Swarnarekha Yakshini Mantra for Wealth Health & Peace

स्वर्णरेखा यक्षिणी मंत्र: अथाह धन-सुख का स्रोत

स्वर्णरेखा यक्षिणी मंत्र एक अद्भुत और प्रभावशाली साधना है, जो साधक को अथाह धन, सुख और समृद्धि प्रदान करती है। यह मंत्र न केवल आर्थिक संकट दूर करता है, बल्कि जीवन में शांति और उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इस मंत्र की साधना विधि सरल होने के साथ-साथ अत्यंत प्रभावी है, यदि इसे श्रद्धा और नियमों के साथ किया जाए।


विनियोग मंत्र और उसका अर्थ

विनियोग मंत्र: “ॐ अस्य श्री स्वर्णरेखा यक्षिणी मंत्रस्य मंत्रद्रष्टा ब्रह्मा, देवता यक्षिणी, छंद गायत्री, विनियोग सर्वसिद्धि, सुख-समृद्धि प्राप्तये जपे विनियोगः।”

अर्थ: इस मंत्र के माध्यम से साधक स्वर्णरेखा यक्षिणी की कृपा प्राप्त करता है। यह मंत्र साधक को आर्थिक समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है।


दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र: “ॐ ह्रीं क्लीं सर्वदिक्पालाय नमः

अर्थ: इस मंत्र से साधक अपने चारों ओर एक अदृश्य सुरक्षा कवच बनाता है। यह मंत्र सभी नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर, सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।


मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र: “ॐ ह्रीं स्वर्णरेखा यक्षिणे सर्व सुख समृद्धिम् देही देही स्वाहा”

अर्थ: यह दिव्य मंत्र साधक को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के लाभ प्रदान करता है। जब साधक इस मंत्र का जाप करता है, तो वह न केवल आर्थिक समृद्धि और सुख की ओर अग्रसर होता है, बल्कि आत्मिक स्थिरता और संतुलन भी प्राप्त करता है। यह मंत्र साधक के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे उसका आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।

मां स्वर्णरेखा यक्षिणी की कृपा से जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं। यह मंत्र साधक के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाता है और उसे नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रखता है। इस मंत्र का नियमित जाप साधक को आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख प्रदान करता है।


जप के दौरान सेवन योग्य चीजें

  1. दूध और उसके उत्पाद
  2. सूखे मेवे
  3. फल और ताजे जूस
  4. सादा भोजन
  5. गंगाजल मिश्रित पानी

स्वर्णरेखा यक्षिणी मंत्र के लाभ

  1. आर्थिक संकट से मुक्ति।
  2. व्यापार में वृद्धि।
  3. नौकरी में तरक्की।
  4. पारिवारिक सुख की प्राप्ति।
  5. सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
  6. मानसिक शांति।
  7. धन संग्रह में वृद्धि।
  8. ऋण मुक्ति।
  9. दान-पुण्य की क्षमता में वृद्धि।
  10. स्वास्थ लाभ।
  11. मनोबल में वृद्धि।
  12. जीवन में स्थिरता।
  13. सौभाग्य का उदय।
  14. शत्रुओं पर विजय।
  15. सामाजिक मान-सम्मान।
  16. बुरे समय से बचाव।
  17. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  18. आध्यात्मिक उन्नति।

पूजा सामग्री और मंत्र विधि

पूजा सामग्री:

  • शिवलिंग
  • लाल वस्त्र
  • चंदन
  • गंगाजल
  • दीपक और धूपबत्ती
  • ताजे फूल
  • फल

मंत्र विधि:

  1. एक साफ स्थान पर शिवलिंग को स्थापित करें।
  2. लाल वस्त्र का आसन बिछाएं।
  3. दीपक और धूप जलाकर वातावरण को शुद्ध करें।
  4. मंत्र का जाप करें।

जप का समय, अवधि और मुहूर्त

  • दिन: शुक्रवार से प्रारंभ करें।
  • अवधि: लगातार 18 दिन।
  • मुहूर्त: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त।
  • समय: 20 मिनट प्रतिदिन।

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मंत्र जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष से ऊपर हो।
  2. स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकता है।
  3. नीले और काले वस्त्र न पहनें।
  4. धूम्रपान और मद्यपान का त्याग करें।
  5. मांसाहार का सेवन न करें।
  6. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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जप के दौरान सावधानियां

  1. जप के बीच में कोई बाधा न हो।
  2. पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें।
  3. स्थान की शुद्धि का ध्यान रखें।
  4. अनावश्यक वस्त्राभूषण न पहनें।
  5. किसी से विवाद न करें।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: क्या यह मंत्र केवल धन प्राप्ति के लिए है?

उत्तर: नहीं, यह मंत्र न केवल धन प्राप्ति बल्कि मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी है।

प्रश्न 2: क्या यह मंत्र हर किसी के लिए है?

उत्तर: हां, लेकिन इसे करने के लिए नियमों और विधियों का पालन करना अनिवार्य है।

प्रश्न 3: मंत्र का प्रभाव कब दिखाई देता है?

उत्तर: साधक द्वारा नियमपूर्वक और श्रद्धा से जाप करने पर 18 दिनों के भीतर इसके प्रभाव दिखने लगते हैं।

प्रश्न 4: क्या मंत्र जाप के बाद भी कुछ सावधानियां रखनी चाहिए?

उत्तर: हां, जाप के बाद भी सकारात्मक सोच, ब्रह्मचर्य और नियमों का पालन आवश्यक है।

प्रश्न 5: क्या मंत्र जाप से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है?

उत्तर: हां, दिग्बंधन मंत्र के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 6: क्या इस मंत्र को किसी विशेष दिन ही प्रारंभ करना चाहिए?

उत्तर: शुक्रवार को प्रारंभ करना शुभ माना गया है, लेकिन अन्य दिन भी साधना कर सकते हैं।

प्रश्न 7: क्या स्त्रियां इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?

उत्तर: हां, स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

प्रश्न 8: क्या मासिक धर्म के दौरान मंत्र जाप किया जा सकता है?

उत्तर: इस अवधि में जाप स्थगित कर देना चाहिए और शुद्धता के साथ बाद में पुनः आरंभ करें।

प्रश्न 9: क्या जाप के लिए विशेष वस्त्र पहनना आवश्यक है?

उत्तर: लाल या सफेद वस्त्र पहनना शुभ है; नीले और काले रंग के वस्त्रों से बचें।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का जाप किसी विशेष स्थान पर करना चाहिए?

उत्तर: साफ और शांत स्थान पर जाप करना उचित है; पूजास्थल सबसे उत्तम होता है।

प्रश्न 11: क्या शिवलिंग के बिना भी इस मंत्र का जाप किया जा सकता है?

उत्तर: शिवलिंग के बिना भी जाप किया जा सकता है, लेकिन शिवलिंग के साथ जाप अधिक प्रभावी होता है।

प्रश्न 12: क्या जाप के दौरान कोई विशेष भोग चढ़ाना चाहिए?

उत्तर: फल, ताजे फूल, और गंगाजल चढ़ाना शुभ माना जाता है।

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