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सरसों के दाने और कोयले से शत्रु मुक्ति का रहस्य | काली प्रत्यंगिरा साधना का चमत्कारी उपाय

Seeds Coal Protection Remedy – जब शत्रु शक्तिशाली हो, काले जादू से परेशान करें, तब तंत्र के कुछ चमत्कारी उपाय अद्भुत परिणाम देते हैं। सरसों के दाने और कोयला, ये दोनों साधन तांत्रिक शक्तियों को सक्रिय करने में विशेष भूमिका निभाते हैं। विशेषत: जब इसमें “ॐ ह्रीं क्रीं काली प्रत्यंगिरे क्लीं फट्ट” मंत्र का समावेश होता है, परिणाम शीघ्र दिखते हैं। काली प्रत्यंगिरा देवी तंत्र के क्षेत्र में रक्षा, विजय और शत्रु नाश के लिए सर्वोच्च देवी मानी जाती हैं। यदि आप लंबे समय से शत्रुओं की बाधाओं से परेशान हैं, तो यह उपाय आपके लिए संजीवनी सिद्ध हो सकता है।

सरसों के दाने शत्रु की शक्ति को शून्य करने और कोयला उसकी नकारात्मक ऊर्जा को भस्म करने में सक्षम है। यह प्रयोग न सिर्फ शत्रु के षड्यंत्रों को विफल करता है, बल्कि भविष्य में रक्षा कवच भी निर्मित करता है। इस प्रयोग को करते समय श्रद्धा, विश्वास और पूर्ण निष्ठा का होना अत्यंत आवश्यक है, तभी यह फलित होता है। अगर सही विधि से जप और प्रयोग किया जाए, तो असंभव प्रतीत होने वाले कार्य भी सरलता से संभव हो जाते हैं। आइए अब विस्तार से जानें कि सरसों और कोयला मिलाकर काली प्रत्यंगिरा साधना कैसे की जाती है।


काली प्रत्यंगिरा साधना का परिचय (Introduction)

काली प्रत्यंगिरा देवी को तांत्रिक जगत में महाशत्रुनाशिनी कहा जाता है। उनकी आराधना से शत्रु, काला जादू, भय और अदृश्य बाधाएँ नष्ट हो जाती हैं। सरसों व कोयला उनका विशेष तांत्रिक माध्यम है, जो नकारात्मकता को पूर्णतः भस्म कर देता है। इस साधना का विशेष प्रभाव तभी पड़ता है जब साधक का संकल्प मजबूत और साधना विधिपूर्वक की जाए।


मंत्र और मंत्र का अर्थ

मंत्र:
ॐ ह्रीं क्रीं काली प्रत्यंगिरे क्लीं फट्ट

अर्थ:
ॐ = ब्रह्मांडीय ऊर्जा का आह्वान।
ह्रीं = शक्ति व रक्षा का बीज मंत्र।
क्रीं = विजय व शत्रु विनाश का बीज मंत्र।
काली प्रत्यंगिरे = महाशक्ति का आह्वान।
क्लीं = आकर्षण और नियंत्रण शक्ति।
फट्ट = नाश व तुरन्त परिणाम का संकेत।

यह मंत्र देवी को प्रसन्न कर, साधक के चारों ओर अजेय रक्षा कवच बनाता है।

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इस उपाय के अद्भुत लाभ

  1. शत्रु शक्तियों का पूर्ण नाश होता है।
  2. काले जादू व टोटके निष्क्रिय हो जाते हैं।
  3. अदृश्य भय और बाधाएँ समाप्त होती हैं।
  4. कार्यों में अवरोधक शक्तियाँ हटती हैं।
  5. व्यवसाय व करियर में सुरक्षा बढ़ती है।
  6. वैवाहिक व पारिवारिक जीवन में शांति आती है।
  7. आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
  8. मानसिक स्थिरता और शक्ति प्राप्त होती है।
  9. आध्यात्मिक ऊर्जा और साधना में प्रगति होती है।
  10. किसी भी नकारात्मक शक्ति से तुरंत सुरक्षा मिलती है।
  11. मुकदमेबाजी में विजय प्राप्त होती है।
  12. भूमि या संपत्ति विवादों का समाधान होता है।
  13. डरावने स्वप्न व मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
  14. ऊर्जा क्षेत्र मजबूत होता है, दुर्भाग्य टलता है।
  15. साधक के चारों ओर शक्तिशाली दिव्य रक्षा कवच बनता है।

शुभ मुहूर्त

  • शनिवार या अमावस्या रात्रि से साधना प्रारंभ करें।
  • भद्रा रहित, निशा कालीन समय सर्वोत्तम होता है।
  • चंद्रमा का कृष्ण पक्ष होना विशेष फलदायी माना गया है।
  • रात्रि 10 बजे से 2 बजे के बीच जप करना श्रेष्ठ है।

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संपूर्ण विधि (Vidhi – Full Ritual)

साधना सामग्री:

  • काले ताजे सरसों के दाने।
  • एक छोटा टुकड़ा लकड़ी का कोयला।
  • काले कपड़े पर आसन।
  • काले धागे से बंधा पंचमुखी दीपक।
  • घी का दीपक और धूप।

साधना प्रक्रिया:

  1. रात्रि 10 बजे स्नान कर काले वस्त्र धारण करें।
  2. एकांत स्थान पर उत्तर दिशा की ओर मुख कर बैठें।
  3. सामने काले कपड़े पर सरसों व कोयले को रखें।
  4. पंचमुखी दीपक जलाएं व धूप करें।
  5. आंखें बंद कर देवी का ध्यान करें।
  6. “ॐ ह्रीं क्रीं काली प्रत्यंगिरे क्लीं फट्ट” मंत्र का २५ मिनट तक निरंतर जप करें।
  7. साधना के बाद सरसों व कोयले को बहते जल में प्रवाहित करें।

११ दिन तक नियमपूर्वक इस साधना को करें।
११वें दिन बाद विशेष सकारात्मक परिवर्तन अनुभव होंगे।

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सामान्य प्रश्न

1. क्या इस साधना में किसी विशेष गुरु की आवश्यकता है?
नहीं, यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक करें तो स्वयं भी सफल हो सकते हैं।

2. क्या स्त्रियाँ भी यह उपाय कर सकती हैं?
हाँ, लेकिन रजस्वला अवस्था में साधना से बचें।

3. यदि एक दिन साधना छूट जाए तो क्या करें?
अगले दिन दोहरा कर पुनः साधना चालू रखें।

4. क्या इस उपाय के साथ किसी अन्य साधना का मिश्रण हो सकता है?
नहीं, साधना एकाग्र व शुद्ध होनी चाहिए।

5. क्या सरसों और कोयला नया होना चाहिए?
हाँ, पुराने या प्रयोग किए वस्त्र/सामग्री का उपयोग न करें।

6. यदि नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाए तो क्या करें?
जप से पूर्व व बाद में हनुमान चालीसा का पाठ करें।

7. साधना के कितने दिन बाद परिणाम दिखते हैं?
११ दिनों में परिणाम दिखना प्रारंभ हो जाते हैं।


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