महाविद्या त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ करना मनुष्य को बहुत ही जल्दी आर्थिक अड़चनों से छुटकारा दिलाता है। त्रिपुर सुंदरी देवी को आदिशक्ति का स्वरूप माना जाता है, जो पूरे संसार की सृष्टि, पालन और संहार की देवी हैं। त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ देवी की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है।
त्रिपुर सुंदरी चालीसा
॥दोहा॥
सिर पर चंद्रमा की शोभा, मस्तक बिंदु दिव्य प्रकाश।
त्रिपुर सुंदरी रूप महान, करें भक्तों का कल्याण॥
॥चालीसा॥
जय त्रिपुर सुंदरी जगदम्बा, जय महाकाली माँ अम्बा।
तेरी महिमा अपरंपार, जगत में तेरा है अधिकार॥
चंद्रमा की किरणें तेरे माथे, दिव्य अलौकिक छवि जगमगाते।
तेरे चरणों में हैं हम भक्त, तु हीं हमारे सारे कष्ट हरते॥
शिव शक्ति का अद्भुत मेल, तेरा रूप है अनूप।
संसार में तेरा शासन, तु हीं करुणा का रूप॥
तेरी माया से सब कुछ चलता, तु हीं सबकी जीवनरेखा।
अशरण शरणागत रक्षा करें, मां तेरा हर भक्तों को सहारा॥
जगतपालन की तु अधिकारी, तेरा रूप है महिमा भारी।
प्रलय के समय भी तु हीं सहारा, हर विपत्ति में तु हीं तारणहारा॥
तेरी कृपा से मिलती शांति, तु हीं करुणामय देवी।
हर त्रास से मुक्त करें, तु हीं शक्ति की परिभाषा॥
तू है सुख की सागर, हर दुःख को दूर करें।
तेरे बिन संसार अधूरा, तू हीं जीवन का मूल मंत्र॥
अंबा तु हीं सबका आधार, त्रिपुर सुंदरी तेरा नाम।
तेरे चरणों में मिलती शांति, तु हीं ममता का स्थान॥
भक्ति से तु प्रसन्न होती, तु हीं अनंत शक्ति की मूरत।
तेरी चालीसा से मिलती रक्षा, तु हीं जीवन की संरक्षक॥
जय त्रिपुर सुंदरी जगदम्बा, तु हीं सबकी है मां अम्बा।
तुम बिन कोई सहारा नहीं, तु हीं सबकी पालनहारा॥
तेरी महिमा का नहीं कोई अंत, तु हीं ब्रह्मा, विष्णु, महेश की संत।
तेरे दर्शन से मिलती शांति, तु हीं जगत की देवी आनंद मंती॥
प्रेम और भक्ति का सागर, तु हीं जननी का आधार।
तु हीं जगत की पालनहार, तु हीं विश्व की तारणहार॥
जय त्रिपुर सुंदरी, जय महाकाली,
जय अम्बा जगदम्बा, जय माँ त्रिपुर सुंदरी॥
त्रिपुर सुंदरी चालीसा लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: त्रिपुर सुंदरी चालीसा का नियमित पाठ व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
- मानसिक शांति: इस चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: त्रिपुर सुंदरी चालीसा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- विपत्तियों से रक्षा: यह चालीसा भक्तों को विपत्तियों और कठिनाइयों से रक्षा करती है।
- पारिवारिक सुख-शांति: इसका पाठ करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- धन और समृद्धि: त्रिपुर सुंदरी चालीसा का नियमित पाठ धन और समृद्धि को आकर्षित करता है।
- स्वास्थ्य लाभ: इस चालीसा के पाठ से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान: इसका पाठ करने से विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।
- शत्रुओं पर विजय: चालीसा के पाठ से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- प्रेम और सौहार्द बढ़ाता है: त्रिपुर सुंदरी चालीसा के पाठ से प्रेम और सौहार्द में वृद्धि होती है।
- संकट मोचन: यह चालीसा संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है।
- सुखद जीवन: चालीसा का नियमित पाठ जीवन को सुखद और आनंदमय बनाता है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक विकास: इसका पाठ धार्मिक और आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।
- ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि: त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि करता है।
- विवेक और धैर्य: यह चालीसा विवेक और धैर्य को बढ़ाने में मदद करती है।
- संतान सुख: इसके पाठ से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- संकल्प शक्ति में वृद्धि: त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ संकल्प शक्ति को बढ़ाता है।
