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Sumukh ganesha mantra for all obstacles

सुमुख गणेश मंत्र – सुंदरता और समृद्धि के लिए शक्तिशाली उपाय

चारों दिशाओ से अपने भक्तों की रक्षा करने वाले भगवान गणेश का सुमुख गणेश मंत्र बहुत ही शक्तिशाली माना जाता हैं। सुमुख गणेश भगवान गणेश का एक ऐसा रूप है, जिसमें उनका चेहरा सुंदर और आकर्षक होता है। सुमुख का अर्थ “सुंदर मुख” है, जो शुभता और सुंदरता का प्रतीक है। सुमुख गणेश मंत्र का नियमित जप जीवन में शांति, समृद्धि और सुंदरता को आमंत्रित करता है।

सुमुख गणेश मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:

ॐ गं ग्लौं सुमुखे नमः

अर्थ:

  • “ॐ” – ब्रह्मांड की आदिशक्ति का प्रतीक, जो समस्त सृष्टि में विद्यमान है।
  • “गं” – गणेश बीज मंत्र, जो समृद्धि और बुद्धि का प्रतीक है।
  • “ग्लौं” – गणेश की विशेष शक्तियों को संचारित करता है।
  • “सुमुखे” – भगवान गणेश के सुंदर मुख (सुमुख) को संबोधित करता है।
  • “नमः” – आदर और श्रद्धा के साथ समर्पण का प्रतीक है।

मंत्र के लाभ

  1. समृद्धि और धन की प्राप्ति।
  2. मानसिक शांति और संतुलन।
  3. जीवन में सभी बाधाओं का निवारण।
  4. आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि।
  5. व्यापार और कार्यक्षेत्र में सफलता।
  6. पारिवारिक संबंधों में सुधार।
  7. शत्रुओं से सुरक्षा।
  8. बुद्धि और विवेक में वृद्धि।
  9. नकारात्मकता से मुक्ति।
  10. आध्यात्मिक जागरूकता में वृद्धि।
  11. स्वास्थ्य में सुधार।
  12. छात्रों के लिए अध्ययन में एकाग्रता।
  13. मन की शांति और संतुलन।
  14. प्रेम और संबंधों में सुधार।
  15. रोगों से मुक्ति।
  16. जीवन में सकारात्मकता का संचार।
  17. दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान।

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सुमुख गणेश मंत्र जप विधि

जप के दिन, अवधि और मुहूर्त

  • शुभ दिन: बुधवार, गणेश चतुर्थी या चतुर्थी तिथि।
  • जप की अवधि: 11 से 21 दिनों तक।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) सर्वोत्तम समय है।

सामग्री

  1. पीले या लाल वस्त्र।
  2. भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र।
  3. शुद्ध जल और अक्षत।
  4. हल्दी या रुद्राक्ष की माला।
  5. घी का दीपक और धूप।
  6. फूल, विशेषकर लाल या पीले।

संख्या

  • प्रतिदिन 11 माला (एक माला में 108 मंत्र)।
  • कुल 11 माला जपने से 1188 मंत्र रोज होते हैं।
  • जप की अवधि 11 से 21 दिनों तक हो सकती है।

नियम

  1. मंत्र जप 20 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग कर सकते हैं।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. नीले और काले रंग के वस्त्र न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. शुद्धता और स्वच्छता बनाए रखें।
  7. एक ही स्थान और समय पर नियमित जप करें।
  8. पूजा स्थल शांत और स्वच्छ होना चाहिए।

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मंत्र जप के दौरान सावधानियां

  1. शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
  2. मन और शरीर को संतुलित रखें।
  3. पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखें।
  4. किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से बचें।
  5. मंत्र जप के बाद कुछ समय के लिए ध्यान करें।
  6. भोजन में सात्विकता का पालन करें।
  7. अनुशासन और श्रद्धा के साथ जप करें।

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सुमुख गणेश मंत्र संबंधित प्रश्न और उत्तर

1. सुमुख गणेश कौन हैं?

सुमुख गणेश भगवान गणेश का एक सुंदर और आकर्षक रूप हैं, जो शुभता और सुंदरता का प्रतीक है।

2. इस मंत्र का क्या उद्देश्य है?

मंत्र का उद्देश्य जीवन की बाधाओं को दूर कर शांति, समृद्धि और सौंदर्य प्राप्त करना है।

3. मंत्र जप का सबसे उपयुक्त समय क्या है?

प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) जप के लिए सबसे उत्तम समय है।

4. कौन से वस्त्र पहनने चाहिए?

मंत्र जप के दौरान पीले या लाल वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। नीले और काले कपड़े न पहनें।

5. क्या महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं?

हाँ, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं, कोई विशेष प्रतिबंध नहीं है।

6. मंत्र जप कितने दिनों तक करना चाहिए?

मंत्र जप 11 से 21 दिनों तक किया जा सकता है, विशेष अवसरों पर भी जप किया जा सकता है।

7. मंत्र जप के दौरान कौन सी सामग्री आवश्यक है?

माला (रुद्राक्ष या हल्दी), शुद्ध जल, अक्षत, दीपक, धूप और फूल आवश्यक हैं।

8. क्या इस मंत्र का जप किसी भी समय कर सकते हैं?

सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में जप करना उचित है, लेकिन अन्य समय पर भी किया जा सकता है।

9. मंत्र जप के दौरान क्या आहार लेना चाहिए?

सात्विक आहार का पालन करें और मांसाहार, मद्यपान, धूम्रपान से परहेज करें।

10. मंत्र जप का परिणाम कितने दिनों में मिलता है?

श्रद्धा और समर्पण के साथ किए गए जप का परिणाम कुछ ही दिनों में दिखाई देने लगता है।

11. क्या विशेष परिस्थितियों में मंत्र जप के नियम बदल सकते हैं?

मंत्र जप के दौरान सभी नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, लेकिन व्यक्तिगत स्थितियों के आधार पर मार्गदर्शन लिया जा सकता है।

12. क्या मंत्र जप के बाद ध्यान करना आवश्यक है?

हाँ, मंत्र जप के बाद ध्यान करना मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है।

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