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Laghu Shyama Mantra for Wealth, Health, and Peace

लघु श्यामा मंत्र – धन, स्वास्थ्य और शांति के लिए

लघु श्यामा मंत्र तंत्र शास्त्र में महत्वपूर्ण मंत्र है, जो विशेष रूप से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इस मंत्र के नियमित जाप से भक्त को आंतरिक शांति और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है। यह मंत्र माँ मातंगी को समर्पित है, जो कामना पूर्ति और शत्रु बाधा निवारण के लिए श्रेष्ठ मानी जाती हैं।

लघु श्यामा मंत्र का विनियोग

विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य श्री लघु श्यामा मंत्रस्य मदन ऋषिः, निचृद गायत्री छंदः, लघु श्यामा देवता, ऐं बीजं, नमः शक्तिः, स्वाहा कीलकं, श्री मातंगी प्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः।”

विनियोग का अर्थ:
विनियोग मंत्र से यह स्पष्ट होता है कि यह मंत्र किस उद्देश्य से और किसके आह्वान के लिए जपा जा रहा है। यह विनियोग मंत्र जाप के दौरान साधक का ध्यान केंद्रित करता है और देवता की कृपा का आह्वान करता है।

  • “ब्रह्मा ऋषिः” – इस मंत्र के ऋषि ब्रह्मा हैं, जो मंत्र की उत्पत्ति को दर्शाते हैं।
  • “गायत्री छंदः” – यह मंत्र गायत्री छंद में है, जो इसकी लयबद्धता और प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
  • “श्री मातंगी देवता” – इस मंत्र की अधिष्ठात्री देवी मातंगी हैं, जो साधना में सहायता करती हैं।
  • “ऐं बीजं” – ऐं बीज मंत्र है, जो ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है।
  • “नमः शक्तिः” – नमः शब्द में शक्ति निहित है, जिससे साधक की श्रद्धा प्रकट होती है।
  • “स्वाहा कीलकं” – स्वाहा इस मंत्र का कीलक है, जो मंत्र की शक्ति को पूर्णता देता है।
  • “श्री मातंगी प्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः” – इसका अर्थ है कि यह मंत्र देवी मातंगी की कृपा और प्रसाद की प्राप्ति के लिए जपा जाता है।

विनियोग मंत्र का उच्चारण करके साधक अपनी साधना का उद्देश्य स्पष्ट करता है, जिससे उसे देवी की कृपा और सिद्धि प्राप्त होती है।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः दिशाबंधाय नमः।”

दिग्बंधन मंत्र का अर्थ:
दिग्बंधन का अर्थ है दसों दिशाओं की सुरक्षा और बुरी शक्तियों से रक्षा करना। मंत्र का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि साधक के चारों ओर एक ऊर्जा का घेरा बना रहे, जो उसे नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं से सुरक्षित रखे।

इसमें:

  • “ॐ” – ब्रह्मांड की मूल ध्वनि और ऊर्जा का प्रतीक है, जो सभी दिशाओं में सुरक्षा प्रदान करती है।
  • “ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः” – यह बीज मंत्र हैं, जिनका उच्चारण करते ही चारों दिशाओं में एक शक्तिशाली ऊर्जा का संचार होता है, जिससे दिशाएं सुरक्षित हो जाती हैं।
  • “दिशाबंधाय” – दिशाओं का बंधन, अर्थात् सभी दिशाओं का रक्षण और संरक्षण।
  • “नमः” – प्रणाम और समर्पण का प्रतीक है, जो विनम्रता के साथ उस शक्ति का आह्वान करता है।

यह दिग्बंधन मंत्र दसों दिशाओं – उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, ऊर्ध्व और अधो – सभी को सुरक्षित कर साधक को ऊर्जा और सुरक्षा प्रदान करता है। इसका उच्चारण मंत्र जाप के प्रारंभ में किया जाता है ताकि साधक किसी भी नकारात्मक प्रभाव से सुरक्षित रह सके।

मुख्य लघु श्यामा मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:
“॥ ऐं नमः उच्छिष्ठ चांडाली मातंगी सर्व वशंकरी स्वाहा ॥”

अर्थ:
इस मंत्र का जाप करने से साधक माँ मातंगी की कृपा प्राप्त करता है। माता मातंगी तंत्र शास्त्र की एक महत्वपूर्ण देवी हैं, जो भक्त को जीवन में शांति, संतुलन और आशीर्वाद प्रदान करती हैं। यह मंत्र विशेष रूप से वशीकरण, संकट निवारण और मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।

इसमें:

  • “ऐं” बीज मंत्र है, जो ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है।
  • “नमः” का अर्थ है “नमन” या “प्रणाम”।
  • “उच्छिष्ठ चांडाली” से तात्पर्य देवी के उग्र और जागृत रूप से है, जो सभी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करती हैं।
  • “मातंगी” देवी मातंगी को संबोधित है, जो मंत्र सिद्धि और इच्छा पूर्ति में सहायक मानी जाती हैं।
  • “सर्व वशंकरी” का अर्थ है “सभी को वश में करने वाली”, जो व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण और दूसरों के प्रति आकर्षण में सहायक होती है।
  • “स्वाहा” का उपयोग मंत्र को पूर्णता प्रदान करने के लिए किया जाता है, जिससे मंत्र में सिद्धि की प्राप्ति होती है।

