बुरे समय से बचाने वाली माता योगमाया की चालीसा का पाठ मनोकामना पूर्ति के साथ हर तरह की सुरक्षा भी प्रदान करती है। ये शक्ति, माया और ज्ञान की देवी मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय, योगमाया ने उनकी रक्षा की थी और उन्हें कंस के अत्याचार से बचाया था। योगमाया का महत्व खासतौर पर उन भक्तों के लिए है जो आध्यात्मिक मार्ग पर चल रहे हैं और उन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है।
संपूर्ण माता योगमाया चालीसा
॥दोहा॥
जयति जयति योगमाया, जगदम्बे भवानी।
शरणागत की रक्षिका, करूँ नमन जुड़ानी॥
॥चौपाई॥
जय हो माता योगमाया, जग में तुम हो महिमा माया।
संकट हरो, सुख की दाता, सभी जगत की तुम हो माता॥
श्रीकृष्ण की जन्म की रक्षक, कंस के आतंक की संहारक।
तुम ही हो सृष्टि की शक्ति, तुमसे ही हर जीव की युक्ति॥
तुम हो भवानी, तुम हो काली, शक्ति की तुम महाशक्ति वाली।
हर संकट हरने वाली, तुम ही हो जग की रखवाली॥
तुम्हारे दर पर जो भी आया, जीवन में सुख-शांति पाया।
तेरी महिमा का है गान, भक्त तेरा करे गुणगान॥
तुम हो योग और तुम हो माया, तुमसे ही सारा जगत है साया।
तुम्हारे दर्शन से ही मिले, जीवन में सबको अमर फल॥
योगिनी हो तुम जगदम्बा, सारा जगत करे तुम्हारा अंबा।
तुम्हारी कृपा से मिटे दुःख सारे, जीवन में आए सुख के तारे॥
तुम्हारी आरती जो गावे, संकट सब के दूर हो जाए।
तेरे नाम की जो भी ध्याये, उसका जीवन सुधर जाए॥
तेरी महिमा का करे ध्यान, भवसागर से होवे पार।
तुम्हारी भक्ति में जो भी रमे, जीवन उसका सफल बने॥
हे माँ योगमाया, हमको दो आशीर्वाद।
संकट में रक्षा करो, जीवन में दो नवराज॥
तुम हो त्रिपुरा सुंदरी, सारा जगत करे पुकार।
तेरी महिमा अपरंपार, सब पर हो कृपा अपार॥
माता योगमाया का ध्यान, संकट हर ले सब दुःख का।
तेरी महिमा की शक्ति महान, करें नमन तुम्हे हर शाम॥
॥दोहा॥
जो भी करे ध्यान तेरा, सुख-समृद्धि पाए।
योगमाया की महिमा से, भवसागर तर जाए॥
माता योगमाया चालीसा के लाभ
- आध्यात्मिक जागरण: इस चालीसा का पाठ करने से आध्यात्मिक उन्नति और जागरण होता है।
- संकटों का नाश: जीवन के सभी प्रकार के संकट और कष्ट समाप्त होते हैं।
- शक्ति प्राप्ति: माँ योगमाया की कृपा से मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है।
- भय का नाश: जीवन के सभी प्रकार के भय समाप्त होते हैं।
- धन-धान्य की प्राप्ति: आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
- शत्रुओं से रक्षा: शत्रुओं के बुरे प्रभाव से रक्षा होती है।
- मन की शांति: माँ योगमाया की पूजा से मन को शांति मिलती है।
- बाधाओं का नाश: जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का नाश होता है।
- परिवार में सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- आध्यात्मिक शक्ति: साधना में सफलता और आत्मिक शक्ति मिलती है।
- विवाह में सफलता: विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और सफलता मिलती है।
- मनोबल में वृद्धि: मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- कर्म में सफलता: जीवन के सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- सिद्धियों की प्राप्ति: साधना करने वाले भक्तों को सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
- भौतिक सुख: जीवन में भौतिक सुख-शांति और समृद्धि मिलती है।
- मोक्ष की प्राप्ति: जन्म-मरण के बंधनों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- ज्ञान की प्राप्ति: ज्ञान और विवेक में वृद्धि होती है।
- सभी संकटों का निवारण: जीवन के सभी प्रकार के संकटों का निवारण होता है।
माता योगमाया चालीसा पाठ की विधि
दिन: माँ योगमाया चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, विशेष रूप से मंगलवार, शुक्रवार, और नवरात्रि के दिनों को शुभ माना जाता है।
अवधि: इस चालीसा का पाठ 21 दिनों तक लगातार करने से विशेष लाभ मिलता है।
मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में पाठ करना सर्वोत्तम है।
नियम
- स्वच्छता: पाठ से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- आसन: एक स्थिर आसन पर बैठकर चालीसा का पाठ करें।
- ध्यान: पाठ के दौरान माता योगमाया का ध्यान और उनके चित्र या प्रतिमा का पूजन करें।
- संयम: पाठ के दौरान संयम और श्रद्धा बनाए रखें।
- नियमितता: इस चालीसा का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए।
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सावधानियाँ
- श्रद्धा और विश्वास: माँ योगमाया की पूजा करते समय श्रद्धा और विश्वास का होना आवश्यक है।
- आचरण: किसी भी प्रकार के दूषित विचारों या क्रोध को मन में न लाएं।
- स्थिरता: पाठ के दौरान मन को स्थिर रखें और ध्यान को भटकने न दें।
- पवित्रता: पाठ करते समय आसन और पूजा स्थान की पवित्रता बनाए रखें।
- व्रत: यदि संभव हो तो पाठ के दिन व्रत या उपवास रखें।
योगमाया चालीसा-पृश्न उत्तर
माँ योगमाया चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
किसी भी दिन, विशेष रूप से मंगलवार, शुक्रवार और नवरात्रि के दिनों में।
माँ योगमाया चालीसा का पाठ क्यों करें?
- आध्यात्मिक उन्नति, संकटों से मुक्ति और शक्ति प्राप्ति के लिए।
माँ योगमाया चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
- दिन में एक बार नियमित रूप से करना लाभकारी होता है।
क्या माँ योगमाया चालीसा का पाठ किसी विशेष समय पर करना चाहिए?
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में करना उत्तम है।
माँ योगमाया चालीसा का पाठ कौन कर सकता है?
- कोई भी व्यक्ति, जो श्रद्धा और विश्वास रखता है।
माँ योगमाया चालीसा का पाठ किसी भी स्थिति में किया जा सकता है?
- हाँ, स्वच्छता और ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
क्या माँ योगमाया चालीसा का पाठ करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है?
- हाँ, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
क्या माँ योगमाया चालीसा का पाठ बच्चों के लिए लाभकारी है?
- हाँ, बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए।
माँ योगमाया चालीसा का पाठ कहाँ करना चाहिए?
- एक शांत और स्वच्छ स्थान पर।
क्या माँ योगमाया चालीसा का पाठ समूह में किया जा सकता है?
- हाँ, समूह में भी किया जा सकता है।