Buy now

spot_img
spot_img
Home Yantra Annapurna yantra for prosperity

Annapurna yantra for prosperity

Rs.599.00Rs.699.00 inc. TAX Rs.599.00 ex. TAX
SKU: N/A

इस अन्नपूर्णा यंत्र को ११०० अन्नपूर्णा मंत्र से सिद्ध (energize) किया गया है। माता अन्नपूर्णा, माता दुर्गा का स्वरूप मानी जाती है। माता की कृपा से अन्न का भंडार कभी खाली नही होता।

अन्नपूर्णा यंत्र से लाभ

  1. आर्थिक समृद्धि: अन्नपूर्णा यंत्र को धन और समृद्धि के लिए बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। इसे स्थापित करने से धन आगमन के नए स्रोत खुलते हैं।
  2. अन्न-धन की वृद्धि: इस यंत्र की पूजा से घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती। यह यंत्र परिवार में समृद्धि और संपन्नता लाता है।
  3. संकटों का निवारण: अन्नपूर्णा यंत्र के प्रभाव से साधक के जीवन से आर्थिक संकट और कठिनाइयों का निवारण होता है।
  4. परिवार में सुख-शांति: यंत्र की पूजा से परिवार में सुख, शांति और सामंजस्य बना रहता है।
  5. विघ्न निवारण: यह यंत्र साधक के जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाओं को दूर करता है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  6. मानसिक शांति: अन्नपूर्णा यंत्र की साधना से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है, जिससे साधक का मन स्थिर रहता है।
  7. भय और असुरक्षा से मुक्ति: यह यंत्र साधक को भय और असुरक्षा की भावनाओं से मुक्त करता है और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
  8. सकारात्मक ऊर्जा का संचार: यंत्र के प्रभाव से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो नकारात्मकता को दूर रखता है।
  9. बीमारियों से सुरक्षा: इस यंत्र की पूजा से परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ होता है और बीमारियों से बचाव होता है।
  10. शत्रु नाश: यंत्र के प्रभाव से साधक के शत्रु पराजित होते हैं और वे साधक को हानि नहीं पहुँचा पाते।
  11. आध्यात्मिक उन्नति: यंत्र की साधना से साधक को आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
  12. कार्य सिद्धि: यंत्र के प्रभाव से साधक के सभी कार्यों में सफलता मिलती है और इच्छाओं की पूर्ति होती है।
  13. संपत्ति की सुरक्षा: यह यंत्र साधक की संपत्ति और धन की सुरक्षा करता है और उन्हें हानि से बचाता है।
  14. आकर्षण शक्ति: अन्नपूर्णा यंत्र की साधना से साधक के व्यक्तित्व में आकर्षण शक्ति बढ़ती है, जिससे समाज में उनका मान-सम्मान बढ़ता है।
  15. कर्ज से मुक्ति: यंत्र की पूजा से साधक को कर्ज से मुक्ति मिलती है और वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो जाते हैं।

अन्नपूर्णा यंत्र से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

  1. अन्नपूर्णा यंत्र क्या है?
    • अन्नपूर्णा यंत्र माता अन्नपूर्णा का प्रतीक है, जिसे घर में धन, अन्न और समृद्धि के लिए स्थापित किया जाता है।
  2. अन्नपूर्णा यंत्र को कहां स्थापित करना चाहिए?
    • इस यंत्र को घर के पूजा स्थल में उत्तर या पूर्व दिशा की ओर स्थापित करना शुभ माना जाता है।
  3. अन्नपूर्णा यंत्र की पूजा कैसे की जाती है?
    • यंत्र को साफ करने के बाद, दीपक, धूप, और फूल चढ़ाकर अन्नपूर्णा देवी के मंत्रों का जाप करते हुए पूजा करनी चाहिए।
  4. इस यंत्र का क्या महत्व है?
    • अन्नपूर्णा यंत्र आर्थिक समृद्धि, अन्न की वृद्धि, और परिवार में सुख-शांति लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
  5. क्या इस यंत्र की पूजा रोज करनी चाहिए?
    • हाँ, यंत्र की नियमित पूजा करने से इसका प्रभाव और अधिक शक्तिशाली हो जाता है।
  6. अन्नपूर्णा यंत्र किस धातु से बना होना चाहिए?
    • यह यंत्र सामान्यतः तांबा, चांदी, या सोने की धातु में बनाया जाता है।
  7. क्या यह यंत्र केवल धन और अन्न की प्राप्ति के लिए ही उपयोगी है?
    • नहीं, यह यंत्र परिवार में सुख-शांति, स्वास्थ्य, और मानसिक शांति के लिए भी उपयोगी है।
  8. क्या यंत्र की स्थापना किसी विशेष मुहूर्त में करनी चाहिए?
    • हाँ, यंत्र की स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना चाहिए, जैसे धनतेरस, अक्षय तृतीया या विशेष मंगलवार।
  9. क्या अन्नपूर्णा यंत्र से शत्रु बाधाओं का निवारण होता है?
    • हाँ, यह यंत्र शत्रु बाधाओं को दूर करता है और साधक को सुरक्षित रखता है।
  10. क्या यंत्र की पूजा के लिए कोई विशेष मंत्र का जाप करना आवश्यक है?
    • हाँ, अन्नपूर्णा देवी के मंत्रों का जाप करते हुए यंत्र की पूजा करनी चाहिए, जिससे इसका प्रभाव बढ़ेगा।
  11. क्या यंत्र की स्थापना के बाद किसी प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए?
    • यंत्र को शुद्ध और पवित्र स्थान पर स्थापित करें और नियमित रूप से पूजा करें। अशुद्ध स्थान पर यंत्र रखने से इसका प्रभाव कम हो सकता है।
  12. क्या अन्नपूर्णा यंत्र केवल घर में ही स्थापित किया जा सकता है?
    • नहीं, इसे व्यवसाय स्थल या कार्यक्षेत्र में भी स्थापित किया जा सकता है, जहाँ धन और समृद्धि की आवश्यकता होती है।
  13. यंत्र की पूजा में किस प्रकार का दीपक जलाना चाहिए?
    • यंत्र की पूजा में घी का दीपक जलाना उत्तम माना जाता है।
  14. क्या यंत्र की स्थापना के लिए कोई विशेष दिन का चयन करना चाहिए?
    • हाँ, शुक्रवार, पूर्णिमा, अक्षय तृतीया या नवरात्रि के दिनों में यंत्र की स्थापना शुभ मानी जाती है।
  15. क्या अन्नपूर्णा यंत्र से स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है?
    • हाँ, इस यंत्र की पूजा से परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है और बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।

