Monday, December 23, 2024

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Mookambika Mantra for Wisdom & Success

Mookambika Mantra को अद्वितीय शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जो अपने भक्तों की सभी प्रकार की बाधाओं और कष्टों को दूर करती हैं। मूकांबिका मंत्र का जप विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति की कामना करते हैं। मूकांबिका मंत्र का जप अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता का संचार करता है।

मूकांबिका मंत्र व उसका अर्थ

मंत्र

॥ॐ ऐं ह्रीं देवी मूकाम्बिके, सर्वविघ्नानि निवार्य, मां रक्ष रक्ष कुरु कुरु क्लीं नमः॥

“हे देवी मूकांबिके हर विघ्न को दूर कर मेरी रक्षा करे”

अर्थ

  • : ब्रह्माण्ड का मूल ध्वनि और ब्रह्मा, विष्णु, महेश के त्रिदेव का प्रतिनिधित्व करता है।
  • ऐं: सरस्वती देवी का बीज मंत्र है, जो ज्ञान और विद्या का प्रतीक है।
  • ह्रीं: शक्ति का बीज मंत्र है, जो भौतिक और आध्यात्मिक शक्तियों का स्रोत है।
  • देवी मूकाम्बिके: मूकांबिका देवी का आह्वान करता है, जो सभी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने वाली हैं।
  • सर्वविघ्नानि निवार्य: सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना।
  • मां रक्ष रक्ष कुरु कुरु: मेरी रक्षा करें, रक्षा करें, कृपा करें।
  • क्लीं: यह कामदेव का बीज मंत्र है, जो आकर्षण और संबंधों का प्रतीक है।
  • नमः: विनम्रता और समर्पण का संकेत है।

मूकांबिका मंत्र के लाभ

  1. मानसिक शांति: मूकांबिका मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है और मन को स्थिर करता है।
  2. विघ्नों का नाश: जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और विघ्नों का नाश करता है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा: नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  4. ध्यान में वृद्धि: मन को ध्यान और साधना में स्थिर करने में मदद करता है।
  5. सफलता प्राप्ति: जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता दिलाता है।
  6. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक जागरूकता और उन्नति में सहायक होता है।
  7. स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  8. संपत्ति में वृद्धि: आर्थिक स्थिति में सुधार करता है और धन में वृद्धि करता है।
  9. परिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति और प्रेम का संचार करता है।
  10. शत्रु नाश: शत्रुओं से रक्षा करता है और उनका नाश करता है।
  11. ज्ञान का विकास: विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो ज्ञान में वृद्धि करता है।
  12. समृद्धि: जीवन में समृद्धि और उन्नति का रास्ता खोलता है।
  13. संबंधों में सुधार: संबंधों को मजबूत और मधुर बनाने में सहायक होता है।
  14. भय का नाश: सभी प्रकार के भय को दूर करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
  15. आकर्षण शक्ति: व्यक्तित्व में आकर्षण शक्ति का विकास करता है।

मूकांबिका मंत्र जप विधि

  1. मंत्र जप का दिन: मंगलवार और शुक्रवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  2. अवधि: मूकांबिका मंत्र का जप 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।
  3. मुहूर्त: ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या संध्याकाल (शाम 6 से 8 बजे) इसका जप करने के लिए सबसे अच्छा समय होता है।

मूकांबिका मंत्र जप की सामग्री

  • रुद्राक्ष माला: इस माला का प्रयोग जप के लिए किया जा सकता है।
  • मूकांबिका देवी की प्रतिमा या चित्र: इसे पूजा स्थल पर रखें।
  • धूप, दीपक: पूजा के दौरान दीपक जलाएं और धूप का प्रयोग करें।
  • स्फटिक माला: इस माला का भी उपयोग किया जा सकता है।

मूकांबिका मंत्र जप संख्या

  • ११ माला: रोज ११ माला (१०८x११ = ११८८ मंत्र) जप करें। यह संख्या मंत्र के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देती है।

