सबका दुख दूर करने वाली माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करना जीवन की सभी कमियों को दूर कर देता है। ये माता आदि शक्ति की स्वरूप मानी जाती है। इनका आशीर्वाद प्राप्त करने से भक्तों को जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और मनोकामनाओं की प्राप्ति होती है व जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं।
माता वरदायिनी का नाम “वरदायिनी” का अर्थ है “वरदान देने वाली।” यह देवी का रूप भक्तों को उनके कठिन समय में मदद करने और उनकी इच्छाओं को पूरा करने के लिए जाना जाता है। माता वरदायिनी की पूजा और चालीसा का लगातार ४० दिन तक पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आत्मबल, और जीवन में उन्नति प्राप्त होती है।
माता वरदायिनी चालीसा
॥दोहा॥
जगदम्बिका गवरी जय, वरदायिनी जननी।
सदगति संजीवनी, ममता रूप धरणी॥
चौपाई:
जय जय माता वरदायिनी, जयति जगत में महान।
अक्षय पुण्य फल देत तुम, करो भक्तों का कल्याण॥
तुमको ध्यावत सदा सुर-मुनि, रचें तुम्हारे गुणगान।
जय हो माता वरदायिनी, करो भक्तों का कल्याण॥
तुम्ही हो सबकी पालन हारी, दीन दुखियों की रखवारी।
तुम ही हो सृष्टि की आधार, जय जय माता वरदायिनी॥
तुम्ही हो दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, तुम्हीं हो जगदम्बिका।
तुम्हारे बिना कौन है संसार में, वरदायिनी माता॥
शरणागत की रक्षा करती, कृपा से भंडार भरती।
जो भी करता सच्चे मन से, वह तेरा व्रत रखता॥
विघ्न-बाधा सब हरती हो, जीवन में प्रकाश करती हो।
जय जय माता वरदायिनी, कृपा दृष्टि का वर दे॥
तेरा भजन जो गाता है, सच्चे मन से जो तुझको भजता है।
वह पा जाता है तेरे आशीर्वाद से, जीवन में हर सुख के क्षण॥
संकट मिट जाएं सारे, सुख-समृद्धि का वास हो।
जय जय माता वरदायिनी, सदा तुम्हारी ही कृपा हो॥
तुम्ही हो सृष्टि की पालन कारी, दुखियों की सुधि लेती हो।
हे माता वरदायिनी, हम सब पर कृपा करो॥
तुम्ही हो जग की जननी, पालनकर्ता और संहारणी।
तुम्ही हो जीवन का आधार, हे माता वरदायिनी॥
जय हो माता वरदायिनी, संजीवनी कृपा का वर दो।
सदगति संजीवनी, ममता रूप धरणी॥
॥दोहा॥
जयति जगत में महान, वरदायिनी माता।
तुम्हारी जय-जयकार हो, करुणा का वरदान॥
माता वरदायिनी चालीसा लाभ
- कष्टों का निवारण: माता वरदायिनी चालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
- मनोकामना पूर्ण: जो भी भक्त इस चालीसा का पाठ करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- आत्मबल में वृद्धि: यह चालीसा आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होती है।
- सुख-शांति का अनुभव: माता वरदायिनी की कृपा से घर में सुख और शांति बनी रहती है।
- संकटों का समाधान: जीवन के सभी संकटों का समाधान माता के आशीर्वाद से होता है।
- शत्रु बाधाओं से मुक्ति: यह चालीसा शत्रुओं से बचाव करती है और सुरक्षा प्रदान करती है।
- समृद्धि का वास: इस चालीसा का पाठ करने से घर में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: माता वरदायिनी की कृपा से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का समाधान होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह चालीसा भक्त को आध्यात्मिक रूप से उन्नत बनाती है।
- धर्म में रुचि: माता की कृपा से भक्त की धर्म में रुचि बढ़ती है।
- शांति और संयम: माता वरदायिनी चालीसा का पाठ मन को शांत और संयमित करता है।
- भयमुक्त जीवन: इस चालीसा का नियमित पाठ भय को दूर करता है और निडरता प्रदान करता है।
- पारिवारिक सुख: माता की कृपा से परिवार में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है।
- अकाल मृत्यु से रक्षा: इस चालीसा का पाठ करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
- व्यवसाय में उन्नति: माता वरदायिनी की कृपा से व्यवसाय में तरक्की और सफलता मिलती है।
- विद्या और बुद्धि का विकास: माता की कृपा से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।
- कर्ज मुक्ति: यह चालीसा कर्ज से मुक्ति दिलाती है और आर्थिक स्थिरता प्रदान करती है।
- सफलता प्राप्ति: माता वरदायिनी की कृपा से कार्यों में सफलता मिलती है।
- सुखद दांपत्य जीवन: माता की कृपा से दांपत्य जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
- मन की शांति: इस चालीसा का पाठ करने से मन शांत और प्रसन्न रहता है।
माता वरदायिनी चालीसा (दिन, अवधि, मुहूर्त)
- दिन: माता वरदायिनी की पूजा और चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, परंतु शुक्रवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- अवधि: चालीसा का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए, विशेषकर शुक्रवार के दिन।
- मुहूर्त: प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त (4:00 बजे से 6:00 बजे के बीच) सबसे उत्तम समय माना जाता है।
माता वरदायिनी चालीसा पाठ के नियम