यह मंत्र भक्त के मन को शांत करने, आत्मिक शक्ति देने, और उसे मनोबल और दृढ़ता प्रदान करने में सहायक है।

जप के दौरान सेवन योग्य चीजें

जप के समय हल्के और सात्विक भोजन, जैसे दूध, फल, और ताजे फलाहार का सेवन करना चाहिए। जल अधिक पिएं और ताजगी बनाए रखें।

लघु श्यामा मंत्र के लाभ

  1. मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  2. शत्रु बाधा का निवारण होता है।
  3. आत्म-विश्वास बढ़ता है।
  4. जीवन में संतुलन आता है।
  5. मन की इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
  6. किसी भी प्रकार का तनाव कम होता है।
  7. परिवार में सौहार्द बना रहता है।
  8. धन और संपत्ति में वृद्धि होती है।
  9. आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है।
  10. अनावश्यक खर्च में कमी आती है।
  11. सेहत में सुधार होता है।
  12. कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  13. करियर में उन्नति होती है।
  14. रिश्तों में प्रेम बढ़ता है।
  15. निर्णय क्षमता बढ़ती है।
  16. आंतरिक शक्तियों का विकास होता है।
  17. विपत्तियों से मुक्ति मिलती है।
  18. स्थायी सुख और शांति का अनुभव होता है।

पूजा सामग्री एवं मंत्र विधि

सामग्री:
गुलाबी पुष्प, केसर, चंदन, कपूर, अगरबत्ती, दीपक, काले तिल, लाल आसन।

विधि:
मंत्र जप में किसी भी बुधवार से प्रारंभ कर सकते हैं। ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में जप आरंभ करें। मंत्र का जप मुंह मे लौं रखकर करे. जप समाप्त हो जाने के बाद उस लौंग को निगल ले।

मंत्र जप की अवधि और नियम

मंत्र का 20 मिनट तक प्रतिदिन 21 दिन तक जप करें। इसके लिए साफ मन और शांत स्थान चुनें।

मंत्र जप के नियम:

  • 20 वर्ष से अधिक आयु के लोग कर सकते हैं।
  • स्त्री-पुरुष कोई भी जप कर सकता है।
  • नीले या काले कपड़े न पहनें।
  • धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार से दूर रहें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।

मंत्र जप में सावधानियाँ

ध्यान रखें कि किसी भी प्रकार का असंतुलित भाव, जैसे क्रोध या अत्यधिक चिंता, जप में बाधा डाल सकते हैं। शांत और एकाग्र मन से जप करें।

लघु श्यामा मंत्र हवन विधि

हवन का महत्व:

मंत्र जप के बाद हवन करना अनिवार्य माना गया है, जिससे मंत्र जाप का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। हवन अग्नि में की जाने वाली एक ऐसी विधि है जिसमें आहुतियाँ दी जाती हैं। यह न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाता है बल्कि वातावरण को भी शुद्ध करता है।

हवन विधि:

जब मंत्र जप समाप्त हो जाता है, तो उस जप की संख्या का दसवां हिस्सा हवन में करना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आपने 10,000 मंत्र का जाप किया है, तो आपको 1,000 आहुतियाँ हवन में देनी चाहिए।

धन प्राप्ति के लिए लाल फूल से हवन

लाल फूल का प्रयोग:

यदि आप धन प्राप्ति के लिए हवन कर रहे हैं, तो आहुति के लिए लाल फूलों का प्रयोग करें। लाल रंग देवी-देवताओं की कृपा और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हवन में लाल फूलों का धुआँ सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और लक्ष्मी प्राप्ति के योग को बढ़ाता है।

हवन मंत्र:
“ऐं नमः उच्छिष्ठ चांडाली मातंगी सर्व वशंकरी स्वाहा ” मंत्र का उच्चारण करते हुए लाल फूलों की आहुति दें।

रोग मुक्ति के लिए नीम के पत्तों से हवन

नीम के पत्तों का महत्व:

रोगों से मुक्ति के लिए हवन में नीम के पत्तों का उपयोग किया जाता है। नीम में प्राकृतिक रोगनाशक गुण होते हैं, जो नकारात्मक ऊर्जा और रोगाणुओं को दूर करते हैं।

हवन मंत्र:
“ऐं नमः उच्छिष्ठ चांडाली मातंगी सर्व वशंकरी स्वाहा ” का जप करते हुए नीम की पत्तियों की आहुति दें। इससे रोग से मुक्ति और शारीरिक शुद्धि में सहायता मिलती है।

कर्ज मुक्ति के लिए तुलसी के पत्तों से हवन

तुलसी के पत्तों का उपयोग:

अगर कर्ज से मुक्ति प्राप्त करनी है, तो हवन में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करें। तुलसी को पवित्र और शुद्धिकारी माना गया है। इसके धुएँ से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

