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Swarna Akarshana Ganapati Mantra Money Attraction

दुकान धंधा व ब्यापार को बढाने वाले स्वर्ण आकर्षण गणपति, जिन्हें स्वर्ण गणपति के नाम से भी जाना जाता है, का अनुवाद “स्वर्ण-आकर्षित करने वाला गणेश” होता है। उन्हें भगवान गणेश का एक विशिष्ट रूप माना जाता है जो धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। स्वर्ण आकर्षण गणपति भगवान गणेश का एक विशिष्ट रूप है, जिसे विशेष रूप से धन और समृद्धि प्राप्ति के लिए पूजा जाता है। इस रूप में गणपति को स्वर्ण के रूप में देखा जाता है, जो समृद्धि और शुभता का प्रतीक है।

स्वर्ण आकर्षण गणपति का स्वरूप

स्वर्ण आकर्षण गणपति को स्वर्ण आभूषणों और वस्त्रों से सजाया जाता है। उनकी मूर्ति स्वर्णिम होती है और वे अत्यंत आकर्षक और सुंदर दिखाई देते हैं। उनके हाथों में विभिन्न वस्त्र और मुद्राएँ होती हैं जो धन, समृद्धि और सफलता का प्रतीक होती हैं।

स्वर्ण आकर्षण गणपति मंत्र और उसका अर्थ

  1. ॐ (Om): यह परमात्मा का बीज मंत्र है, जो ब्रह्मांड की समस्त ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है।
  2. गं (Gam): यह गणपति का बीज मंत्र है, जो गणेश जी की उपासना का प्रतीक है। ‘गं’ का उच्चारण करते ही गणपति की शक्ति और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
  3. ग्लौं (Gloum): यह एक विशेष तांत्रिक बीज मंत्र है, जो विशेष शक्तियों और समृद्धि की प्राप्ति के लिए उच्चारित किया जाता है।
  4. स्वर्ण (Swarn): इसका अर्थ है ‘सोना’ या ‘स्वर्ण’, जो समृद्धि और धन का प्रतीक है।
  5. आकर्षण (Aakarshan): इसका अर्थ है ‘आकर्षण’ या ‘आकर्षित करना’, जो धन और समृद्धि को आकर्षित करने की क्षमता का प्रतीक है।
  6. गणपतये (Ganapataye): यह भगवान गणेश को संबोधित करता है, जो विघ्नहर्ता और समृद्धि के देवता हैं।
  7. नमः (Namah): इसका अर्थ है ‘नमन’ या ‘प्रणाम’, जो भगवान गणेश को श्रद्धा और समर्पण का संकेत है।

इस प्रकार, इस मंत्र का पूरा अर्थ है:

“मैं परमात्मा, गणपति, और विशेष शक्तियों को नमन करता हूँ, जो स्वर्ण और समृद्धि को आकर्षित करने में सक्षम हैं। हे गणपति देव, मुझे धन, समृद्धि, और सुख-शांति प्रदान करें।”

स्वर्ण आकर्षण गणपति मंत्र के लाभ

  1. कर्ज मुक्ति: कर्ज से मुक्ति पाने के लिए यह पूजा अत्यंत प्रभावशाली है।
  2. धन आकर्षण: धन को आकर्षित करने और आर्थिक समृद्धि प्राप्त करने में सहायक।
  3. व्यापार में तरक्की: व्यापार में सफलता और उन्नति के लिए।
  4. आर्थिक बाधाओं का निवारण: आर्थिक समस्याओं और बाधाओं का समाधान।
  5. नौकरी में उन्नति: नौकरी में उन्नति और पदोन्नति प्राप्त करने में सहायक।
  6. असुरक्षा की भावना से मुक्ति: असुरक्षा और भय से मुक्ति।
  7. भय से मुक्ति: मानसिक शांति और सुरक्षा की भावना प्राप्त होती है।
  8. कार्य सिद्धि: कार्यों में सफलता और सिद्धि प्राप्त होती है।
  9. तंत्र बाधाओं का निवारण: तांत्रिक बाधाओं से मुक्ति।
  10. आर्थिक बंधनों का निवारण: आर्थिक बंधनों से छुटकारा।
  11. क्लेश मुक्ति: जीवन के विभिन्न क्लेशों से मुक्ति।
  12. मानसिक शक्ति: मानसिक शक्ति और एकाग्रता में वृद्धि।
  13. आध्यात्मिक शक्ति: आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान की प्राप्ति।
  14. गृहस्थ सुख: गृहस्थ जीवन में सुख और शांति।
  15. परिवार में सुख शांति: परिवार में शांति और समृद्धि।
  16. विघ्न बाधाओं का निवारण: जीवन में आने वाली विघ्न बाधाओं का निवारण।
  17. आर्थिक सुरक्षा: आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त होती है।
  18. व्यवसायिक उन्नति: व्यवसाय में प्रगति और उन्नति।
  19. सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
  20. सुख और समृद्धि: जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति।

स्वर्ण आकर्षण गणपति मंत्र पूजा की सामग्री

  • स्वर्ण गणपति की मूर्ति या चित्र
  • जल
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर)
  • चंदन
  • कुमकुम
  • हल्दी
  • बेलपत्र
  • दूर्वा घास
  • फल और मिठाई
  • धूप और दीपक
  • पुष्पमाला
  • नारियल
  • पान के पत्ते
  • सुपारी

