अघोर वशीकरण यंत्र का प्रयोग कार्य को सफल बनाने के लिये किया जाता है। इससे व्यक्ति अपनी इच्छानुसार किसी भी परिस्थिति को नियंत्रित कर सकता है। यह यंत्र मुख्यतः उग्र साधना करने वाले साधकों द्वारा उपयोग किया जाता है, और इसे ध्यान से स्थापित करना और प्रयोग करना आवश्यक होता है।
अघोर वशीकरण यंत्र के लाभ
- वशीकरण: यह यंत्र विशेष रूप से वशीकरण के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे व्यक्ति अपने आस-पास के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
- दुश्मनों पर विजय: इसे साधक द्वारा स्थापित करने पर शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
- व्यापार में उन्नति: व्यापार में स्थायित्व और उन्नति के लिए भी यह यंत्र लाभकारी होता है।
- मानसिक शांति: यह यंत्र साधक को मानसिक शांति प्रदान करता है और जीवन में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: अघोर वशीकरण यंत्र साधक की आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है और तंत्र साधना को प्रगाढ़ करता है।
- प्रेम संबंधों में सुधार: यंत्र के प्रभाव से प्रेम संबंधों में सुधार होता है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।
- शत्रु बाधा निवारण: शत्रुओं द्वारा उत्पन्न की गई बाधाओं को यह यंत्र दूर करता है।
- आकर्षण शक्ति: इस यंत्र की साधना करने से व्यक्ति में आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
- शारीरिक स्वास्थ्य: इसके प्रभाव से साधक का शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- धन-धान्य में वृद्धि: यंत्र के प्रभाव से साधक के जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
अघोर वशीकरण यंत्र स्थापित करने की विधि
- सही दिन और मुहूर्त का चयन: यंत्र की स्थापना के लिए किसी शुभ मुहूर्त का चयन करें। विशेष रूप से मंगलवार या शनिवार का दिन शुभ माना जाता है।
- स्नान और शुद्धिकरण: यंत्र की स्थापना से पहले साधक को स्नान कर शुद्ध होना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
- पूजा स्थल का चयन: यंत्र की स्थापना के लिए एक शुद्ध और शांत स्थान का चयन करें। इसे घर के पूजा स्थान या तांत्रिक साधना कक्ष में स्थापित किया जा सकता है।
- यंत्र की शुद्धि: यंत्र को स्थापित करने से पहले इसे गंगा जल या दूध से शुद्ध करें।
- आसन का उपयोग: साधक को कुशासन या रेशमी आसन पर बैठना चाहिए।
- यंत्र की स्थापना: यंत्र को एक साफ कपड़े या थाली पर रखें और उसके चारों ओर पंचामृत, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- मंत्र जाप: यंत्र की स्थापना के समय "ॐ अघोरेभ्यो रौद्राय कालीकाय नमः" मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
- यंत्र की पूजा: यंत्र की स्थापना के बाद इसकी नियमित पूजा करनी चाहिए। प्रतिदिन यंत्र के सामने दीपक जलाकर इसे पुष्प अर्पित करें।
- व्रत और नियम: यंत्र की स्थापना के बाद साधक को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए जैसे ब्रह्मचर्य का पालन, सात्विक आहार ग्रहण करना, और नियमित रूप से यंत्र की पूजा करना।
- यंत्र की सक्रियता: यंत्र को पूरी तरह से सक्रिय करने के लिए इसके मंत्र का जाप नियमित रूप से करना चाहिए।
सावधानियां
- यंत्र का उपयोग सही उद्देश्य और नियमों के अनुसार ही करना चाहिए।
- गलत उद्देश्य से यंत्र का प्रयोग हानिकारक हो सकता है।
- यंत्र को केवल किसी योग्य तांत्रिक गुरु की सलाह से ही स्थापित करना चाहिए।
- यंत्र की पूजा और साधना के समय मन को एकाग्र और शुद्ध रखना आवश्यक है।
अघोर वशीकरण यंत्र का सही ढंग से प्रयोग करने पर साधक को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता और संतोष प्राप्त होता है।
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