अघोर यक्षिणी यंत्र एक अत्यंत प्रभावशाली यंत्र है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त करने और साधनाओं में सफलता पाने के लिए किया जाता है।
अघोर यक्षिणी यंत्र के लाभ
- धन और संपत्ति की वृद्धि: यह यंत्र आर्थिक स्थिति को सुधारता है और संपत्ति में वृद्धि करता है।
- शत्रु नाश: शत्रुओं को पराजित करने और उनसे रक्षा करने में सहायक होता है।
- शांति और मानसिक संतुलन: यह मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
- सफलता और प्रसिद्धि: व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन में सफलता और प्रसिद्धि दिलाता है।
- रोगों से मुक्ति: यह यंत्र स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।
- अवरोधों का नाश: जीवन में आने वाले अवरोधों को दूर करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- विवाह में सफलता: विवाह संबंधित समस्याओं को दूर करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
- सुख और समृद्धि: घर में सुख और समृद्धि लाता है।
- कार्य में सफलता: कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
- दुर्भाग्य से मुक्ति: दुर्भाग्य और नकारात्मक प्रभावों से बचाता है।
- परिवारिक कल्याण: परिवार में प्रेम और सद्भावना को बढ़ाता है।
- दृढ़ संकल्प: साधक की दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
- रचनात्मकता का विकास: रचनात्मकता और सृजनशीलता को बढ़ावा देता है।
अघोर यक्षिणी यंत्र की स्थापना विधि
- यंत्र की शुद्धि: यंत्र को सबसे पहले गंगाजल या पवित्र जल से शुद्ध करें।
- पूजा स्थान: इसे घर के पूजा स्थान या किसी पवित्र स्थान पर रखें।
- सिद्धि मंत्र: यंत्र को स्थापित करने के बाद इसे सिद्ध करने के लिए निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें:
॥ॐ ह्रीं अघोर यक्षिणे स्वाहा॥
- दीप प्रज्वलन: यंत्र के सामने एक दीपक जलाएं।
- धूप और अगरबत्ती: धूप और अगरबत्ती का प्रज्वलन करें।
- प्रसाद अर्पण: यंत्र के सामने मिठाई या फल का प्रसाद चढ़ाएं।
- नैवेद्य: नैवेद्य (भोग) अर्पित करें।
- फूल चढ़ाना: यंत्र पर ताजे फूल चढ़ाएं।
- ध्यान और साधना: यंत्र के सामने ध्यान करें और मनोकामना व्यक्त करें।
अघोर यक्षिणी यंत्र- सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्न
- अघोर यक्षिणी यंत्र क्या है?
- यह एक तांत्रिक यंत्र है जो विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त करने में सहायक होता है।
- यंत्र को कहाँ स्थापित करना चाहिए?
- इसे घर के पूजा स्थान या किसी पवित्र स्थान पर स्थापित करना चाहिए।
- इस यंत्र की स्थापना का शुभ समय क्या है?
- शुभ मुहूर्त में या गुरु पूर्णिमा, नवरात्रि जैसे पवित्र दिनों में स्थापना करना श्रेष्ठ होता है।
- क्या इस यंत्र का उपयोग हर कोई कर सकता है?
- हां, इसे हर कोई उपयोग कर सकता है, लेकिन सही विधि से स्थापित करना आवश्यक है।
- क्या यंत्र को नियमित रूप से पूजा करना आवश्यक है?
- हां, यंत्र को नियमित रूप से पूजा और ध्यान करना आवश्यक है।
- क्या यंत्र को किसी विशेष दिशा में स्थापित करना चाहिए?
- इसे उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना श्रेष्ठ होता है।
- क्या यंत्र को स्थापित करने के बाद कुछ विशेष अनुष्ठान करना पड़ता है?
- हां, यंत्र को स्थापित करने के बाद मंत्र जाप और दीप प्रज्वलन करना आवश्यक है।
- क्या यंत्र को शुद्ध करना आवश्यक है?
- हां, यंत्र को नियमित रूप से गंगाजल या पवित्र जल से शुद्ध करना चाहिए।
- क्या यंत्र के लिए विशेष प्रसाद चढ़ाना चाहिए?
- मिठाई, फल, और ताजे फूल यंत्र के लिए अच्छे प्रसाद माने जाते हैं।
- क्या यंत्र को घर के बाहर स्थापित किया जा सकता है?
- नहीं, इसे घर के भीतर किसी पवित्र स्थान पर ही स्थापित करना चाहिए।
- क्या यंत्र को अन्य यंत्रों के साथ स्थापित किया जा सकता है?
- हां, इसे अन्य यंत्रों के साथ स्थापित किया जा सकता है।
- यंत्र के सामने दीपक जलाने का महत्व क्या है?
- दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- क्या यंत्र को यात्रा पर ले जाया जा सकता है?
- हां, यात्रा के दौरान इसे साथ ले जाया जा सकता है।
- क्या यंत्र का प्रभाव समय के साथ कम हो जाता है?
- नहीं, यदि नियमित पूजा और शुद्धि की जाए तो इसका प्रभाव हमेशा बना रहता है।
- क्या यंत्र को किसी विशेष स्थान पर रखना आवश्यक है?
- हां, इसे हमेशा साफ और पवित्र स्थान पर रखना चाहिए।
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