हवन मंत्र:
“ऐं नमः उच्छिष्ठ चांडाली मातंगी सर्व वशंकरी स्वाहा ” मंत्र का उच्चारण करते हुए तुलसी के पत्तों से आहुति दें। यह मंत्र कर्ज से मुक्ति पाने और आर्थिक दबाव को दूर करने में सहायक है।

परिवार कलह, शत्रु बाधा और विवाद दूर करने के लिए काला तिल से हवन

काले तिल का महत्व:

परिवार में शांति और प्रेम बनाए रखने के लिए हवन में एक मुट्ठी काले तिल का उपयोग करें। काले तिल की आहुतियों से घर में पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह साधना परिवार के सदस्यों के बीच सद्भाव और समझ को बढ़ाती है।

हवन मंत्र:
“ऐं नमः उच्छिष्ठ चांडाली मातंगी सर्व वशंकरी स्वाहा ” मंत्र का जाप करते हुए काले तिल से आहुति दें। इससे परिवार में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनता है और विवादों का नाश होता है।

नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए रंगीन फूलों से हवन

रंगीन फूलों का उपयोग:

नौकरी में सफलता और व्यापार में उन्नति के लिए हवन में रंग-बिरंगे फूलों की पंखड़ियों का प्रयोग करें। विभिन्न रंगों के फूल शुभता और सौभाग्य का प्रतीक होते हैं, जो जीवन में तरक्की और उन्नति के मार्ग खोलते हैं।

हवन मंत्र:
“ऐं नमः उच्छिष्ठ चांडाली मातंगी सर्व वशंकरी स्वाहा ” का उच्चारण करते हुए फूलों की आहुति दें। यह मंत्र कार्यक्षेत्र में तरक्की और स्थायित्व में सहायक है।

हवन के नियम और सावधानियाँ

हवन के नियम:

  • हवन के लिए स्वच्छ स्थान और सामग्री का चयन करें।
  • मंत्र जप के बाद हवन अवश्य करें, इससे जप की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।
  • हवन के दौरान शुद्धता का पालन करें और मन को एकाग्र रखें।

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सावधानियाँ:

  • हवन सामग्री को सही ढंग से चुनें और मंत्र का उच्चारण शुद्धता से करें।
  • हवन के समय किसी प्रकार का व्याकुलता और तनाव न रखें। शांत और स्थिर रहें।
  • हवन के दौरान शुद्धता और सकारात्मकता बनाए रखें, ताकि परिणाम लाभकारी हो।

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हवन का संपूर्ण लाभ

हवन करने से न केवल साधना को सिद्धि प्राप्त होती है, बल्कि यह परिवार में सुख-शांति, आर्थिक उन्नति, स्वास्थ्य लाभ और समृद्धि भी लाता है। हवन से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। किसी कारण से हवन नही कर पा रहे है, २०% मंत्र जप बढ़ा देना चाहिये।

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प्रश्न-उत्तर: लघु श्यामा मंत्र से संबंधित

प्रश्न 1: लघु श्यामा मंत्र किसके लिए है?
उत्तर: यह मंत्र माँ मातंगी के भक्तों के लिए है, जो जीवन में सुख-शांति और इच्छापूर्ति के लिए इसे जपते हैं।

प्रश्न 2: क्या मंत्र जप किसी भी दिन प्रारंभ कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, लेकिन बुधवार को शुरुआत करना अधिक शुभ माना जाता है।

प्रश्न 3: क्या मंत्र का जप विशेष समय में करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, ब्रह्म मुहूर्त में जप करना अधिक प्रभावी होता है।

प्रश्न 4: क्या इस मंत्र का जाप महिला और पुरुष दोनों कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, 20 वर्ष से ऊपर के कोई भी इस मंत्र का जप कर सकता है।

प्रश्न 5: लघु श्यामा मंत्र के जप में कौन-कौन सी चीजें वर्जित हैं?
उत्तर: नीले, काले कपड़े पहनना, मांसाहार, मद्यपान और धूम्रपान।

प्रश्न 6: मंत्र जप के कितने लाभ होते हैं?
उत्तर: मंत्र जप के 18 प्रमुख लाभ हैं, जैसे शांति, समृद्धि और इच्छापूर्ति।

प्रश्न 7: मंत्र का जाप कितने समय तक करना चाहिए?
उत्तर: इसे प्रतिदिन 20 मिनट तक 21 दिनों तक करना चाहिए।

प्रश्न 8: जप के लिए कौन-सा मुहूर्त सबसे अच्छा है?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा माना जाता है।

प्रश्न 9: क्या मंत्र जप के लिए विशेष आसन आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, लाल आसन का प्रयोग करना उत्तम माना गया है।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखाई देता है?
उत्तर: यह भक्त की श्रद्धा और एकाग्रता पर निर्भर करता है।

प्रश्न 11: मंत्र का जाप कैसे मानसिक शांति प्रदान करता है?
उत्तर: यह मंत्र मन को एकाग्र करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।

प्रश्न 12: क्या इस मंत्र का जप गृहस्थ व्यक्ति कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, गृहस्थ व्यक्ति भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

निष्कर्ष: लघु श्यामा मंत्र एक प्रभावशाली मंत्र है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और आंतरिक शांति लाने में सहायक है।

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