स्वर्ण आकर्षण गणपति मंत्र मुहूर्त, दिन और अवधि

मुहूर्त:
सुबह का ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) और प्रदोष काल (संध्या समय) स्वर्ण आकर्षण गणपति पूजा के लिए सबसे शुभ समय माने जाते हैं।

दिन:
शुक्रवार और बुधवार को गणपति पूजा के लिए शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त, चतुर्थी तिथि विशेष रूप से लाभकारी होती है।

अवधि:
पूजा की अवधि 1 से 3 घंटे हो सकती है, जिसमें मंत्र जप और अभिषेक शामिल होता है।

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स्वर्ण आकर्षण गणपति मंत्र सावधानियाँ

  1. पवित्रता बनाए रखें: पूजा स्थल और अपने आप को शुद्ध रखें।
  2. संकल्प करें: पूजा के पहले एक स्पष्ट संकल्प लें।
  3. अनुशासन का पालन करें: पूजा विधि में अनुशासन का पालन करें।
  4. ध्यान और एकाग्रता: पूजा के दौरान ध्यान और एकाग्रता बनाए रखें।
  5. शाकाहारी आहार: पूजा के दिन शाकाहारी आहार का पालन करें।
  6. शांति बनाए रखें: पूजा स्थल पर शांति और समर्पण का माहौल बनाए रखें।

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स्वर्ण आकर्षण गणपति मंत्र– अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. स्वर्ण आकर्षण गणपति कौन हैं?
    • स्वर्ण आकर्षण गणपति भगवान गणेश का एक रूप हैं, जो विशेष रूप से धन और समृद्धि के लिए पूजे जाते हैं।
  2. स्वर्ण आकर्षण गणपति पूजा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
    • इस पूजा का मुख्य उद्देश्य धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त करना है।
  3. इस पूजा के लिए कौन सा दिन शुभ है?
    • बुधवार, शुक्रवार और चतुर्थी तिथि को शुभ माना जाता है।
  4. स्वर्ण आकर्षण गणपति का मंत्र क्या है?
    • मंत्र है: ॥ॐ गं ग्लौं स्वर्ण आकर्षण गणपतये नमः॥
  5. इस पूजा से कौन-कौन से लाभ प्राप्त होते हैं?
    • कर्ज मुक्ति, धन आकर्षण, व्यापार में तरक्की, नौकरी में उन्नति, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति आदि।
  6. क्या इस पूजा के लिए किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता है?
    • हां, जल, पंचामृत, चंदन, कुमकुम, हल्दी, बेलपत्र, दूर्वा, फल, मिठाई, धूप, दीपक आदि की आवश्यकता होती है।
  7. क्या इस पूजा के दौरान व्रत रखना आवश्यक है?
    • यह आवश्यक नहीं है, लेकिन लाभकारी हो सकता है।
  8. इस पूजा के दौरान कौन से नियमों का पालन करना चाहिए?
    • पवित्रता, अनुशासन, शांति और ध्यान का पालन करना चाहिए।
  9. क्या इस पूजा के दौरान किसी गुरु की आवश्यकता होती है?
    • यदि संभव हो तो गुरु के मार्गदर्शन में पूजा करना अच्छा होता है।
  10. इस पूजा के दौरान कौन से मंत्र का जप करना चाहिए?
    • स्वर्ण आकर्षण गणपति मंत्र: ॥ॐ गं ग्लौं स्वर्ण आकर्षण गणपतये नमः॥ का जप करना चाहिए।
  11. क्या इस पूजा को घर पर किया जा सकता है?
    • हां, इसे घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन पूजा स्थल को पवित्र रखना चाहिए।
  12. इस पूजा का समय क्या होना चाहिए?
    • ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या प्रदोष काल (संध्या समय) में पूजा करना शुभ होता है।
  13. क्या इस पूजा के दौरान ध्यान करना आवश्यक है?
    • हां, ध्यान करना मानसिक और आध्यात्मिक लाभ को बढ़ाता है।
  14. इस पूजा के दौरान किस दिशा में बैठना चाहिए?
    • उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ होता है।
  15. क्या इस पूजा के दौरान किसी विशेष ध्वनि (संगीत) का उपयोग करना चाहिए?
    • हां, ओम नमः शिवाय, गणेश आरती और अन्य भक्तिगीतों का उच्चारण करना लाभकारी होता है।
  16. इस पूजा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
    • पवित्रता, अनुशासन, और एकाग्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  17. क्या इस पूजा के दौरान भोग चढ़ाना चाहिए?
    • हां, पंचामृत और अन्य मिठाई का भोग चढ़ाना शुभ होता है।
  18. इस पूजा के दौरान क्या व्रत रखा जा सकता है?
    • हां, पूजा के प्रभाव को बढ़ाने के लिए व्रत रखा जा सकता है।
  19. क्या इस पूजा से भौतिक लाभ होता है?
    • हां, मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि, और सुख-शांति प्राप्त होती है।
  20. इस पूजा के दौरान किन वस्त्रों का उपयोग करना चाहिए?
    • सफेद या पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।

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