गुरूवार, नवम्बर 7, 2024

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Tripura Sundari Mantra – Unlocking Divine Protection & Wealth

त्रिपुर सुंदरी मंत्र की अद्भुत शक्ति- सभी मनोकामनाओं की पुर्ति

त्रिपुर सुंदरी मंत्र, एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है जो देवी त्रिपुर सुंदरी के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस मंत्र का जाप व्यक्ति को दिव्य शक्ति, सौंदर्य, शांति और समृद्धि प्रदान करने में सहायक है। यह मंत्र देवी त्रिपुर सुंदरी की कृपा और उनके संरक्षण को प्राप्त करने का माध्यम है।

त्रिपुर सुंदरी मंत्र विनियोग

विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य श्री त्रिपुर सुंदरी मंत्रस्य, आनंद भैरव ऋषिः, गायत्री छंदः, त्रिपुर सुंदरी देवता, ह्रीं बीजं, कएईल शक्तिः, हसकहल कीलकं, सकल ह्रीं विनियोगः।”

अर्थ:
इस विनियोग मंत्र में ऋषि, छंद, देवता, बीज, शक्ति, और कीलक का स्मरण किया जाता है, जो मंत्र को सिद्ध और प्रभावशाली बनाने में सहायक होते हैं। इस मंत्र में साधक देवी त्रिपुर सुंदरी का आह्वान करते हैं, उनकी कृपा और शक्ति को जागृत करने के लिए। 'ह्रीं' इस मंत्र का बीज है, जो देवी की कृपा का प्रतीक है।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र और अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं दिग्बंधाय नमः।”

अर्थ:
इस दिग्बंधन मंत्र का उपयोग सभी दिशाओं में सुरक्षा कवच बनाने के लिए किया जाता है। ‘ॐ’ के उच्चारण से ब्रह्मांडीय ऊर्जा का आह्वान होता है। ‘ह्रीं’ देवी की कृपा शक्ति का प्रतीक है, ‘श्रीं’ सौभाग्य का, ‘क्लीं’ आकर्षण और प्रेम का, और ‘ऐं’ बुद्धि का प्रतीक है। ये सभी बीज मंत्र मिलकर साधक के चारों ओर एक दिव्य सुरक्षा कवच का निर्माण करते हैं, जिससे साधक सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, बाधाओं और विपत्तियों से सुरक्षित रहता है।

त्रिपुर सुंदरी मूल मंत्र और अर्थ

मूल मंत्र:
“ह्रीं कएईल ह्रीं हसकहल ह्रीं सकल ह्रीं”

अर्थ:
इस मंत्र का प्रत्येक शब्द देवी त्रिपुर सुंदरी की विभिन्न शक्तियों का प्रतीक है। ‘ह्रीं’ बीज मंत्र है जो देवी की कृपा, शक्ति, और सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करता है। ‘कएईल’ और ‘हसकहल’ शब्द देवी के सम्पूर्ण ब्रह्मांडीय शक्तियों को सक्रिय करते हैं। ‘सकल’ का अर्थ है संपूर्णता, जिससे साधक को देवी की सभी शक्तियों का आशीर्वाद मिलता है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, आत्मिक शांति, और मनोवांछित फल की प्राप्ति कराने में सहायक है।

जप काल में सेवन योग्य चीजें

त्रिपुर सुंदरी मंत्र जप के दौरान साधक को सात्विक भोजन करना चाहिए, जो शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखने में सहायक होता है। यहाँ कुछ ऐसी चीजें हैं जिनका सेवन जप काल में करना लाभकारी माना जाता है:

  1. फल: ताजे और शुद्ध फलों का सेवन करना चाहिए, जो ऊर्जा और शुद्धता प्रदान करते हैं।
  2. दूध और दूध से बने पदार्थ: दूध, दही, और पनीर का सेवन मानसिक शांति और शक्ति प्रदान करता है।
  3. सूखे मेवे: बादाम, अखरोट, और किशमिश जैसी चीजें मानसिक एकाग्रता को बढ़ाती हैं और ऊर्जा प्रदान करती हैं।
  4. सात्विक अनाज: गेहूं, जौ, और चावल जैसे अनाज से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए। साधारण और हल्का भोजन करने से साधक की एकाग्रता बनी रहती है।
  5. तुलसी का सेवन: तुलसी का सेवन शरीर को पवित्रता और मानसिक शुद्धता देता है, जो जप के लिए अनुकूल होता है।
  6. शुद्ध जल: पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पानी का सेवन करें ताकि शरीर में ऊर्जावान और तरलता बनी रहे।

