Shri Ganesha Kavach for Health Weakth & Prosperity
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाला श्री गणेश कवच
श्री गणेश कवच का पाठ नियमित करने से मनुष्य बिमारी व बाधाओं से दूर रहता है। यह भगवान गणेश की महिमा का एक अद्भुत स्त्रोत है जो उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है। यह कवच एक शक्तिशाली स्त्रोत पाठ होता है जो भक्तों को जीवन की समस्याओं और बाधाओं से रक्षा करता है।
श्री गणेश कवच: संपूर्ण पाठ और हिंदी अर्थ
श्री गणेश कवच इस प्रकार है:
ध्यान:
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्विरदाभ-दाननं गोक्षीर-दुग्धोपमम।
धूम्रारि-मीशान-हेमाम्बरं सुमुन्दं सौम्यं गणेशं भजे॥
श्री गणेश कवचम्
विनायको वक्षसि मे सदा स्थिरो,
सिद्धि-प्रद: सिद्ध-गणाधिपोऽवतु।
ऊर्ध्वे लम्बो-धर एक-दन्तक:
सदा पायान्मूर्धनि मे गणाधिप:॥ 1॥
मस्तकं सदा पातु गजानन:
श्री-हस्तयो: पातु सुरेश्वरोवतु।
दिशं पातु सर्वां गिरिजात्मजोऽवतु।
त्रिनेत्रोऽवतु: पातु सिद्धि-विनायक:॥ 2॥
हेरम्ब: पातु सर्वविग्नानं,
लक्ष्मीपतिर्विघ्न-विनाशनोऽवतु।
वक्र-तुण्डोऽवतु पायान्मुखं सदा,
सर्व-कायं पातु भवद्र्वन्धन:॥ 3॥
सर्वाङ्गं पातु गजवक्त्रोऽवतु,
हेरम्बोऽवतु पायाच्च सर्वदा।
भक्तानामिष्ट: सिद्धि-विनायक:
विघ्नानि पान्तु सिद्धि-प्रदायक:॥ 4॥
फलश्रुति:
य इदं कवचं दिव्यं पठते भीम-वर्जितं।
विघ्नानि तस्य नश्यन्ति सिद्धिर्भवति सर्वदा॥ 5॥
हिंदी अर्थ:
ध्यान:
जो भगवान गणेश सिंदूर के रंग जैसे शरीर वाले हैं, जिनका मुख हाथी के समान है, जो गोमूत्र और दुग्ध जैसे रंग वाले हैं, जो अपने भुजाओं में शस्त्र धारण करते हैं, जो सौम्य और शांत हैं, उन्हें मैं नमन करता हूँ।
श्री गणेश कवचम्:
विनायक मेरे वक्षस्थल की सदा रक्षा करें, जो सिद्धियों के प्रदाता हैं, सिद्ध गणों के अधिपति हैं। जो ऊर्ध्वाधर हैं, जिनका एक दन्त है, वे मेरे मस्तक की सदा रक्षा करें। गणाधिपति मेरे मस्तक की सदा रक्षा करें। श्रीगणेश मेरे मस्तक की सदा रक्षा करें, और श्रीहस्तों की सदा रक्षा करें। सभी दिशाओं से रक्षा करें, गिरिजा के पुत्र सिद्धि-विनायक रक्षा करें।
श्री गणेश कवच के लाभ
श्री गणेश कवच का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यहाँ 15 प्रमुख लाभों का वर्णन किया गया है:
- विघ्नों का नाश: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। इस कवच का पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और सफलता प्राप्त होती है।
- संकट से रक्षा: यह कवच व्यक्ति को जीवन के सभी संकटों से बचाता है और उसे शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।
- धन और समृद्धि: गणेश जी की कृपा से व्यक्ति को धन, समृद्धि, और भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: इस कवच का पाठ करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और उसकी शारीरिक स्थिति में सुधार होता है।
- ज्ञान और बुद्धि का विकास: इस कवच का नियमित पाठ व्यक्ति के अंदर ज्ञान और बुद्धि का विकास करता है।
- परिवार में सुख-शांति: इस कवच का पाठ करने से परिवार में सुख-शांति और प्रेम बना रहता है।
- कार्य सिद्धि: इस कवच का पाठ करने से किसी भी कार्य की सिद्धि आसानी से होती है।
- शत्रुओं से रक्षा: गणेश जी की कृपा से शत्रुओं और विरोधियों से रक्षा होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: इस कवच का पाठ सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- अद्वितीय कृपा: गणेश जी की अद्वितीय कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों में उन्नति होती है।