- स्वच्छता: चालीसा का पाठ करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
- शुद्ध आसन: पूजा करते समय शुद्ध आसन का प्रयोग करें, जैसे कि कुशासन या सफेद कपड़े का आसन।
- धूप-दीप: पूजा स्थल पर धूप और दीपक जलाएं, इससे वातावरण पवित्र और शांत रहता है।
- मन की शुद्धता: चालीसा का पाठ मन की शुद्धता और एकाग्रता के साथ करें।
- समर्पण: माता वरदायिनी के प्रति पूर्ण समर्पण और श्रद्धा भाव के साथ चालीसा का पाठ करें।
- नियमितता: चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने का प्रयास करें।
- पवित्र जल: पूजा स्थल पर पवित्र जल या गंगाजल रखें और इसे पूजा के बाद अपने घर के सभी कोनों में छिड़कें।
- प्रसाद: पूजा के बाद माता को प्रसाद अर्पित करें और इसे सभी के साथ बांटें।
- ध्यान: चालीसा का पाठ करते समय माता वरदायिनी का ध्यान करें और उनकी कृपा की कामना करें।
- मौन: पूजा के समय मौन रहें और मन को एकाग्रचित्त रखें।
माता वरदायिनी चालीसा पाठ में सावधानियां
- अशुद्ध मन: अशुद्ध मन से चालीसा का पाठ न करें, इससे लाभ की प्राप्ति नहीं होती।
- अपवित्रता: पूजा स्थल और आस-पास की जगह को साफ रखें, अपवित्रता से बचें।
- दुर्व्यवहार: माता की पूजा करते समय किसी प्रकार का दुर्व्यवहार न करें।
- अधीरता: पूजा करते समय धैर्य रखें और अधीरता से बचें।
- नशा: पूजा से पहले और पूजा के दौरान किसी प्रकार का नशा न करें।
- अवज्ञा: माता वरदायिनी के नियमों का पालन करें और उनकी अवज्ञा न करें।
- ध्यान विचलन: चालीसा का पाठ करते समय ध्यान को विचलित न होने दें।
- सही उच्चारण: चालीसा का पाठ सही उच्चारण के साथ करें, गलत उच्चारण से बचें।
- व्रत: अगर आप व्रत रख रहे हैं, तो इसे पूरे नियम के साथ पालन करें।
- आस्थाहीनता: चालीसा का पाठ आस्था और विश्वास के साथ करें, बिना विश्वास के पाठ का कोई फल नहीं मिलता।
माता वरदायिनी चालीसा पाठ FAQ
- माता वरदायिनी चालीसा किस दिन पढ़ना चाहिए?
- शुक्रवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है, लेकिन इसे किसी भी दिन पढ़ा जा सकता है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ रोज़ाना किया जा सकता है?
- हाँ, इसे रोज़ाना किया जा सकता है।
- माता वरदायिनी चालीसा कितनी बार पढ़ना चाहिए?
- चालीसा का पाठ कम से कम एक बार अवश्य करें, लेकिन इसे अधिक बार पढ़ने से भी अधिक लाभ मिलता है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने के लिए व्रत रखना आवश्यक है?
- व्रत रखना आवश्यक नहीं है, लेकिन व्रत के साथ चालीसा का पाठ अधिक प्रभावी होता है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं?
- हाँ, माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?
- हाँ, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करना अधिक लाभकारी होता है।
- माता वरदायिनी चालीसा के पाठ से क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं?
- यह चालीसा स्वास्थ्य सुधार में सहायक होती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ घर में ही करना चाहिए?
- हाँ, घर में स्वच्छ और शांत जगह पर पाठ करना उचित होता है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं?
- हाँ, इस चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करते समय कौन-सा आसन उपयोग करना चाहिए?
- स्वच्छ और शुद्ध आसन, जैसे कि कुशासन या सफेद कपड़े का आसन प्रयोग करें।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से शत्रु बाधाएं दूर होती हैं?
- हाँ, यह चालीसा शत्रु बाधाओं से मुक्ति दिलाती है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करते समय दीपक जलाना चाहिए?
- हाँ, दीपक जलाने से वातावरण पवित्र होता है।
- माता वरदायिनी चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
- जितनी बार हो सके, उतनी बार करें, कम से कम एक बार अवश्य करें।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं?
- हाँ, माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करते समय किसी विशेष दिशा की ओर मुख करना चाहिए?
- पूरब दिशा की ओर मुख करके पाठ करना शुभ माना जाता है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है?
- हाँ, इस चालीसा का पाठ संतान सुख की प्राप्ति में सहायक होता है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है?
- हाँ, माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।
- माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने से कौन-से आध्यात्मिक लाभ होते हैं?
- यह चालीसा आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है और आत्मबल को बढ़ाती है।
- क्या माता वरदायिनी चालीसा का पाठ परिवार के सभी सदस्यों के लिए लाभकारी होता है?
- हाँ, यह चालीसा परिवार के सभी सदस्यों के लिए लाभकारी होती है।
- माता वरदायिनी चालीसा का पाठ करने के बाद क्या करना चाहिए?
- पाठ के बाद माता को प्रसाद अर्पित करें और इसे सभी के साथ बांटें।