इस मंत्र का ऋषि ब्रह्मा है, छंद गायत्री है, और देवता माता शैलपुत्री हैं। यह मंत्र ध्यान और आराधना के लिए उपयोग होता है।
दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र:
ॐ उत्तराय नमः। ॐ दक्षिणाय नमः। ॐ पूर्वाय नमः। ॐ पश्चिमाय नमः। ॐ आकाशाय नमः। ॐ पातालाय नमः।
अर्थ:
यह मंत्र हर दिशा में सुरक्षा कवच प्रदान करता है। सभी दिशाओं में देवी की कृपा से नकारात्मक शक्तियां निष्क्रिय हो जाती हैं।
मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
ॐ ह्रीं देवी शैलपुत्र्यै दुं नमः
अर्थ:
- ॐ: यह अक्षर ब्रह्मांड की मूल ध्वनि है, जो सभी शक्तियों की शुरुआत और समापन का प्रतीक है। यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।
- ह्रीं: यह एक शक्ति वर्धक बीज मंत्र है। यह ऊर्जा, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। “ह्रीं” से मानसिक शांति और आत्म-निर्भरता प्राप्त होती है।
- देवी शैलपुत्र्यै: यह शब्द देवी शैलपुत्री को संबोधित करता है, जो हिमालय की पुत्री हैं और नवदुर्गा के पहले रूप में पूजित हैं। शैलपुत्री शक्ति, स्थिरता और सामर्थ्य की प्रतीक हैं।
- दुं: यह बीज मंत्र विशेष रूप से नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं को समाप्त करने के लिए है। यह मंत्र का प्रभाव नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने और अच्छे मार्ग की ओर मार्गदर्शन करने में होता है।
- नमः: इसका अर्थ है “समर्पण” या “प्रणाम”। यह भक्तिपूर्वक अपनी श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करने का तरीका है।
कुल मिलाकर, यह मंत्र देवी शैलपुत्री को समर्पित है, और इससे व्यक्ति को शक्ति, समृद्धि, मानसिक शांति और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
जप काल में इन चीज़ों के सेवन पर जोर दें
- सात्त्विक आहार (दूध, फल, घी)।
- तुलसी का सेवन।
- गंगा जल का उपयोग।
- सूखे मेवे।
- गाय का शुद्ध मक्खन।
माता शैलपुत्री मंत्र से होने वाले लाभ
- मानसिक शांति और स्थिरता।
- आध्यात्मिक उन्नति।
- पारिवारिक सुख।
- आर्थिक समृद्धि।
- रोगों से मुक्ति।
- शत्रुओं पर विजय।
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा।
- हर प्रकार की बाधा निवारण।
- विवाह में विलंब दूर होना।
- बच्चों की दीर्घायु।
- करियर में प्रगति।
- आत्मबल में वृद्धि।
- घर में सुख-शांति।
- नेत्र रोगों का निवारण।
- आंतरिक शक्ति का विकास।
- विद्या और बुद्धि की प्राप्ति।
- आध्यात्मिक शक्ति का संचार।
- भयमुक्त जीवन।
पूजा सामग्री के साथ मंत्र विधि
सामग्री:
- लाल कपड़ा।
- देसी घी का दीपक।
- लाल पुष्प।
- फल।
- चंदन।
- गंगाजल।
विधि:
- सूर्योदय के समय शुद्ध होकर पूजा प्रारंभ करें।
- लाल वस्त्र पहनकर पूर्व दिशा में मुख करके बैठें।
- देवी शैलपुत्री की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।
- फल और पुष्प अर्पित करें।
- मंत्र का 108 बार जप करें।
अवधि और मुहूर्त
- दिन: नवरात्रि का प्रथम दिन सर्वोत्तम।
- अवधि: 20 मिनट।
- मुहूर्त: प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त।
मंत्र जप के नियम
- आयु 20 वर्ष से अधिक हो।
- स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
- लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचें।
- पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें।
मंत्र जप में सावधानियां
- जप के समय मन एकाग्र रखें।
- अशुद्ध स्थान पर जप न करें।
- जप करते समय गलत उच्चारण से बचें।
- पूजा सामग्री को किसी और कार्य में न लगाएं।
- पूजा के बाद शांति बनाए रखें।
माता शैलपुत्री मंत्र से जुड़े प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: माता शैलपुत्री का वाहन क्या है?
उत्तर: माता शैलपुत्री का वाहन वृषभ है।
प्रश्न 2: इस मंत्र का प्रभाव कितने समय में दिखता है?
उत्तर: नियमित जप से 9 दिनों में प्रभाव दिखने लगता है।
प्रश्न 3: क्या यह मंत्र कठिन परिस्थितियों को हल कर सकता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र जीवन की सभी कठिनाइयों को हल कर सकता है।
प्रश्न 4: क्या महिलाएं इस मंत्र का जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं।
प्रश्न 5: क्या मंत्र जप के लिए किसी विशेष दिशा का चयन करें?
उत्तर: पूर्व दिशा में बैठकर जप करना शुभ होता है।
प्रश्न 6: क्या इस मंत्र से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र आर्थिक समस्याओं को दूर करता है।
प्रश्न 7: क्या मंत्र जप के समय विशेष आसन की आवश्यकता है?
उत्तर: हां, कुश या रेशम के आसन का उपयोग करें।
प्रश्न 8: क्या यह मंत्र शत्रु निवारण में सहायक है?
उत्तर: हां, यह मंत्र शत्रुओं पर विजय दिलाने में सहायक है।
प्रश्न 9: क्या यह मंत्र बच्चों के लिए फायदेमंद है?
उत्तर: हां, यह बच्चों की दीर्घायु के लिए शुभ है।
प्रश्न 10: क्या मंत्र जप के समय उपवास रखना चाहिए?
उत्तर: हां, उपवास रखने से लाभ शीघ्र प्राप्त होता है।
प्रश्न 11: क्या यह मंत्र नेत्र रोगों के निवारण में सहायक है?
उत्तर: हां, यह मंत्र नेत्र रोगों को दूर करता है।
प्रश्न 12: क्या मंत्र जप केवल नवरात्रि में किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, इसे किसी भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है।