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Shiv Chalisa Path – Prosperity & Divine Blessings

शिव चालीसा पाठ – भगवान शिव की कृपा पाने का माध्यम

शिव चालीसा पाठ भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र स्तुति है। यह पाठ साधकों के लिए मानसिक शांति, भक्ति और अद्भुत ऊर्जा का स्रोत है। शिव चालीसा पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह पाठ सरल, प्रभावशाली और हर वर्ग के भक्तों के लिए लाभकारी है।


संपूर्ण पाठ

॥दोहा॥

नमन शिवाय शुद्ध सदा, गंगाजल सँग धार।
कृपा करो हे नाथ हमें, हर संकट संसार॥

॥चालीसा॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥

त्रिपुरारि जय शंकर, जय गिरिजा पति नाथ। सत्यम शिवम सुंदरम्, त्रिभुवन के आधार॥

नीलकंठ महादेव तुम, करुणा के हो सागर। भक्तन के संकट हरन, कृपा करो करुणाकर॥

गंगाधर शिव शंभु, उमापति दीनदयाल। भक्त हृदय में बसो सदा, हर लो दुख जंजाल॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अरु रुद्र रूप विशाल। शरण तुम्हारी जो आए, सबको दो सुख काल॥

शिव चालीसा जो पढ़े, शिव कृपा निधि पाय। संकट संकट हार कर, शिवलोक को जाय॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान।।

श्री गणेशाय ध्याय करहु, गुरु के पद नवाय।सिंहासन पर विराजत, गुरुगन कीन बहाय।।

त्रिपुरारि शिव तनुधर सोहत, गणपति उर माल।हाथ त्रिशूल धरो पिनाकी, धरहु कर कमल विशाल।।

नंदीगण साथ विचरत, जग में करत निहार।नाद गिरीजा संग रहत, त्रिलोचन बिस्वधार।।

ध्यान धरो शिव शांत मन, मोह कुसंग विसार।शिवसुख दाता शांतमन, कृपा करो हंसार।।

महादेव सुमिरन करो, तारक जगत विशाल।शिवचरण शरणागत भक्त, पूर्ण करहु हर हाल।।

॥दोहा॥

जो शिव चालीसा पढ़े, मन वांछित फल पाय। शिव कृपा से सदा उसे, सुख संपत्ति उपजाय॥


पाठ का अर्थ

शिव चालीसा के हर श्लोक का गहरा अर्थ है। यह श्लोक भगवान शिव की महिमा, उनके गुण, और भक्तों को उनके प्रति समर्पित रहने का संदेश देते हैं। इसका अध्ययन हमें भगवान के करीब लाता है।


लाभ

  1. मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल।
  2. नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
  3. पारिवारिक सुख-शांति।
  4. आर्थिक समृद्धि।
  5. बीमारियों से राहत।
  6. बाधाओं का निवारण।
  7. भगवान शिव की कृपा।
  8. कार्यों में सफलता।
  9. सकारात्मक ऊर्जा का विकास।
  10. जीवन में संतुलन।
  11. आध्यात्मिक जागरूकता।
  12. मनोकामना पूर्ति।
  13. भय का नाश।
  14. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  15. जीवन की चुनौतियों में मदद।
  16. शत्रु बाधाओं का समाधान।
  17. आत्मा को शुद्धि।

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विधि

  1. दिन: सोमवार, महाशिवरात्रि।
  2. अवधि: 41 दिन।
  3. मुहूर्त: प्रातःकाल या प्रदोष काल।

साधक को शांत मन और स्वच्छ स्थान में पाठ करना चाहिए। भगवान शिव के समक्ष दीपक जलाकर पाठ शुरू करें।

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नियम

  1. पाठ के दौरान पूजा और साधना गुप्त रखें।
  2. मन में श्रद्धा और समर्पण रखें।
  3. स्वच्छता का पालन करें।
  4. नियमित पाठ करें।
  5. पाठ के बाद भगवान शिव को जल चढ़ाएं।

सावधानियां

  1. अपवित्र स्थान पर पाठ न करें।
  2. मन में नकारात्मक विचार न लाएं।
  3. अनुशासन का पालन करें।
  4. अत्यधिक शोरगुल वाले स्थान पर पाठ न करें।

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शिव चालीसा पाठ के प्रश्न और उत्तर

1. शिव चालीसा पाठ कब करना चाहिए?

सोमवार और महाशिवरात्रि के दिन।

2. कितने दिन तक शिव चालीसा पाठ करना चाहिए?

41 दिनों तक नियमित।

3. शिव चालीसा पाठ कहां करना चाहिए?

शांत और स्वच्छ स्थान पर।

4. क्या महिलाएं शिव चालीसा पाठ कर सकती हैं?

हां, श्रद्धा से कर सकती हैं।

5. शिव चालीसा पाठ के लिए क्या सामग्री चाहिए?

दीपक, अगरबत्ती, गंगाजल।

6. क्या शिव चालीसा पाठ से मनोकामना पूर्ण होती है?

हां, भक्त की सच्ची श्रद्धा से।

7. शिव चालीसा पाठ कितनी बार करना चाहिए?

दैनिक एक बार।

8. क्या पाठ के दौरान नियम तोड़ने से असर होता है?

हां, अनुशासन बनाए रखें।

9. क्या शिव चालीसा पाठ के बाद प्रसाद चढ़ाना चाहिए?

हां, फल या मिठाई चढ़ाएं।

10. शिव चालीसा पाठ का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

प्रातःकाल।

11. क्या शिव चालीसा पाठ नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है?

हां, यह नकारात्मकता को समाप्त करता है।

12. क्या शिव चालीसा पाठ जीवन को बदल सकता है?

हां, यह मानसिक शांति और सकारात्मकता लाता है।


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