गुरूवार, नवम्बर 7, 2024

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Pitambara Mantra & Its Magical Effects

पीतांबरा मंत्र: सफलता और समृद्धि के लिए शक्तिशाली साधना

पीतांबरा मंत्र को अत्यधिक शक्तिशाली और मंगलकारी माना जाता है। यह मंत्र माँ बगलामुखी का एक महत्वपूर्ण मंत्र है, जो सभी कार्यों को सफलता दिलाने, शत्रुओं को वश में करने और जीवन में सुख, समृद्धि एवं शांति लाने के लिए सिद्ध है। यह मंत्र न केवल हमारे भीतर आत्मबल का संचार करता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को भी समाप्त करता है।

पीतांबरा मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

पीतांबरा मंत्र का उच्चारण करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाए। यह मंत्र माँ बगलामुखी की कृपा को प्राप्त करने और सभी कार्यों में सफलता पाने के लिए जपा जाता है।

मंत्र:
ॐ ह्लीं पीतांबरे सर्वार्थ मंगलं सिद्धिम् देही ह्ल्रीं स्वाहा।

मंत्र का अर्थ

  • : यह एक परम ध्वनि है, जो सृष्टि के आरंभ और समापन का प्रतीक है। इसका उच्चारण करने से साधक की ऊर्जा सकारात्मक बनती है।
  • ह्लीं: यह बीज मंत्र है, जो माँ बगलामुखी की शक्तियों का प्रतीक है। इससे मानसिक बल और शक्ति का संचार होता है।
  • पीतांबरे: यहाँ “पीतांबरे” का अर्थ है पीले वस्त्रधारी। माँ बगलामुखी को पीले रंग का वस्त्र धारण करने वाली देवी माना जाता है, जो समृद्धि, सुख और संतोष का प्रतीक है।
  • सर्वार्थ: इसका अर्थ है सभी प्रकार के कार्य। यह शब्द यह दर्शाता है कि इस मंत्र का जाप सभी कार्यों में सफलता की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
  • मंगलं: इसका अर्थ है मंगल और शुभता। यह दर्शाता है कि साधक माँ से मंगलकारी फल की प्रार्थना कर रहा है।
  • सिद्धिम्: इसका अर्थ है सिद्धि या पूर्णता। यहाँ साधक यह प्रार्थना करता है कि माँ उसे सिद्धि प्रदान करें, जिससे उसके सभी कार्य पूर्ण हो सकें।
  • देही: इसका अर्थ है ‘मुझे दे’ या ‘मुझे प्रदान करें’। साधक माँ से उनके आशीर्वाद और कृपा की प्रार्थना कर रहा है।
  • ह्ल्रीं: यह भी एक बीज मंत्र है, जो विशेष रूप से शक्ति और समृद्धि के लिए जपा जाता है।
  • स्वाहा: इसका अर्थ है ‘स्वाहा’ या ‘स्वीकार करें’। यह शब्द आहुति या समर्पण के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता है।

संपूर्ण अर्थ:

इस मंत्र का संपूर्ण अर्थ है: “हे माँ पीतांबरा, आप मुझे सभी कार्यों में मंगल और सफलता प्रदान करें। आपकी शक्ति से मुझे पूर्णता एवं सिद्धि प्राप्त हो। आपकी कृपा से मेरे सभी कार्य सफल हों।”

जप के समय सेवन करने योग्य चीजें

जब आप मंत्र जप कर रहे होते हैं, तो कुछ विशेष आहार और चीजें हैं जिन्हें सेवन करने से लाभ मिलता है। यहाँ पर कुछ चीजें दी गई हैं जो जप के समय अधिक उपयुक्त मानी जाती हैं:

  1. दूध:
    दूध सेहत के लिए फायदेमंद होता है और यह मानसिक शांति भी प्रदान करता है। जप के समय दूध का सेवन करना शुभ माना जाता है।
  2. फलों का सेवन:
    ताजे फल, जैसे केला, सेब, संतरा, और अंगूर, जप के दौरान ऊर्जा प्रदान करते हैं और स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं।
  3. हल्का आहार:
    जप के समय हल्का आहार लेना बेहतर होता है। चपाती, दाल, और सब्जी का सेवन करना शुभ माना जाता है।
  4. शहद:
    शहद प्राकृतिक ऊर्जा का स्रोत होता है और यह मन को शांत रखने में मदद करता है।
  5. सूखे मेवे:
    किशमिश, अखरोट, और बादाम जैसे सूखे मेवे मानसिक शक्ति बढ़ाते हैं और ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं।
  6. पानी:
    जप के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है, क्योंकि यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और ऊर्जा बनाए रखता है।
  7. जड़ी-बूटियाँ:
    तुलसी और अदरक जैसे प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करती हैं।

सेवन से बचने योग्य चीजें

  • प्याज और लहसुन:
    इनका सेवन जप के समय नहीं करना चाहिए क्योंकि इन्हें तामसिक भोजन माना जाता है।
  • मांसाहार:
    जप के समय मांसाहार से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह मानसिक शांति को भंग कर सकता है।
  • धूम्रपान और मद्यपान:
    ये आदतें भी जप के दौरान नहीं अपनानी चाहिए, क्योंकि ये ऊर्जा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

जप के समय सही चीजों का सेवन करने से मन को शांति मिलती है और साधना में अधिक लाभ मिलता है।

पीतांबरा मंत्र के लाभ

  1. सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  2. शादी व्याह मे सफलता।
  3. संतान सुख।
  4. भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
  5. मनपसंद जीवन साथी।
  6. मन की शांति मिलती है।
  7. संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  8. जीवन में समृद्धि आती है।
  9. परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनता है।
  10. मानसिक तनाव कम होता है।
  11. शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
  12. धन और संपत्ति में वृद्धि होती है।
  13. बुरे सपनों से मुक्ति मिलती है।
  14. आरोग्यता की प्राप्ति होती है।
  15. करियर में सफलता मिलती है।
  16. सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है।
  17. ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
  18. नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है।

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पीतांबरा मंत्र पूजा सामग्री और विधि

पूजा सामग्री:

  • चन्दन की माला, हल्दी का टुकड़ा, दीपक, धूप, पीले फूल, केसर, पीली मिठाई।

पूजा विधि

  1. पीले वस्त्र धारण करें।
  2. दीपक जलाएं और माँ बगलामुखी का ध्यान करें।
  3. हल्दी को सामने रखकर मंत्र जप करे।
  4. “ॐ ह्लीं पीतांबरे सर्वार्थ मंगलं सिद्धिम् देही ह्ल्रीं स्वाहा।” मंत्र का २० मिनट जप करें।
  5. जप के बाद हल्दी को किसी पीले कपड़े मे बांधकर अपने पूजाघर मे रखे।

पीतांबरा मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त

  • दिन: मंगलवार या शनिवार से प्रारंभ करें।
  • अवधि: २१ दिन तक।
  • समय: ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 से 6 बजे के बीच।
  • दैनिक जप: 20 मिनट तक मंत्र का जाप करें।

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पीतांबरा मंत्र जप के नियम

  1. 20 वर्ष से अधिक उम्र वाले स्त्री और पुरुष कोई भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
  2. ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें।
  3. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का त्याग करें।
  4. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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पीतांबरा मंत्र जप में सावधानियाँ

  1. पूजा स्थल साफ और शांत हो।
  2. मन में संदेह न रखें।
  3. पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ जाप करें।

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पीतांबरा मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: पीतांबरा मंत्र क्या है?
उत्तर: पीतांबरा मंत्र माँ बगलामुखी का शक्तिशाली मंत्र है, जो सभी कार्यों को सफल बनाने और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए जप किया जाता है।

प्रश्न 2: पीतांबरा मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र का जाप ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 से 6 बजे के बीच करना श्रेष्ठ माना गया है। शनिवार या मंगलवार से प्रारंभ करना लाभकारी होता है।

प्रश्न 3: पीतांबरा मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जाप रोजाना 20 मिनट तक किया जा सकता है, या 108 बार एक माला पूरी करनी चाहिए।

प्रश्न 4: क्या पीतांबरा मंत्र सभी के लिए लाभकारी है?
उत्तर: हाँ, 20 वर्ष से अधिक उम्र वाले स्त्री-पुरुष दोनों इसे कर सकते हैं, अगर वे पूरी श्रद्धा और नियमों का पालन करें।

प्रश्न 5: क्या पीले वस्त्र पहनना अनिवार्य है?
उत्तर: हाँ, पीले वस्त्र पहनना मंत्र साधना में शुभ माना जाता है, और काले या नीले वस्त्र से बचना चाहिए।

प्रश्न 6: पीतांबरा मंत्र के जाप में क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर: जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें। ब्रह्मचर्य का पालन भी अनिवार्य है।

प्रश्न 7: क्या पीतांबरा मंत्र का जाप विशेष मुहूर्त में करना आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, शुभ मुहूर्त और ग्रहदोषों के निवारण के लिए उपयुक्त समय का चयन करने से मंत्र सिद्धि जल्दी मिल सकती है।

प्रश्न 8: क्या इस मंत्र से शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है?
उत्तर: हाँ, यह मंत्र शत्रुओं को वश में करने और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

प्रश्न 9: पीतांबरा मंत्र में कौन सा देवता साध्य है?
उत्तर: पीतांबरा मंत्र में माँ बगलामुखी साध्य हैं, जो कार्यों की सफलता एवं शत्रुनाश के लिए प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 1०: क्या महिलाओं को भी यह मंत्र जप करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं, परंतु सावधानीपूर्वक नियमों का पालन करें।

प्रश्न 1१: पीतांबरा मंत्र का जाप कितने दिनों तक करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जाप २१ दिन तक प्रतिदिन किया जा सकता है, जिससे इसका संपूर्ण लाभ प्राप्त होता है।

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