Buy now

spot_img
spot_img

Muladhar Chakra Mantra – Benefits & Significance

मूलाधार मंत्र: स्थिरता, आत्मविश्वास और आंतरिक शांति का जागरण

मूलाधार चक्र मंत्र का प्रयोग कुंडलिनी शक्ति के जागरण के लिए किया जाता है। मूलाधार चक्र हमारी ऊर्जा का आधार है, और इसे जागृत करने से हमारे जीवन में स्थिरता, सुरक्षा, और आत्मविश्वास का संचार होता है। इस मंत्र का नियमित जप हमारे चक्र को सक्रिय कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

मूलाधार चक्र मंत्र का महत्व

मूलाधार चक्र मंत्र का महत्व इसलिए है क्योंकि यह चक्र हमारे भौतिक अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। जब यह चक्र जागृत होता है, तो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक स्थिरता प्राप्त होती है, और यह आत्मा को शांति और संबल प्रदान करता है।

मूलाधार चक्र मंत्र का उद्देश्य

मूलाधार चक्र मंत्र का उद्देश्य कुंडलिनी शक्ति को जागृत करना है। इस मंत्र से मूलाधार चक्र की ऊर्जा संतुलित होती है और व्यक्ति अपने जीवन में सुरक्षा, स्थिरता और आत्मविश्वास का अनुभव करता है।

मूलाधार चक्र मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

मूलाधार चक्र मंत्र का उच्चारण व्यक्ति को स्थिरता, सुरक्षा, और आत्म-विश्वास प्रदान करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र कुंडलिनी शक्ति को जाग्रत करने में सहायक है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

॥ॐ ह्रीं लं कुंडलेश्वरी लं नमः॥

इस मंत्र का संपूर्ण अर्थ निम्नलिखित है:

  • : यह ब्रह्मांड की सर्वोच्च ध्वनि है, जो सभी ऊर्जा का स्रोत है।
  • ह्रीं: यह शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का बीज मंत्र है। यह साधक की आंतरिक शक्ति को जाग्रत करता है और उसे आत्मिक संतुलन प्रदान करता है।
  • लं: यह बीज मंत्र मूलाधार चक्र का प्रतीक है, जो धरती तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। यह साधक को स्थिरता और सुरक्षा का अनुभव कराता है।
  • कुंडलेश्वरी: यह कुंडलिनी शक्ति की देवी का नाम है। यह आंतरिक शक्ति को जाग्रत करने वाली देवता हैं, जो व्यक्ति को आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाती हैं।
  • लं: यह बीज मंत्र एक बार फिर मूलाधार चक्र को संबोधित करता है, और उसे स्थिर और सक्रिय करता है।
  • नमः: इसका अर्थ है विनम्रता और समर्पण। साधक अपने अहंकार का त्याग कर इस शक्ति के समक्ष समर्पण करता है।

इस मंत्र का जप करते समय साधक को स्थिरता और आत्म-विश्वास का अनुभव होता है। इसके नियमित अभ्यास से मूलाधार चक्र संतुलित होता है, जो कुंडलिनी जागरण की प्रक्रिया का पहला चरण है।

मूलाधार चक्र मंत्र की शक्ति

मूलाधार चक्र मंत्र में आत्मा को संतुलित करने की शक्ति होती है। इसके नियमित जप से चक्रों की जागरूकता बढ़ती है और जीवन में स्थिरता आती है।

मूलाधार चक्र मंत्र के शारीरिक लाभ

  1. ऊर्जा का संचार: शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है, जिससे व्यक्ति अधिक ऊर्जावान महसूस करता है।
  2. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
  3. शारीरिक शक्ति में सुधार: शरीर की ताकत बढ़ती है, और व्यक्ति शारीरिक कार्यों में अधिक सक्षम होता है।
  4. हड्डियों और जोड़ों की मजबूती: यह चक्र हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है, जिससे दर्द और जकड़न में राहत मिलती है।
  5. शरीर की स्थिरता: शरीर में स्थिरता और संतुलन आता है, जिससे व्यक्ति अधिक स्थिर महसूस करता है।
  6. पौरुष शक्तिः पौरुष शक्ति मे बृद्धि होती है
  7. चमकः चेहरे पर चमक आने लगती है
  8. गुप्तांगः गुप्तांग से लेकर पैर की उंगलियों तक लाभ मिलता है

मूलाधार चक्र मंत्र के मानसिक लाभ

  1. मानसिक शांति: यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है और व्यक्ति की चिंता कम होती है।
  2. भावनात्मक स्थिरता: भावनाओं में संतुलन आता है, जिससे व्यक्ति अधिक आत्म-नियंत्रित महसूस करता है।
  3. आत्मविश्वास में वृद्धि: इस मंत्र का जप आत्मविश्वास को बढ़ाता है और व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनता है।
  4. ध्यान केंद्रित करने की क्षमता: मानसिक एकाग्रता में सुधार होता है, जिससे व्यक्ति ध्यान और साधना में अधिक सफल होता है।
  5. सकारात्मक सोच: नकारात्मक विचार कम होते हैं और व्यक्ति सकारात्मकता की ओर आकर्षित होता है।

