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Padmavati Mantra – Unlock Wealth and Prosperity

पद्मावती मंत्र: शक्ति, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने का रहस्य

पद्मावती मंत्र देवी पद्मावती की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है, जो भौतिक सुखों, रोजगार, व्यापार उन्नति और कर्ज मुक्ति जैसी समस्याओं का समाधान करने में सहायक होता है। इस मंत्र के नियमित जप से व्यक्ति जीवन में आर्थिक समृद्धि, शांति और मानसिक संतुलन प्राप्त कर सकता है।

दिग्बंधन मंत्र (दसों दिशाओं का सुरक्षा कवच)

साधना के दौरान नकारात्मक ऊर्जाओं से बचने के लिए दिग्बंधन मंत्र का जप किया जाता है:
“ॐ नमोऽस्तु भद्रं सर्वभूतानि पश्यन्तु, दिग्बंधनमस्तु।”
इस मंत्र का अर्थ है कि सभी दिशाओं से सुरक्षा कवच तैयार हो, ताकि साधक को कोई नकारात्मक ऊर्जा या बाधा प्रभावित न कर सके।

पद्मावती मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

पद्मावती मंत्र:
“ॐ ऐं ह्रीं श्रीं पद्मावती देव्यै क्लीं नमः”

अर्थ:
यह मंत्र देवी पद्मावती की शक्ति, समृद्धि और कृपा को आकर्षित करने के लिए है।

  • : ब्रह्मांड की शाश्वत ध्वनि, जो पूरे ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रतीक है।
  • ऐं : ज्ञान और बुद्धि का बीज मंत्र, जो साधक को विवेक और समझ प्रदान करता है।
  • ह्रीं : आध्यात्मिक शक्ति और हृदय की पवित्रता का प्रतीक है, जो साधक की आत्मा को शुद्ध करता है।
  • श्रीं : लक्ष्मी और समृद्धि का बीज मंत्र, जो धन, सुख और वैभव की वृद्धि करता है।
  • पद्मावती देव्यै : देवी पद्मावती का नाम, जो धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य की देवी हैं।
  • क्लीं : आकर्षण, प्रेम और आंतरिक शक्ति का बीज मंत्र है, जो साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
  • नमः : समर्पण और श्रद्धा का भाव, जिससे साधक देवी को प्रणाम करता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करता है।

यह मंत्र साधक को धन, समृद्धि, मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करता है। नियमित जप से देवी की कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

पद्मावती मंत्र के लाभ

  1. भौतिक सुखों में वृद्धि
  2. रोजगार में वृद्धि
  3. कर्ज से मुक्ति
  4. व्यापार में उन्नति
  5. नौकरी में प्रगति
  6. मानसिक शांति
  7. आत्मविश्वास में वृद्धि
  8. आर्थिक समृद्धि
  9. पारिवारिक सुख
  10. बाधाओं से मुक्ति
  11. नए अवसर प्राप्त होना
  12. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य
  13. उच्च शिक्षा में सफलता
  14. संतान प्राप्ति
  15. विवाह में अड़चन दूर होना
  16. शत्रुओं से सुरक्षा
  17. जीवन में स्थिरता और शांति

पूजा सामग्री एवं मंत्र विधि

मंत्र जप का दिन, अवधि, और मुहूर्त

मंत्र जप के लिए शुक्ल पक्ष का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। सुबह के समय, ब्रह्म मुहूर्त में यह जप किया जाना चाहिए। मंत्र साधना की अवधि ११ से २१ दिन रखी जा सकती है। इसमे ५० ग्राम धनिया लेकर माता पद्मावती की फोटो के सामने रखे और ११ से २१ माला यानी ११८८ से २२६८ मंत्र रोज जपे। साधना समाप्त होने के बाद किसी लाल कपड़े मे धनियां को बांधकर अपने गल्ले मे, घर, ऑफिस, दुकान मे रख दे।

पूजा सामग्री

  • पीले या सफेद वस्त्र
  • चंदन या कुमकुम
  • फूल, विशेषकर कमल
  • धूप, दीपक
  • शुद्ध जल
  • प्रसाद (गुड़, नारियल)

मंत्र जप की संख्या

प्रति दिन ११ माला (११८८ मंत्र) का जप करना चाहिए। नियमित रूप से इस मंत्र का जप ११ से २१ दिनों तक किया जा सकता है।

मंत्र जप के नियम

  1. मंत्र जप करने वाले की उम्र २० वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों यह मंत्र जप कर सकते हैं।
  3. नीले और काले वस्त्र न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप में सावधानियां

  • मंत्र जप करते समय शुद्धता का ध्यान रखें।
  • मन को एकाग्र कर मंत्र का उच्चारण करें।
  • आसपास का वातावरण शांत और सकारात्मक होना चाहिए।
  • अशुद्ध मन से मंत्र जप न करें।

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पद्मावती मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1:पद्मावती मंत्र का क्या महत्व है?
उत्तर:पद्मावती मंत्र देवी पद्मावती की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावी है। यह मंत्र धन, सुख, मानसिक शांति और समृद्धि लाता है। इसके नियमित जप से व्यक्ति जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है।

प्रश्न 2:पद्मावती मंत्र किसे जपना चाहिए?
उत्तर:20 वर्ष से अधिक उम्र के स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं। जो व्यक्ति भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति की इच्छा रखते हैं, वे इसका जप कर सकते हैं, बशर्ते वे नियमों का पालन करें।

प्रश्न 3:क्या नीले या काले वस्त्र पहनकर मंत्र जप कर सकते हैं?
उत्तर:नहीं, नीले और काले वस्त्र पहनकर मंत्र जप नहीं करना चाहिए। साधक को सफेद या पीले वस्त्र धारण करने चाहिए, जो शांति और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं।

प्रश्न 4:मंत्र जप का सबसे शुभ समय क्या है?
उत्तर:मंत्र जप का सबसे शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक) होता है। इस समय वातावरण शांत और ऊर्जा अधिक प्रभावी होती है।

प्रश्न 5:पद्मावती मंत्र का जप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर:साधक को 11 से 21 दिन तक नियमित रूप से मंत्र का जप करना चाहिए। इस अवधि के दौरान नियमों का पालन और एकाग्रता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 6:मंत्र जप की कुल संख्या क्या होनी चाहिए?
उत्तर:प्रति दिन 11 माला, यानी 1188 मंत्र का जप करना चाहिए। इसका अर्थ है कि प्रति दिन 11 माला का जप साधक के लिए अनिवार्य माना जाता है।

प्रश्न 7:क्या पद्मावती मंत्र से रोजगार और व्यापार में उन्नति होती है?
उत्तर:हां, पद्मावती मंत्र से रोजगार में वृद्धि, व्यापार में उन्नति और कर्ज से मुक्ति के लाभ होते हैं। देवी की कृपा से साधक को आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है।

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