- भक्तिभाव का विकास: इस कवच का पाठ करने से भगवान गणेश के प्रति भक्तिभाव और श्रद्धा में वृद्धि होती है।
- संकल्प सिद्धि: इस कवच का पाठ करने से व्यक्ति का संकल्प पूरा होता है।
- सुख-समृद्धि: व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में संतुलन बना रहता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: इस कवच का पाठ करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- संकटों से मुक्ति: इस कवच का पाठ संकटों और समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक है।
श्री गणेश कवच की विधि
1. पाठ का समय:
श्री गणेश कवच का पाठ प्रातः काल में ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) करना शुभ माना जाता है।
2. पाठ की अवधि:
विशेष लाभ प्राप्त करने के लिए इस कवच का पाठ 41 दिनों तक लगातार करना चाहिए।
3. मुहूर्त:
इस कवच का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन इसे शुभ दिनों जैसे बुधवार, गणेश चतुर्थी, या किसी अन्य विशेष अवसर पर करना और भी लाभकारी होता है।
4. आसन:
पाठ करते समय सफेद या लाल रंग के आसन का उपयोग करना शुभ माना जाता है। यह आसन स्वच्छ और पवित्र होना चाहिए।
5. विधि:
पाठ से पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और उनकी प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं। गणेश जी को फूल, फल, और मिठाई अर्पित करें। इसके बाद संकल्प लेकर पाठ प्रारंभ करें।
6. मंत्र जाप:
इस कवच के साथ “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
7. संकल्प:
पाठ के प्रारंभ में अपने संकल्प को स्पष्ट करें और भगवान गणेश से प्रार्थना करें कि वह आपके संकल्प को पूरा करें।
8. ध्यान:
पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें और अन्य विचारों को मन में न आने दें।
श्री गणेश कवच के नियम
- पूजा और साधना को गुप्त रखें:
किसी भी साधना का प्रभाव तभी अधिक होता है जब इसे गुप्त रखा जाए। इसलिए इस कवच का पाठ भी गुप्त रूप से करना चाहिए। - सात्विक आहार:
पाठ के दौरान सात्विक आहार का पालन करना चाहिए। - शुद्धता:
पाठ करते समय मन, वचन, और शरीर की शुद्धता का ध्यान रखें। यह कवच तभी फलदायक होता है जब इसे शुद्ध मन और भावना से किया जाए। - नियमितता:
यदि आप 41 दिन की साधना कर रहे हैं तो इस दौरान पाठ को नियमित रूप से करें। किसी भी दिन इसे छोड़ने से बचें। - स्वच्छता:
पाठ करते समय स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पाठ के लिए एक विशेष स्थान का चयन करें जिसे स्वच्छ और पवित्र रखा गया हो। - साधना का पालन:
इस कवच का पाठ करते समय अन्य साधनाओं को भी यदि कर सकते हैं तो करें, जैसे गणेश जी का मंत्र जाप, ध्यान, या भजन गाना।
श्री गणेश कवच के दौरान सावधानियाँ
- सचेत रहना:
इस कवच को करते समय मन को अन्य विचारों से मुक्त रखें और इसे पूर्ण एकाग्रता के साथ करें। - अन्य कार्यों से बचें:
पाठ के दौरान अन्य कार्यों में मन नहीं लगाएं और पाठ को ध्यानपूर्वक पूरा करें। - नियमों का पालन:
साधना के दौरान दिए गए नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। नियमों का उल्लंघन करने से साधना का प्रभाव कम हो सकता है। - विशेष परिस्थितियों में विराम:
यदि आप बीमार हैं या किसी विशेष परिस्थिति में हैं, तो पाठ को स्थगित कर सकते हैं। ऐसे समय में आप केवल भगवान गणेश का ध्यान कर सकते हैं। - संयम:
साधना के दौरान संयम का पालन करें, चाहे वह आहार, वाणी, या विचारों में हो। यह पाठ की पवित्रता को बनाए रखता है।
श्री गणेश कवच के सामान्य प्रश्न
- श्री गणेश कवच कब करना चाहिए?
- सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करना सबसे उत्तम माना जाता है।
- क्या इसे केवल बुधवार को ही करना चाहिए?
- नहीं, इसे किसी भी दिन कर सकते हैं, लेकिन बुधवार और गणेश चतुर्थी का दिन विशेष माना जाता है।
- क्या इसे घर पर भी कर सकते हैं?
- हाँ, इसे घर पर किसी पवित्र स्थान पर भी कर सकते हैं।
- क्या महिलाएं भी श्री गणेश कवच का पाठ कर सकती हैं?
- हाँ, महिलाएं भी इस कवच का पाठ कर सकती हैं।
- पाठ करते समय किस आसन का उपयोग करना चाहिए?
- सफेद या लाल रंग के आसन का उपयोग करना शुभ माना जाता है।
- क्या पाठ के दौरान उपवास रखना आवश्यक है?
- नहीं, उपवास आवश्यक नहीं है, लेकिन सात्विक आहार का पालन करना चाहिए।
- इस कवच का नियमित रूप से कितने दिनों तक करना चाहिए?
- विशेष लाभ प्राप्त करने के लिए इसे 41 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।
- क्या श्री गणेश कवच का पाठ जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान करता है?
- हाँ, यह कवच जीवन की सभी बाधाओं और समस्याओं का समाधान करता है।
- क्या इस कवच का पाठ व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि दिलाता है?
- हाँ, यह पाठ आर्थिक समृद्धि और धन प्राप्ति में सहायक होता है।
- क्या इस कवच का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है?
- हाँ, यह पाठ मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करने में सहायक होता है।
- क्या इस कवच को करने से स्वास्थ्य लाभ होता है?
- हाँ, यह कवच शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
- क्या श्री गणेश कवच का पाठ अन्य पूजा विधियों के साथ किया जा सकता है?
- हाँ, इसे अन्य पूजा विधियों के साथ भी किया जा सकता है।
- क्या इस कवच का विशेष मुहूर्त होता है?
- विशेष मुहूर्त में इसे करने से इसका प्रभाव अधिक हो सकता है, जैसे गणेश चतुर्थी, बुधवार, और शुभ मुहूर्त।
- क्या इसे केवल मंदिर में ही करना चाहिए?
- नहीं, इसे घर पर भी किया जा सकता है।
- क्या श्री गणेश कवच का पाठ करते समय साधना को गुप्त रखना चाहिए?
- हाँ, साधना को गुप्त रखने से इसका प्रभाव अधिक होता है और यह सिद्धि प्राप्त करने में सहायक होता है।
श्री गणेश कवच भगवान गणेश की महिमा का गुणगान करता है और इसे नियमित रूप से पढ़ने से व्यक्ति को जीवन में अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह कवच जीवन की बाधाओं को दूर करता है और व्यक्ति को सुख, शांति, और समृद्धि प्रदान करता है। इस कवच का पाठ करते समय दिए गए नियमों का पालन करना और साधना को गुप्त रखना आवश्यक है। श्री गणेश कवच का पाठ व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाता है और भगवान गणेश की कृपा से उसे सभी इच्छित फल प्राप्त होते हैं।