अन्नपूर्णा यंत्र की साधना और स्थापना से साधक को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, और यह यंत्र साधक के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाने में अत्यंत प्रभावी होता है।

अन्नपूर्णा यंत्र की स्थापना विधि

अन्नपूर्णा यंत्र को सही विधि से स्थापित करने से इसका प्रभाव बढ़ता है और साधक को पूर्ण लाभ मिलता है। नीचे दिए गए चरणों का पालन करके आप अन्नपूर्णा यंत्र की स्थापना कर सकते हैं:

1. सही दिन और समय का चयन:

  • शुभ दिन: यंत्र की स्थापना के लिए शुक्रवार, पूर्णिमा, अक्षय तृतीया, या नवरात्रि का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
  • शुभ मुहूर्त: यंत्र को शुभ मुहूर्त में स्थापित करना चाहिए, जैसे ब्रह्म मुहूर्त (सुबह के समय)।

2. स्थापना के लिए सामग्री:

  • अन्नपूर्णा यंत्र
  • गंगाजल या शुद्ध जल
  • साफ कपड़ा
  • धूप, दीपक और कपूर
  • चंदन या हल्दी का लेप
  • अक्षत (चावल)
  • पुष्प (फूल)
  • मिठाई और फल
  • पीला या सफेद कपड़ा (यंत्र रखने के लिए)

3. यंत्र की शुद्धि:

  • सबसे पहले यंत्र को गंगाजल या शुद्ध जल से अच्छी तरह से धोकर शुद्ध करें।
  • फिर यंत्र को साफ कपड़े से पोंछकर सुखा लें।

4. पूजा स्थल का चयन:

  • यंत्र को घर के पूजा स्थल में उत्तर या पूर्व दिशा की ओर स्थापित करना चाहिए।
  • यंत्र को एक साफ पीला या सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर रखें।

5. यंत्र की स्थापना:

  • यंत्र को रखते समय पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर यंत्र को स्थापित करें।
  • यंत्र पर चंदन या हल्दी का लेप लगाएं और अक्षत चढ़ाएं।
  • इसके बाद यंत्र के सामने धूप, दीपक जलाएं और कपूर से आरती करें।
  • पुष्प और मिठाई का भोग यंत्र को अर्पित करें।

6. मंत्र जाप:

  • यंत्र की स्थापना के बाद, अन्नपूर्णा देवी के मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप करते समय एकाग्रता बनाए रखें और मन में श्रद्धा रखें।
  • आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं: ॥ॐ ह्रीं अन्नपुर्णाय नमः॥

7. भोग और प्रसाद:

  • पूजा के बाद अन्नपूर्णा देवी को भोग अर्पित करें और प्रसाद के रूप में वितरित करें।

8. नियमित पूजा:

  • यंत्र की स्थापना के बाद, नियमित रूप से उसकी पूजा और आरती करें। हर शुक्रवार को विशेष रूप से यंत्र की पूजा करें।

9. यंत्र की देखभाल:

  • यंत्र को साफ और शुद्ध रखें। यंत्र के आस-पास गंदगी न होने दें और समय-समय पर यंत्र की सफाई करें।

10. व्रत और अनुशासन:

  • यदि संभव हो तो यंत्र की स्थापना के दिन व्रत रखें और मानसिक रूप से शुद्ध रहें। इससे यंत्र का प्रभाव अधिक शक्तिशाली होता है।

Additional information

Select Yantra

Bhojpatra paper 2×3, Bhojpatra paper 3×4

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Annapurna yantra for prosperity”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related products

Select your currency