सबके विघ्न दूर करने वाली माता योगिनी की चालीसा का पाठ जो भी मनुष्य करता है, उसके जीवन मे किसी भी सुख की कमी नही होती. उन्हें 64 योगिनियों का समूह माना जाता है, जो संसार को शक्ति और संतुलन प्रदान करती हैं। इनकी पूजा विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा की जाती है जो आध्यात्मिक व भौतिक उन्नति, ध्यान और साधना में लगे होते हैं।
माँ योगिनी चालीसा
॥दोहा॥
जय जय योगिनी मातु, कर कृपा सहाय।
तुम बिन और न देखौं, दुहूँ करूँ निहाय॥
॥चौपाई॥
जय-जय योगिनी जगदम्बा, जय माँ जगदम्बे।
सर्वसिद्धि कर दात्री, संकट हरि अम्बे॥
तुम हो ज्ञान की दायिनी, तुम हो शक्ति की देवी।
तेरी कृपा हो जो, मिट जाए सब सेवी॥
तुम हो शक्ति का रूप, तुम्हें प्रणाम करूं।
तेरी महिमा अपरंपार, सारा जगत ध्याय॥
रिद्धि-सिद्धि की दायिनी, योगिनियों की माता।
तेरा ध्यान जो करे, संकट हरनि संता॥
दुर्गम काज सहज ही हर लेती हो माता।
तुम्हरे शरण जो आए, उसको सहज में तरा॥
तुम्हारी महिमा अपरंपार, तंत्र-मंत्र की देवी।
तेरी कृपा हो जो, बने भक्त सभी मेवानी॥
योगिनी माता जय-जयकारा, संकट हरनि भवतारिणी।
सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती, जब तुम हो सहायनी॥
सत्य बोल जो तेरा ध्यान करे, न कभी दुख पावै।
सुख-शांति और समृद्धि, जीवन में पाए॥
तेरी महिमा का गान, जो हर रोज करे।
तुम्हारी कृपा हो उस पर, सारा जगत कहे॥
तुम्हारी आरती जो गावे, सारा संकट हर जाए।
माता तेरी पूजा से, भवसागर तर जाए॥
तुम हो त्रैलोक्य की रानी, योगिनी माँ भवानी।
तेरी कृपा हो जब, सब कुछ हो जै-जानी॥
भक्तजन तेरे नाम से, सब संकट दूर करें।
तुम्हरी पूजा जो करे, सब सिद्धि प्राप्त करें॥
तुम हो करुणा की सागर, माता जगदम्बा।
तेरी पूजा से भक्तजन, बने संसार के अंबा॥
योगिनी माता जय-जयकार, सारा जगत पुकारे।
संकट हरनि संकट तारिणी, सबका दुःख निवारे॥
तेरी कृपा हो जो, न कोई दुखी रहे।
तुम्हरे शरण जो आये, भवसागर तर जाए॥
तुम हो ज्ञान और शक्ति की देवी, सर्वसिद्धि दायिनी।
तेरी पूजा से मिले, मोक्ष और कृपा भी॥
योगिनी माता की महिमा, सारा जगत जानें।
तुम्हरे शरण जो आये, सब कष्ट दूर हों जाएँ॥
॥दोहा॥
जो भी ध्यान करे माँ का, सभी कष्ट दूर हों जाएं।
योगिनी माता की कृपा से, भवसागर तर जाएं॥
लाभ
- आध्यात्मिक जागरण: माँ योगिनी की पूजा से आध्यात्मिक उन्नति और जागरण होता है।
- संकटों का नाश: जीवन के सभी प्रकार के संकट और कष्ट समाप्त होते हैं।
- शक्ति प्राप्ति: योगिनी माँ की कृपा से मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है।
- सिद्धियों की प्राप्ति: साधना करने वाले भक्तों को सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- शत्रुओं से रक्षा: शत्रुओं के बुरे प्रभाव से रक्षा होती है।
- मन की शांति: माँ योगिनी की पूजा से मन को शांति मिलती है।
- धन-धान्य की प्राप्ति: आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
- बाधाओं का नाश: जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का नाश होता है।
- परिवार में सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- विवाह में सफलता: विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और सफलता मिलती है।
- आध्यात्मिक शक्ति: साधना में सफलता और आत्मिक शक्ति मिलती है।
- भय का नाश: जीवन के सभी प्रकार के भय समाप्त होते हैं।