मूकांबिका मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: 20 वर्ष के ऊपर के व्यक्ति मूकांबिका मंत्र का जप कर सकते हैं।
  2. स्त्री-पुरुष: कोई भी स्त्री या पुरुष इस मंत्र का जप कर सकता है।
  3. कपड़े: सफेद, पीले या लाल वस्त्र पहनें। नीले या काले कपड़े न पहनें।
  4. आहार: धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार और नशीले पदार्थों से परहेज करें।
  5. ब्रह्मचर्य: साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. शुद्धता: शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
  7. स्नान: मूकांबिका मंत्र जप से पहले स्नान अवश्य करें।
  8. एकांत: मंत्र जप के लिए शांत और एकांत स्थान का चयन करें।
  9. माला का प्रयोग: माला को दाहिने हाथ में रखें और अंगूठे से न छुएं।
  10. माला की दिशा: माला की दिशा बदलने के लिए माला को उल्टा न करें, बल्कि हाथ बदलें।
  11. मंत्र जप का स्थान: एक ही स्थान पर बैठकर मंत्र जप करें।
  12. सकारात्मक विचार: जप के दौरान केवल सकारात्मक विचार रखें।
  13. अन्य गतिविधियों से बचें: जप के दौरान अन्य गतिविधियों में संलग्न न हों।
  14. आचरण: साधना के दौरान शुद्ध आचरण और सदाचार का पालन करें।
  15. गोपनीयता: साधना को गोपनीय रखें, किसी को न बताएं।

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मूकांबिका मंत्र जप में सावधानियाँ

  1. अनियमितता से बचें: मूकांबिका मंत्र जप में नियमितता बनाए रखें।
  2. शुद्धता का पालन करें: शारीरिक और मानसिक शुद्धता का पालन करें।
  3. आहार में सतर्कता: सात्विक आहार का ही सेवन करें।
  4. साधना का गुप्त रखरखाव: साधना को गोपनीय रखें।
  5. अवरोधों से बचें: साधना के दौरान किसी भी प्रकार के अवरोध से बचें।
  6. ध्यान और एकाग्रता: मूकांबिका मंत्र जप के समय मन को एकाग्र रखें और ध्यान में लीन रहें।
  7. अहंकार से दूर रहें: साधना में अहंकार न रखें, विनम्र रहें।
  8. माला का सम्मान: माला को पूजा स्थल पर रखें और उसका सम्मान करें।
  9. स्नान के बाद ही जप करें: बिना स्नान किए जप न करें।
  10. साधना की अवधि पूरी करें: साधना की अवधि पूरी करें, बीच में न छोड़ें।
  11. मंत्र का उच्चारण सही ढंग से करें: मंत्र का उच्चारण सही ढंग से और स्पष्टता से करें।
  12. अनावश्यक बातचीत से बचें: साधना के दौरान अनावश्यक बातचीत से बचें।
  13. श्रद्धा और विश्वास: साधना के दौरान पूर्ण श्रद्धा और विश्वास बनाए रखें।
  14. किसी भी विकार से बचें: साधना के समय किसी भी विकार या नकारात्मक विचार से बचें।
  15. शांति और धैर्य बनाए रखें: साधना के दौरान शांति और धैर्य बनाए रखें।

मूकांबिका मंत्र के प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: मूकांबिका मंत्र का जप किस समय करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या संध्याकाल (शाम 6 से 8 बजे) करना सबसे अधिक शुभ माना जाता है।

प्रश्न 2: मूकांबिका मंत्र का जप कितने दिन तक करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए। कुछ लोग 41 दिन की साधना भी करते हैं।

प्रश्न 3: मूकांबिका मंत्र का जप करते समय क्या पहनना चाहिए?
उत्तर: जप करते समय सफेद, पीले, या लाल वस्त्र पहनना चाहिए। नीले या काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए।

प्रश्न 6: क्या मूकांबिका मंत्र का जप ध्यान और एकाग्रता के साथ करना आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, मंत्र का जप ध्यान और एकाग्रता के साथ करना आवश्यक है, ताकि मंत्र का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।

प्रश्न 4: मूकांबिका मंत्र का जप करते समय माला का उपयोग कैसे करना चाहिए?
उत्तर: माला को दाहिने हाथ में रखें और अंगूठे से न छुएं। माला की दिशा बदलने के लिए हाथ बदलें, माला को उल्टा न करें।

प्रश्न 5: क्या मूकांबिका मंत्र का जप करते समय साधना को गोपनीय रखना चाहिए?
उत्तर: हाँ, साधना को गोपनीय रखना चाहिए और इसे किसी से साझा नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 6: क्या मूकांबिका मंत्र का जप करते समय ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, ताकि साधना का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

प्रश्न 7: क्या मूकांबिका मंत्र का जप आर्थिक समृद्धि प्रदान करता है?
उत्तर: हाँ, इस मंत्र का जप आर्थिक समृद्धि, धन, और संपत्ति में वृद्धि करता है।

प्रश्न 8: क्या मूकांबिका मंत्र का जप करते समय किसी विशेष दिशा का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: जप के समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना अच्छा होता है।

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