पारिजातेश्वरी मंत्र: गूढ़ ज्ञान, वाणी प्रभाव व जीवन में सफलता
पारिजातेश्वरी मंत्र “मंत्र महोदधि” के अनुसार माता सरस्वती का प्रचंड शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र गूढ़ विषयों को समझने की शक्ति, रहस्यों की खोज करने की योग्यता, याददाश्त बढ़ाने, वाणी को प्रभावशाली बनाने, भाषण कला, और मार्केटिंग में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायक है। इस मंत्र के प्रभाव से साधक अपने मानसिक और आध्यात्मिक विकास में उन्नति करता है। यह मंत्र, पारिजात पुष्प के समान दुर्लभ और अद्वितीय है, जो साधक को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है।
मंत्र विनियोग
विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य श्री पारिजातेश्वरी मंत्रस्य, ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छंदः, सरस्वती देवता, सरस्वती प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः॥”
विनियोग मंत्र का अर्थ:
- ॐ: यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा और परमात्मा का प्रतीक है।
- अस्य श्री पारिजातेश्वरी मंत्रस्य: इस पवित्र पारिजातेश्वरी मंत्र का।
- ब्रह्मा ऋषिः: इस मंत्र के ऋषि ब्रह्मा हैं, जिन्होंने इसे प्रसारित किया।
- गायत्री छंदः: इस मंत्र का छंद गायत्री है, जो शक्ति और ज्ञान का प्रतीक है।
- सरस्वती देवता: इस मंत्र की अधिष्ठात्री देवी माता सरस्वती हैं।
- सरस्वती प्रीत्यर्थे: माता सरस्वती की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए।
- जपे विनियोगः: इस मंत्र का उपयोग जप और ध्यान के लिए होता है।
उपयोग:
विनियोग मंत्र के द्वारा साधक अपनी साधना को एक स्पष्ट उद्देश्य और दिशा प्रदान करता है। यह मंत्र जप से पहले उच्चारित किया जाता है ताकि साधना को सफल और फलदायी बनाया जा सके।
मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
पारिजातेश्वरी मंत्र:
॥ॐ ह्रीं हं सं कं लं ह्रैं ह्रीं उं सरस्वतेय नमः॥
मंत्र का अर्थ:
- ॐ: ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक।
- ह्रीं: दिव्य चेतना और शक्ति को जाग्रत करता है।
- हं: आत्मबल और साहस का प्रतीक।
- सं: आध्यात्मिक उन्नति और सत्य की खोज।
- कं: मन की शांति और संतुलन।
- लं: स्थायित्व और शक्ति।
- ह्रैं ह्रीं उं: ज्ञान, बुद्धिमत्ता और वाणी में प्रभाव।
- सरस्वतेय नमः: माता सरस्वती को नमन।
विधि
२५० ग्राम चावल को किसी कटोरी मे रखकर अपने सामने रखे। घी का दीपक जलाये। अब सामने बैठकर ५ दिन २० मिनट मंत्र का जप करे। जप के बाद उस चावल मे दूध व शक्कर डालकर खीर बनाये और स्वयं व परिवार को खिलायें।
पारिजातेश्वरी मंत्र के लाभ
- गूढ़ विषयों को समझने की क्षमता बढ़ती है।
- रहस्यों की खोज में योग्यता विकसित होती है।
- याददाश्त तेज होती है।
- वाणी प्रभावशाली बनती है।
- भाषण कला में निपुणता मिलती है।
- मार्केटिंग और संवाद कौशल में सुधार होता है।
- आत्मविश्वास बढ़ता है।
- मानसिक तनाव कम होता है।
- आध्यात्मिक जागरूकता का विकास होता है।
- परीक्षा और प्रतियोगिताओं में सफलता मिलती है।
- बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
- कला और संगीत में कुशलता बढ़ती है।
- कठिन परिस्थितियों में निर्णय लेने की शक्ति मिलती है।
- मन और आत्मा का शुद्धिकरण होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- जीवन में सफलता और शांति प्राप्त होती है।
जप काल में इन चीजों के सेवन ज्यादा करें
- शुद्ध शाकाहारी भोजन करें।
- ताजे फल और दूध का सेवन करें।
- तुलसी और गंगाजल का प्रयोग करें।
- हल्का और सुपाच्य भोजन ग्रहण करें।
- ध्यान और प्राणायाम के लिए उपयुक्त आहार लें।
मंत्र जप के नियम
- साधक की उम्र 18 वर्ष या अधिक होनी चाहिए।
- रोजाना 20 मिनट मंत्र जप करें।
- स्त्री-पुरुष कोई भी जप कर सकता है।
- नीले या काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- जप के समय मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें।
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पारिजातेश्वरी मंत्र जप में सावधानी
- जप का उपयुक्त दिन: बुधवार या गुरुवार।
- समय: सुबह 4 से 6 बजे (ब्रह्म मुहूर्त)।
- जप के समय आसन का प्रयोग करें।
- शांत और स्वच्छ स्थान पर जप करें।
- मन को एकाग्र रखते हुए मंत्र का उच्चारण करें।
पारिजातेश्वरी मंत्र: संबंधित प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: पारिजातेश्वरी मंत्र क्यों प्रभावशाली है?
उत्तर: यह मंत्र गूढ़ ज्ञान, वाणी प्रभाव और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अद्वितीय है।
प्रश्न 2: मंत्र जप में कौन-सा दिन उपयुक्त है?
उत्तर: बुधवार और गुरुवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
प्रश्न 3: मंत्र जप कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: कम से कम 20 मिनट जप करना चाहिए।
प्रश्न 4: क्या महिलाएं इस मंत्र का जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, स्त्री और पुरुष दोनों मंत्र जप कर सकते हैं।
प्रश्न 5: क्या मांसाहार करने वाले मंत्र जप कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, मांसाहार से बचना आवश्यक है।
प्रश्न 6: क्या विद्यार्थी इस मंत्र का लाभ ले सकते हैं?
उत्तर: हां, यह मंत्र विद्यार्थियों की बुद्धि और याददाश्त को तेज करता है।
प्रश्न 7: क्या यह मंत्र धन प्राप्ति में सहायक है?
उत्तर: यह मंत्र बुद्धि और कौशल बढ़ाकर सफलता की ओर ले जाता है।
प्रश्न 8: मंत्र जप का सही समय क्या है?
उत्तर: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जप सबसे प्रभावी होता है।
प्रश्न 9: क्या इस मंत्र के लिए विशेष आसन आवश्यक है?
उत्तर: हां, कुश या रेशमी आसन पर बैठकर जप करना चाहिए।
प्रश्न 10: मंत्र जप के लिए कौन सा माला उपयोगी है?
उत्तर: रुद्राक्ष या सफेद चंदन की माला का उपयोग करें।
प्रश्न 11: क्या मंत्र जप के दौरान धूप और दीप आवश्यक हैं?
उत्तर: हां, यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
प्रश्न 12: क्या यह मंत्र मानसिक तनाव को कम करता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है।