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Radha Kavacham – Divine Armor of Protection & Peace

राधा कवचम्: एक अद्भुत सुरक्षा कवच

राधा कवचम् श्री राधा रानी के अनंत कृपा व प्रेम का वह कवच है, जो साधकों को आध्यात्मिक और भौतिक संकटों से रक्षा प्रदान करता है। इस पवित्र स्तोत्र का पाठ भक्तों के लिए अनेक सिद्धियों को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है। राधा रानी को प्रेम, करुणा और भक्ति का अद्वितीय स्वरूप माना गया है, और उनके कवच के माध्यम से भक्तों को आत्मिक शांति और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

श्री राधा कवचम् व उसका अर्थ

राधा कवचम् का संपूर्ण पाठ इस प्रकार है। इस कवच का पाठ भक्तों के लिए श्री राधा रानी की कृपा पाने और सभी प्रकार के संकटों से सुरक्षा के लिए अति शुभ माना गया है। राधा कवचम् का नियमित, श्रद्धा और भक्ति से किया गया पाठ साधक के जीवन में आनंद, शांति और प्रेम का संचार करता है।

श्री राधा कवचम्

ध्यानम्:

वन्देऽहं राधिकां नित्यं भक्तकष्टविनाशिनीम्।
प्रेममङ्गलमूर्तिं तां करुणामृतसागरम्॥

कवचम्:

श्री राधायै च विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि।
तन्नो राधा प्रचोदयात्॥

श्री राधायाः पातु शीर्षं, श्रीकृष्णप्राणवल्लभा।
भ्रूयुगं पातु सा राधा, नेत्रे गोपीजनप्रिया॥

घ्राणं पातु मुखं पातु, रासेश्वरी च सर्वदा।
कर्णौ पातु कृपा-सिन्धुः, कान्तं कृष्णस्यवल्लभा॥

स्कन्धौ मे रासक्रीडा, हृदयं गोपिकेश्वरी।
नाभिं पातु जगन्माता, कटिं रासोत्सवप्रिया॥

ऊरू मे गोवर्धनधारिण्याः पातु सर्वदा।
जानुनी पातु पवित्रा, चरणौ गोपवन्दिता॥

अङ्गानि सर्वदा पातु श्रीराधा रासमण्डले।
यस्य स्मरणमात्रेण, पातकं नश्यते नरः॥

फलश्रुति:

इति ते कथितं देवि कवचं परमाद्भुतम्।
त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नित्यं सर्वान् कामानवाप्नुयात्॥

राधा कवच का संपूर्ण अर्थ

श्री राधा कवचम् का अर्थ इस प्रकार है:

  • इस कवच में श्री राधा रानी का आह्वान किया गया है, जो भक्तों के कष्टों का नाश करती हैं और प्रेम और करुणा का सागर हैं।
  • श्री राधा रानी को श्री कृष्ण की प्रिया के रूप में स्मरण किया जाता है, और उनसे सुरक्षा और मार्गदर्शन की प्रार्थना की जाती है।
  • इसमें श्री राधा से विभिन्न अंगों की रक्षा के लिए प्रार्थना की गई है जैसे कि सिर, आँखें, हृदय, और चरण।
  • यह कवच कहता है कि श्री राधा रानी के स्मरण मात्र से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को सुरक्षा प्राप्त होती है।
  • इस कवच का त्रिसंध्या पाठ करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

राधा कवच का पाठ करने से प्रमुख लाभ

  1. आध्यात्मिक सुरक्षा: सभी प्रकार के संकटों से रक्षा।
  2. अखंड भक्ति: श्री कृष्ण के प्रति प्रगाढ़ भक्ति।
  3. दिव्य प्रेम: हृदय में शुद्ध प्रेम का संचार।
  4. मन की शांति: मानसिक शांति और संतोष की प्राप्ति।
  5. आध्यात्मिक ज्ञान: गूढ़ ज्ञान की प्राप्ति।
  6. आश्चर्यजनक सिद्धियां: जीवन में अद्भुत सिद्धियों का आशीर्वाद।
  7. कष्टों का निवारण: जीवन के सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति।
  8. अवसाद से मुक्ति: मन के नकारात्मक विचारों का नाश।
  9. भौतिक सुख: सभी भौतिक इच्छाओं की पूर्ति।
  10. विराट रूप दर्शन: श्री राधा-कृष्ण के विराट रूप का अनुभव।
  11. समृद्धि का आशीर्वाद: भौतिक संपन्नता का संचार।
  12. कष्टों का नाश: सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति।
  13. अंतरात्मा का विकास: चेतना का शुद्धिकरण।
  14. दिव्य शक्तियां: दिव्य शक्तियों का संचार।
  15. राधा कृपा: श्री राधा की कृपा का अनुभव।

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राधा कवच के पाठ की विधि

राधा कवचम् का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनानी चाहिए:

  1. दिन: किसी भी शुक्रवार से प्रारंभ करें।
  2. अवधि: 41 दिनों तक प्रतिदिन पाठ करें।
  3. मूहुर्त: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त का समय सर्वोत्तम।

राधा कवच साधना के नियम

  1. पूजा का गुप्त रहना: साधना के दौरान इसे गुप्त रखें।
  2. पूर्ण श्रद्धा: श्री राधा पर अटूट श्रद्धा होनी चाहिए।
  3. मनोविकारों से दूर रहें: साधना में मन शांत और विचार शुद्ध रहें।

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सावधानियां

  1. सात्विक आहार: साधना के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें।
  2. समर्पण भाव: हृदय में समर्पण की भावना बनाए रखें।
  3. धैर्य रखें: जल्द परिणाम की उम्मीद न करें।

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राधा कवचम् प्रश्न-उत्तर

  1. राधा कवचम् क्या है?
    राधा कवचम् श्री राधा का स्तोत्र है, जो साधकों को सुरक्षा और शांति प्रदान करता है।
  2. इसका उद्देश्य क्या है?
    भक्तों को भौतिक और आध्यात्मिक संकटों से रक्षा करना।
  3. कौन इस कवच का पाठ कर सकता है?
    कोई भी श्रद्धालु, चाहे स्त्री हो या पुरुष।
  4. राधा कवच का अर्थ क्या है?
    राधा का दिव्य प्रेम और रक्षा कवच।
  5. इससे कौन-कौन से लाभ प्राप्त होते हैं?
    मानसिक शांति, संकटों से मुक्ति, भक्ति का अनुभव।
  6. पाठ करने का सर्वोत्तम समय क्या है?
    ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करना सर्वोत्तम है।
  7. कितने दिनों तक इसका पाठ करना चाहिए?
    41 दिनों तक इसका पाठ करना उत्तम है।
  8. इसमें क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
    सात्विक आहार लें, साधना को गुप्त रखें।
  9. इसका पाठ कहां करना चाहिए?
    एकांत में, जहां किसी प्रकार का विक्षेप न हो।
  10. क्या साधना करते समय कुछ नियम पालन करना अनिवार्य है?
    हां, नियमबद्धता और समर्पण आवश्यक हैं।
  11. क्या इसका पाठ हर व्यक्ति कर सकता है?
    हां, प्रत्येक भक्त इसका पाठ कर सकता है।
  12. राधा कवच से प्रेम का अनुभव कैसे प्राप्त होता है?
    राधा रानी के प्रेम का अनुभव हृदय से श्रद्धा भाव में पाठ करने से मिलता है।
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