विवाह योग बनाने और परिवार को मनाने की अचूक साधना
विवाह योग में देरी, परिवार की असहमति और अन्य बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष साधनाएँ की जाती हैं। यह साधना देवी नवदुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है।
मंत्र: ओं एं ह्रीं दुं नवदुर्गे सर्व विघ्न बाधा नष्टय क्लीं स्वाहा
इस मंत्र का नियमित रूप से जप करने से विवाह में आ रही सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
विवाह योग बनाने के प्रमुख लाभ
1. शीघ्र विवाह के योग बनते हैं
इस साधना से विवाह की बाधाएँ समाप्त होती हैं और शीघ्र शुभ विवाह के संकेत मिलते हैं।
2. परिवार की असहमति समाप्त होती है
अगर माता-पिता विवाह के लिए सहमत नहीं हैं, तो इस साधना से उनका मन परिवर्तन होता है।
3. विवाह के ग्रह दोष समाप्त होते हैं
अगर कुंडली में विवाह में देरी करने वाले दोष हैं, तो इस साधना से उनका निवारण होता है।
4. सच्चे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है
साधना से योग्य और सच्चे जीवनसाथी का मिलन सुनिश्चित होता है।
5. प्रेम विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं
जो जातक प्रेम विवाह करना चाहते हैं, उनके लिए यह साधना विशेष रूप से लाभकारी होती है।
6. पारिवारिक मतभेद समाप्त होते हैं
साधना से परिवार में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
7. आर्थिक बाधाओं का समाधान होता है
अगर आर्थिक समस्याओं के कारण विवाह में देरी हो रही है, तो यह साधना सहायता करती है।
8. विवाह प्रस्ताव मिलने लगते हैं
जो जातक विवाह प्रस्तावों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन्हें शीघ्र अच्छे प्रस्ताव मिलने लगते हैं।
9. मंगल दोष शांत होता है
अगर कुंडली में मंगल दोष है, तो यह साधना उसके निवारण में सहायक होती है।
10. समाज में मान-सम्मान बढ़ता है
विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान होने से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है।
11. विवाह में सकारात्मक ऊर्जा आती है
साधना से विवाह में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रिश्ते मधुर बनते हैं।
12. ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त होती है
यह साधना ग्रहों को अनुकूल बनाकर विवाह की बाधाओं को समाप्त करती है।
13. अविवाहित कन्याओं को शीघ्र विवाह लाभ मिलता है
जो कन्याएँ विवाह योग्य हैं लेकिन विवाह नहीं हो रहा, उनके लिए यह अत्यंत फलदायी होती है।
14. विवाह का शुभ मुहूर्त प्राप्त होता है
साधना से विवाह के लिए शुभ मुहूर्त और अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं।
15. वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है
साधना से विवाह के बाद भी दांपत्य जीवन सुखी और समृद्ध रहता है।
साधना की विधि
1. पूजा स्थल का चयन करें
शुद्ध और शांत स्थान पर यह साधना करनी चाहिए।
2. माँ दुर्गा का आह्वान करें
माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाएँ और पुष्प अर्पित करें।
3. मंत्र जाप करें
मंत्र: ओं एं ह्रीं दुं नवदुर्गे सर्व विघ्न बाधा नष्टय क्लीं स्वाहा इस मंत्र का ५४० बार जाप करें।
4. प्रसाद अर्पित करें
माँ दुर्गा को गुड़ और चने का प्रसाद अर्पित करें।
5. नियमित रूप से साधना करें
यह साधना लगातार 21 दिनों तक करनी चाहिए।
साधना के नियम
1. पूर्ण श्रद्धा रखें
साधना करते समय मन में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास होना आवश्यक है।
2. ब्रह्मचर्य का पालन करें
साधना के दौरान सात्विक आहार और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
3. साफ-सफाई का ध्यान रखें
साधना स्थल और स्वयं की शुद्धता बनाए रखें।
4. प्रातःकाल या संध्या में साधना करें
यह साधना प्रातःकाल या संध्या के समय करना सबसे अधिक प्रभावी होता है।
विवाह के लिए शुभ मुहूर्त
इस प्रयोग को किसी मंगलवार या नवरात्रि से सूर्यास्त के बाद शुरु करना चाहिये। विवाह योग के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. इस साधना को कौन कर सकता है
विवाह की इच्छा रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस साधना को कर सकता है।
2. क्या लड़कियाँ भी यह साधना कर सकती हैं
हाँ, यह साधना कन्याओं के लिए भी अत्यंत लाभकारी होती है।
3. साधना कितने दिनों तक करनी चाहिए
कम से कम 21 दिनों तक नियमित रूप से करनी चाहिए।
4. क्या साधना के दौरान उपवास रखना आवश्यक है
यह आवश्यक नहीं, लेकिन सात्विक आहार रखना लाभकारी होता है।
5. क्या यह साधना कुंडली दोष भी समाप्त करती है
हाँ, यह विवाह में आ रहे ग्रह दोषों को शांत करने में सहायक होती है।
6. क्या इस साधना से प्रेम विवाह संभव है
हाँ, प्रेम विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
7. साधना का प्रभाव कब तक दिखता है
साधना पूर्ण श्रद्धा से करने पर शीघ्र फल मिलता है।
8. क्या साधना छोड़ने से लाभ रुक सकता है
नियमित रूप से साधना करने से ही इसका संपूर्ण लाभ मिलता है।
इस साधना से विवाह की सभी बाधाएँ समाप्त होकर शीघ्र शुभ विवाह के योग बनते हैं।