- मनोबल में वृद्धि: मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- कर्म में सफलता: जीवन के सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- मंत्र सिद्धि: तंत्र-मंत्र में सिद्धि प्राप्त होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- भौतिक सुख: जीवन में भौतिक सुख-शांति और समृद्धि मिलती है।
- मोक्ष की प्राप्ति: जन्म-मरण के बंधनों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- ज्ञान की प्राप्ति: ज्ञान और विवेक में वृद्धि होती है।
विधि
दिन: माँ योगिनी चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से शुक्रवार, अमावस्या, और पूर्णिमा के दिन को शुभ माना जाता है।
अवधि: इस चालीसा का पाठ एक माह तक लगातार करने से विशेष लाभ मिलता है।
मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में पाठ करना सर्वोत्तम है।
नियम
- स्वच्छता: पाठ से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- आसन: एक स्थिर आसन पर बैठकर चालीसा का पाठ करें।
- ध्यान: पाठ के दौरान माँ योगिनी का ध्यान और उनके चित्र या प्रतिमा का पूजन करें।
- संयम: पाठ के दौरान संयम और श्रद्धा बनाए रखें।
- नियमितता: इस चालीसा का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए।
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सावधानियाँ
- श्रद्धा और विश्वास: माँ योगिनी की पूजा करते समय श्रद्धा और विश्वास का होना आवश्यक है।
- आचरण: किसी भी प्रकार के दूषित विचारों या क्रोध को मन में न लाएं।
- स्थिरता: पाठ के दौरान मन को स्थिर रखें और ध्यान को भटकने न दें।
- पवित्रता: पाठ करते समय आसन और पूजा स्थान की पवित्रता बनाए रखें।
- व्रत: यदि संभव हो तो पाठ के दिन व्रत या उपवास रखें।
माँ योगिनी चालीसा- पृश्न उत्तर
- माँ योगिनी चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
- किसी भी दिन, विशेष रूप से शुक्रवार, अमावस्या, और पूर्णिमा को।
- माँ योगिनी चालीसा का पाठ क्यों करें?
- आध्यात्मिक उन्नति, सिद्धियों की प्राप्ति और संकटों से मुक्ति के लिए।
- माँ योगिनी चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
- दिन में एक बार नियमित रूप से करना लाभकारी होता है।
- क्या माँ योगिनी चालीसा का पाठ किसी विशेष समय पर करना चाहिए?
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में करना उत्तम है।
- माँ योगिनी चालीसा का पाठ कौन कर सकता है?
- कोई भी व्यक्ति, जो श्रद्धा और विश्वास रखता है।
- क्या माँ योगिनी चालीसा का पाठ किसी भी स्थिति में किया जा सकता है?
- हाँ, स्वच्छता और ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
- क्या माँ योगिनी चालीसा का पाठ करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है?
- हाँ, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- क्या माँ योगिनी चालीसा का पाठ बच्चों के लिए लाभकारी है?
- हाँ, बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए।
- माँ योगिनी चालीसा का पाठ कहाँ करना चाहिए?
- एक शांत और स्वच्छ स्थान पर।
- क्या माँ योगिनी चालीसा का पाठ समूह में किया जा सकता है?
- हाँ, समूह में भी किया जा सकता है।
- क्या माँ योगिनी चालीसा का पाठ करने से धन प्राप्ति होती है?
- हाँ, धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
- क्या माँ योगिनी चालीसा का पाठ करने से परिवार में सुख-शांति रहती है?
- हाँ, पारिवारिक सुख और शांति प्राप्त होती है।