जप काल के दौरान मांसाहार, प्याज, लहसुन, और अधिक मसालेदार भोजन से बचना चाहिए, क्योंकि ये चीजें मन को अस्थिर करती हैं और साधना में व्यवधान उत्पन्न कर सकती हैं।

त्रिपुर सुंदरी मंत्र के लाभ

  1. मन की शांति प्राप्त होती है।
  2. जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  3. मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
  4. स्वास्थ्य में सुधार आता है।
  5. आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।
  6. देवी का संरक्षण मिलता है।
  7. शत्रु नाश होता है।
  8. आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  9. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  10. प्रेम और सौंदर्य में वृद्धि होती है।
  11. पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है।
  12. सभी प्रकार के संकटों का निवारण होता है।
  13. ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है।
  14. आध्यात्मिक सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
  15. भौतिक इच्छाओं की पूर्ति होती है।
  16. समाज में सम्मान बढ़ता है।
  17. मानसिक स्पष्टता मिलती है।
  18. देवी की कृपा से जीवन में स्थिरता आती है।

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त्रिपुर सुंदरी मंत्र पूजा सामग्री

  • गुलाब के फूल
  • चंदन का लेप
  • घी का दीपक
  • सिन्दूर
  • मिश्री या शक्कर

मंत्र जप विधि, दिन और मुहुर्त

  • जप का दिन: शुक्रवार
  • जप की अवधि: 20 मिनट प्रतिदिन
  • अवधि: 21 दिन तक
  • मुहूर्त: प्रातः 5 बजे से 7 बजे के बीच

त्रिपुर सुंदरी मंत्र जप के नियम

  • केवल 20 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग मंत्र जाप कर सकते हैं।
  • स्त्री और पुरुष दोनों जाप कर सकते हैं।
  • नीले या काले कपड़े न पहनें।
  • धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
  • जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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जप के दौरान सावधानियाँ

  • शुद्धता बनाए रखें।
  • मानसिक एकाग्रता बनाए रखें।
  • मंत्र का उच्चारण सही ढंग से करें।

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त्रिपुर सुंदरी मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: त्रिपुर सुंदरी मंत्र का क्या महत्व है?

उत्तर: यह मंत्र देवी त्रिपुर सुंदरी के आशीर्वाद को प्राप्त कर व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है।

प्रश्न 2: जप के दौरान किस प्रकार के वस्त्र पहनने चाहिए?

उत्तर: जप करते समय सफेद या लाल रंग के वस्त्र पहनें, नीले और काले वस्त्रों से बचें।

प्रश्न 3: जप के दौरान कौन-कौन से खाद्य पदार्थ सेवन करना चाहिए?

उत्तर: जप के दौरान फल, दूध और सूखे मेवे का सेवन करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

प्रश्न 4: त्रिपुर सुंदरी मंत्र से किस प्रकार के लाभ मिल सकते हैं?

उत्तर: मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और देवी का संरक्षण जैसे लाभ प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 5: जप की कौन सी अवधि अधिक प्रभावी होती है?

उत्तर: सुबह के समय प्रातः 5 से 7 बजे के बीच जप करना अधिक प्रभावी होता है।

प्रश्न 6: क्या इस मंत्र का जाप किसी विशेष दिन ही करना चाहिए?

उत्तर: हां, शुक्रवार के दिन यह जाप करना अधिक फलदायी होता है।

प्रश्न 7: क्या इस मंत्र का जाप हर उम्र का व्यक्ति कर सकता है?

उत्तर: नहीं, केवल 20 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग ही जाप कर सकते हैं।

प्रश्न 8: क्या स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं?

उत्तर: हां, स्त्री और पुरुष दोनों जाप कर सकते हैं, कोई प्रतिबंध नहीं है।

प्रश्न 9: क्या मंत्र जाप के दौरान भोजन पर ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर: हां, सात्विक भोजन का सेवन करें और मांसाहार से बचें।

प्रश्न 10: त्रिपुर सुंदरी मंत्र के जाप के समय ब्रह्मचर्य का पालन क्यों आवश्यक है?

उत्तर: ब्रह्मचर्य का पालन मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता बनाए रखने में सहायक होता है।

प्रश्न 11: मंत्र जाप में कौन-कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?

उत्तर: मंत्र का सही उच्चारण, ध्यान और शुद्धता बनाए रखें।

प्रश्न 12: त्रिपुर सुंदरी मंत्र जाप से आध्यात्मिक सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं?

उत्तर: हां, नियमित जाप से साधक को आध्यात्मिक सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।

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