Monday, December 23, 2024

Buy now

spot_img
spot_img

Putrada ekadashi vrat for child

संतान प्राप्ति के लिये पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में विशेष रूप से महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए अत्यधिक फलदायी माना जाता है। इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। यह व्रत वर्ष में दो बार आता है – एक बार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को (श्रावण पुत्रदा एकादशी) और दूसरी बार पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को (पौष पुत्रदा एकादशी)।

महत्व

पुत्रदा एकादशी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धापूर्वक और विधिपूर्वक करने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह व्रत संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी किया जाता है।

व्रत विधि

  1. स्नान और शुद्धिकरण: व्रत करने वाले व्यक्ति को प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए।
  2. पूजा सामग्री: भगवान विष्णु की पूजा के लिए पीले फूल, तुलसी पत्र, धूप, दीप, फल, पंचामृत, और तिल आदि की आवश्यकता होती है।
  3. भगवान विष्णु की पूजा: व्रत के दिन भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए उनकी प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाकर, तुलसी पत्र अर्पित कर उनकी पूजा की जाती है। विष्णु सहस्त्रनाम या अन्य विष्णु मंत्रों का जाप किया जाता है।
  4. एकादशी व्रत कथा: इस दिन पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा सुनना या पढ़ना आवश्यक है। इससे व्रत का महत्व और बढ़ जाता है।
  5. रातभर जागरण: व्रतधारी को रात्रि के समय जागरण करना चाहिए और भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करना चाहिए।
  6. अन्न सेवन न करें: इस दिन अन्न का सेवन वर्जित है। व्रतधारी फलाहार कर सकते हैं या निर्जल व्रत रख सकते हैं।
  7. द्वादशी के दिन पारण: व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि को किया जाता है। पारण के समय भगवान विष्णु की पूजा कर अन्न-जल का सेवन करना चाहिए।

लाभ

  1. संतान प्राप्ति: नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  2. संतान की सुरक्षा: संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह व्रत किया जाता है।
  3. पारिवारिक सुख: व्रतधारी के परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  4. धार्मिक लाभ: व्रत करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है।
  5. पापों का नाश: यह व्रत करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम

  1. सदाचार का पालन: व्रत के दिन मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहना चाहिए।
  2. अन्न त्याग: व्रत के दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। केवल फलाहार या निर्जल व्रत रखें।
  3. सत्य बोलें: इस दिन झूठ बोलने और छल-कपट से दूर रहना चाहिए।
  4. शुद्धता का ध्यान: पूजा के समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  5. मंत्र जाप: विष्णु मंत्रों का जाप और भगवान विष्णु की आराधना करें।

Learn kamakhya sadhana

पुत्रदा एकादशी का मंत्र और उसका अर्थ

  • मंत्र: “॥ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥”
  • अर्थ: इस मंत्र का अर्थ है, “हे भगवान वासुदेव, आपको प्रणाम है।”

इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Mantra sadhana store

पुत्रदा एकादशी व्रत के सामान्य प्रश्न

पुत्रदा एकादशी का व्रत कौन कर सकता है?

    यह व्रत कोई भी व्यक्ति कर सकता है, विशेषकर वे दंपत्ति जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं।

    पुत्रदा एकादशी का व्रत कितने समय के लिए करना चाहिए?

      यह व्रत एक दिन का होता है और इसे एकादशी तिथि के सूर्योदय से लेकर द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक करना चाहिए।

      इस व्रत में किन-किन चीजों का परहेज करना चाहिए?

        इस व्रत में अन्न, मसालेदार भोजन, और तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए।

        क्या पुत्रदा एकादशी व्रत में जल का सेवन किया जा सकता है?

          निर्जल व्रत रखने वाले जल का सेवन नहीं करते, लेकिन कुछ लोग फलाहार करते हुए जल का सेवन कर सकते हैं।

          पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा का क्या महत्व है?

            व्रत कथा सुनने से व्रत का पुण्य फल बढ़ता है और व्यक्ति के पापों का नाश होता है।

            क्या पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण आवश्यक है?

              हां, व्रत का पारण द्वादशी तिथि को आवश्यक रूप से करना चाहिए।

              अगर कोई व्यक्ति स्वास्थ्य कारणों से व्रत नहीं कर सकता, तो वह क्या करे?

                ऐसे व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा कर और व्रत कथा सुनकर व्रत का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

                इस व्रत का पालन कितनी बार करना चाहिए?

                  पुत्रदा एकादशी का व्रत वर्ष में दो बार आता है, और दोनों बार इसका पालन करना चाहिए।

                  क्या पुत्रदा एकादशी व्रत को कोई अन्य व्यक्ति के लिए कर सकता है?

                    हां, यह व्रत किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी किया जा सकता है, विशेषकर संतान के लिए।

                    क्या पुत्रदा एकादशी व्रत का प्रभाव तत्काल होता है?

                      इसका प्रभाव व्यक्ति की श्रद्धा और भगवान विष्णु की कृपा पर निर्भर करता है।

                      spot_img
                      spot_img

                      Related Articles

                      KAMAKHYA SADHANA SHIVIRspot_img
                      PITRA DOSHA NIVARAN PUJANspot_img

                      Latest Articles

                      FREE HOROSCOPE CONSULTINGspot_img
                      BAGALAMUKHI SHIVIR BOOKINGspot_img
                      Select your currency