मूलाधार चक्र मंत्र के आध्यात्मिक लाभ

  1. कुंडलिनी जागरण में सहायक: मूलाधार चक्र जागृत होने से कुंडलिनी ऊर्जा को जागृत करने की प्रक्रिया शुरू होती है।
  2. आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत: यह व्यक्ति की आध्यात्मिक यात्रा का पहला कदम है, जिससे आत्म-साक्षात्कार की दिशा में बढ़ा जा सकता है।
  3. आत्म-ज्ञान की प्राप्ति: साधक को आत्मा और शरीर के संबंध की समझ प्राप्त होती है।
  4. आध्यात्मिक स्थिरता: आध्यात्मिकता में गहराई और स्थिरता प्राप्त होती है, जो साधना के दौरान सहायक होती है।
  5. दिव्यता का अनुभव: साधक को दिव्य ऊर्जा का अनुभव होता है और वह अपने भीतर गहन शांति महसूस करता है।

मूलाधार चक्र मंत्र पूजा सामग्री

साधक को निम्नलिखित सामग्री का उपयोग करना चाहिए:

  • दीपक, अगरबत्ती, लाल पुष्प, रुद्राक्ष माला,

मंत्र जप की विधि

  • जप का दिन: साधक को इस मंत्र का जप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए।
  • अवधि: लगातार 11 दिन तक इस मंत्र का जप करें।
  • मुहूर्त: सर्वोत्तम समय प्रातः 4 से 6 बजे के बीच का है।

मंत्र जप संख्या

साधक को 11 माला (1188 मंत्र) रोज जप करना चाहिए।

मंत्र जप के नियम

  • उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  • स्त्री-पुरुष कोई भी इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  • धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से परहेज करें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें।

know more about kundalini chakra mantra vidhi

जप में सावधानियां

साधक को मानसिक और शारीरिक रूप से शुद्ध रहना चाहिए और आध्यात्मिक नियमों का पालन करना चाहिए।

Spiritual store

मूलाधार चक्र मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: क्या मूलाधार चक्र मंत्र किसी को भी जपने की अनुमति है?
उत्तर: हाँ, परंतु साधक को उम्र और नियमों का पालन करना चाहिए।

प्रश्न 2: क्या मूलाधार चक्र मंत्र जप से मानसिक लाभ होते हैं?
उत्तर: हाँ, इससे मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता प्राप्त होती है।

प्रश्न 3: मूलाधार चक्र मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: साधक को रोजाना 11 माला (1188 मंत्र) का जप करना चाहिए।

प्रश्न 4: क्या इस मंत्र का जप आध्यात्मिक विकास में सहायक है?
उत्तर: हाँ, यह मंत्र कुंडलिनी जागरण में सहायक है।

प्रश्न 5: क्या मूलाधार चक्र का जागरण सुरक्षित है?
उत्तर: हाँ, सही नियमों का पालन करने पर यह सुरक्षित है।

प्रश्न 6: मूलाधार चक्र मंत्र का जप कब करना चाहिए?
उत्तर: प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में करना सर्वोत्तम है।

प्रश्न 7: क्या इस मंत्र का जप शारीरिक लाभ देता है?
उत्तर: हाँ, यह शरीर को मजबूत और ऊर्जावान बनाता है।

प्रश्न 8: क्या इस मंत्र के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता है?
उत्तर: हाँ, पूजा सामग्री जैसे दीपक, अगरबत्ती, और रुद्राक्ष माला आवश्यक हैं।

प्रश्न 9: क्या मूलाधार चक्र मंत्र से आत्मविश्वास बढ़ता है?
उत्तर: हाँ, यह आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है।

प्रश्न 10: क्या गुरु की आवश्यकता होती है?
उत्तर: गुरु का मार्गदर्शन लाभकारी हो सकता है, लेकिन अनिवार्य नहीं है।

प्रश्न 11: क्या मूलाधार चक्र मंत्र का जप किसी विशेष दिन पर किया जा सकता है?
उत्तर: इसे किसी भी दिन शुरू किया जा सकता है, लेकिन लगातार 11 दिन जप करें।

प्रश्न 12: क्या यह मंत्र केवल हिंदू धर्म के लिए है?
उत्तर: नहीं, कोई भी व्यक्ति जो आध्यात्मिक विकास चाहता है, इस मंत्र का उपयोग कर सकता है।

इस तरह, मूलाधार चक्र मंत्र साधना से साधक अपने जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और आत्मविश्वास का संचार कर सकता है।

BOOK (29-30 MARCH 2025) PRATYANGIRA SADHANA SHIVIR AT DIVYAYOGA ASHRAM (ONLINE/ OFFLINE)

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Select Sdhana Shivir Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency