Saturday, December 14, 2024

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Pitru Kavacham – Blessings from Ancestral Spirits

पितृ कवचम् – कैसे इस शक्तिशाली मंत्र से पाएं पूर्वजों का आशीर्वाद

पितृ कवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र माना जाता है जो पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। यह कवच व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्त करता है और पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्रदान करता है। पितृ कवचम् पाठ करने से परिवार में सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है। यह साधना विशेष रूप से श्राद्ध पक्ष में की जाती है, लेकिन इसे किसी भी समय किया जा सकता है।

संपूर्ण पितृ कवचम् और उसका अर्थ

पितृ कवचम्:

ॐ पितृ देवाय विद्महे जगत् प्रबोधाय धीमहि। तन्नो पितरो प्रचोदयात्॥

अर्थ: हम पितृ देवता की आराधना करते हैं, जो हमें जीवन की सच्ची दिशा और जागरूकता प्रदान करते हैं। हे पितरों, हमें ज्ञान और पवित्रता के मार्ग पर प्रेरित करें।

ॐ नमः पितृभ्यः। यमाय धर्मराजाय मृत्यवे चान्तकाय च। वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च। औदुम्बराय दध्नाय नीलाय परमेष्ठिने। वृकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नमः॥

अर्थ: हे पितरों, यमराज, धर्मराज, मृत्यु, अंतक, वैवस्वत, काल, सभी जीवों का क्षय करने वाले, औदुम्बर, दध्न, नील, परमेष्ठी, वृकोदर, चित्र और चित्रगुप्त – आप सभी को हमारा नमन है। आप सबके प्रति हमारी श्रद्धा अर्पित है।

ॐ य एते पितरो देवाः पितरश्चोपधावत। तेभ्यः स्वधायै मह्यं च पितृभ्यश्च नमो नमः॥

अर्थ: जो पितृ देवता हैं और जो पितर हमारे पास आते हैं, उन सभी को हमारी ओर से प्रणाम। स्वधा और हमारी रक्षा करने वाले पितरों को हमारा बार-बार नमन।

ॐ यं वेधसः पितरो लोकसाधाः पूर्वे यज्ञं कृतवांस्तेषु नः शमिंद्धि॥

अर्थ: वेदों के ज्ञाता और लोक को साधने वाले पूर्वज पितरों ने जो यज्ञ किया था, हे पितरों, उनमें हमें भी शामिल करें और हमें शांति प्रदान करें।

ॐ नमः कश्यपाय क्रतवे सप्तार्षये दक्षाय वरुणाय नमः सोमाय पितृमते नमः॥

अर्थ: कश्यप, क्रतु, सप्तर्षि, दक्ष, वरुण और पितृमंत सोम को हमारा नमन। आप सभी के प्रति हमारी गहरी श्रद्धा और आदर।

ॐ पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वाहा। तर्पयामि स्वधां काले स्वधां चितराये च। स्वधा विप्रदाय पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वाहा॥ अर्थ: हे पितरों, हम आपको स्वधा के साथ तर्पण करते हैं। समय पर स्वधा और चितर के साथ, स्वधा और विप्र को, और सभी पितरों को, जो स्वधा में विश्वास रखते हैं, हम तर्पण करते हैं।

ॐ नमः शिवाय पितृमते नमः। शिवाय विश्वेश्वराय महादेवाय नमः॥

अर्थ: शिव, पितृमत, और महादेव को हमारा नमन। शिव, जो विश्व के ईश्वर हैं और सबका कल्याण करते हैं, आपको हमारा नमन।

ॐ नमो नीलगंधाय नीलग्रीवाय धीमहि। तन्नः पितरो प्रचोदयात्॥

अर्थ: हम नील गंध वाले, नील ग्रीव वाले पितरों की आराधना करते हैं। हे पितरों, हमें सही मार्ग पर प्रेरित करें।

    भावार्थ:

    यह पितृ कवचम् पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्रदान करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है। इसमें विभिन्न पितृ देवताओं का स्मरण किया जाता है और उनसे प्रार्थना की जाती है कि वे हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें। पितृ कवचम् का पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर व्यक्ति अपने जीवन को सुदृढ़ और संतुलित बना सकता है।

    यह कवच हमें यह सिखाता है कि हमारे पूर्वजों का सम्मान और उनकी कृपा प्राप्ति ही हमारे जीवन की सफलता और संतुलन का मूल है। पितृ कवचम् का पाठ करते समय हमें मन में श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का भाव रखना चाहिए, ताकि हम पितरों की कृपा और आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल और सुखी बना सकें।

    पितृ कवचम् के लाभ

    1. पितृ दोष से मुक्ति।
    2. पूर्वजों की आत्माओं को शांति।
    3. परिवार में सुख-शांति।
    4. मानसिक शांति और स्थिरता।
    5. आर्थिक समस्याओं का समाधान।
    6. स्वास्थ्य में सुधार।
    7. आध्यात्मिक उन्नति।
    8. संतान प्राप्ति में सहायक।
    9. परिवार में आपसी प्रेम बढ़ता है।
    10. जीवन में समृद्धि और धन प्राप्ति।
    11. नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
    12. कर्म दोष का निवारण।
    13. पितरों का आशीर्वाद।
    14. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि।
    15. पितृ पक्ष में की गई पूजा का अधिक फल मिलता है।

    पितृ कवचम् की विधि

    पितृ कवचम् का पाठ किसी भी अमावस्या या श्राद्ध पक्ष से शुरु कर 41 दिन तक करनी होती है। इसे प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में करना शुभ होता है। साधक को स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनना चाहिए और पवित्र स्थान पर पूर्वजों की तस्वीर या यंत्र के सामने दीप जलाना चाहिए। पितृ कवचम् का पाठ ५ से 108 बार तक करना चाहिए।

    पितृ कवचम् के नियम

    1. साधना को पूर्ण गुप्त रखें।
    2. सात्विक भोजन करें।
    3. साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
    4. मन को शांत रखें और एकाग्रता बनाए रखें।
    5. साधना का समय निश्चित रखें।

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    पितृ कवचम् की सावधानियां

    1. अपवित्र वस्त्रों में साधना न करें।
    2. साधना के दौरान मांस-मदिरा का सेवन न करें।
    3. क्रोध, अहंकार और लोभ से दूर रहें।
    4. पितरों के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें।
    5. साधना में निरंतरता बनाए रखें।

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    पितृ कवचम् पाठ के प्रश्न और उत्तर

    प्रश्न 1: पितृ कवचम् क्या है?
    उत्तर: पितृ कवचम् एक तांत्रिक साधना है जो पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है।

    प्रश्न 2: पितृ कवचम् का महत्व क्या है?
    उत्तर: यह पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है और पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्रदान करता है।

    प्रश्न 3: पितृ कवचम् कैसे पढ़ें?
    उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर शुद्ध स्थान पर बैठकर 108 बार पाठ करें।

    प्रश्न 4: क्या पितृ कवचम् के पाठ में कोई विशेष मंत्र है?
    उत्तर: हाँ, “ॐ पितृदेवाय विद्महे जगत् प्रबोधाय धीमहि। तन्नो पितरो प्रचोदयात्॥” मंत्र का पाठ करें।

    प्रश्न 5: साधना की अवधि कितनी होनी चाहिए?
    उत्तर: साधना 41 दिनों तक करनी चाहिए।

    प्रश्न 6: पितृ कवचम् का पाठ किस मुहूर्त में करें?
    उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करना शुभ होता है।

    प्रश्न 7: क्या पितृ कवचम् साधना को गुप्त रखना चाहिए?
    उत्तर: हाँ, साधना को पूर्ण रूप से गुप्त रखना चाहिए।

    प्रश्न 8: पितृ कवचम् के दौरान कौन-कौन से नियमों का पालन करना चाहिए?
    उत्तर: साधना गुप्त रखें, सात्विक भोजन करें, और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

    प्रश्न 9: पितृ कवचम् से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
    उत्तर: पितृ दोष से मुक्ति, परिवार में सुख-शांति, आर्थिक सुधार, आदि।

    प्रश्न 10: क्या पितृ कवचम् का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?
    उत्तर: हाँ, लेकिन श्राद्ध पक्ष में करना अधिक फलदायक होता है।

    प्रश्न 11: पितृ कवचम् के पाठ में कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए?
    उत्तर: अपवित्र वस्त्रों में साधना न करें, मांस-मदिरा का सेवन न करें।

    प्रश्न 12: पितृ कवचम् का पाठ करने से क्या आध्यात्मिक लाभ होते हैं?
    उत्तर: आध्यात्मिक उन्नति और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

    प्रश्न 13: क्या पितृ कवचम् का पाठ आर्थिक समस्याओं का समाधान कर सकता है?
    उत्तर: हाँ, यह आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक है।

    प्रश्न 14: पितृ कवचम् के पाठ से क्या स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं?
    उत्तर: स्वास्थ्य में सुधार और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

    प्रश्न 15: पितृ कवचम् पाठ के दौरान क्या नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है?
    उत्तर: हाँ, नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता बढ़ती है।

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