- साधना में सफलता: इस चालीसा के नियमित पाठ से साधना में सफलता मिलती है।
- देवी की कृपा प्राप्त होती है: यह चालीसा देवी त्रिपुर सुंदरी की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है।
- सम्पूर्ण जीवन की सुरक्षा: इस चालीसा का पाठ सम्पूर्ण जीवन की सुरक्षा में सहायक होता है।
त्रिपुर सुंदरी चालीसा पाठ की विधि
दिन और समय
- दिन: शुक्रवार को त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ विशेष फलदायी माना जाता है।
- समय: इसका पाठ सुबह और शाम के समय करना शुभ माना जाता है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में इसका पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।
सामग्री
- साफ वस्त्र पहनकर पूजा करें।
- त्रिपुर सुंदरी देवी की मूर्ति या चित्र।
- आसन, रुद्राक्ष माला, दीपक, कपूर, धूप, लाल चंदन, केसर, शुद्ध जल, और नैवेद्य।
विधि
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करें और आसन लगाएं।
- त्रिपुर सुंदरी देवी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
- धूप-दीप जलाकर देवी की आरती करें।
- ध्यान मुद्रा में बैठकर त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ करें।
- पाठ के बाद देवी को नैवेद्य अर्पित करें और अंत में श्रद्धा पूर्वक प्रणाम करें।
त्रिपुर सुंदरी चालीसा के नियम और सावधानियाँ
नियम
- श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करें।
- नियमित रूप से पाठ करने का संकल्प लें।
- साफ-सुथरे मन और तन से पाठ करें।
- मन को एकाग्र करें और ध्यान की अवस्था में पाठ करें।
- पूरी चालीसा का पाठ करें, किसी भी श्लोक को न छोड़ें।
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सावधानियाँ
- पाठ के दौरान मन को भटकने न दें।
- बिना स्नान के पाठ न करें।
- पाठ के समय साफ और शुद्ध वातावरण रखें।
- त्रिपुर सुंदरी की मूर्ति या चित्र का अनादर न करें।
- नियमबद्धता का पालन करें, पाठ को बीच में न रोकें।
त्रिपुर सुंदरी चालीसा के सामान्य प्रश्न
- त्रिपुर सुंदरी चालीसा कब पाठ करना चाहिए?
- त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ शुक्रवार को और ब्रह्म मुहूर्त में करना सबसे शुभ माना जाता है।
- इस चालीसा का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?
- यह आपके संकल्प पर निर्भर करता है। आप इसे नियमित रूप से या कम से कम 21 दिनों तक कर सकते हैं।
- पाठ के दौरान कौन-सी सामग्री का उपयोग करना चाहिए?
- दीपक, धूप, लाल चंदन, केसर, नैवेद्य, रुद्राक्ष माला और त्रिपुर सुंदरी की मूर्ति या चित्र का उपयोग करें।
- क्या त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ केवल महिलाएं ही कर सकती हैं?
- नहीं, इस चालीसा का पाठ पुरुष और महिलाएं दोनों कर सकते हैं।
- इस चालीसा का पाठ किस उद्देश्य के लिए किया जाता है?
- त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ देवी की कृपा प्राप्त करने, मानसिक शांति, पारिवारिक सुख-शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है।
- क्या त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ करने से धन की प्राप्ति होती है?
- हां, इस चालीसा के पाठ से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- पाठ के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ करें और मन को शांत और एकाग्र रखें।
- क्या चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?
- हां, इसे किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सुबह और शाम का समय सबसे उत्तम माना जाता है।
- पाठ के दौरान कौन-सा आसन प्रयोग करना चाहिए?
- कमलासन या सुखासन का प्रयोग करें।
- इस चालीसा का पाठ करने से क्या विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान होता है?
- हां, त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान करने में सहायक होता है।
- क्या त्रिपुर सुंदरी चालीसा का पाठ करने से संतान सुख प्राप्त होता है?
- हां, इस चालीसा का पाठ करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।