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Tripuresh Bhairav Mantra For Obstacles

त्रिपुरेश भैरव मंत्र – बाधाओं और शत्रुओं से मुक्ति पाने का शक्तिशाली मंत्र

त्रिपुरेश भैरव भगवान शिव के भैरव रूप का एक अत्यंत शक्तिशाली और रहस्यमय स्वरूप है। त्रिपुरेश भैरव को तीनों लोकों (भूत, भविष्य और वर्तमान) के स्वामी माना जाता है। इस मंत्र का जाप साधक को सभी प्रकार के भय, बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों से मुक्त करता है। त्रिपुरेश भैरव की साधना जीवन में समृद्धि, शक्ति, और शांति प्रदान करती है। इस साधना को पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ करने से व्यक्ति को असाधारण आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं।

मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं त्रिपुरेश्वर भैरव भ्रं नमः

अर्थ:

  • “ॐ” – ब्रह्मांड की आद्य ध्वनि, जो सर्वशक्तिमान का प्रतीक है।
  • “ह्रीं” – मन और आत्मा की शक्ति।
  • “श्रीं” – लक्ष्मी और समृद्धि का प्रतीक।
  • “क्रीं” – शक्ति और ऊर्जा का आह्वान।
  • “त्रिपुरेश्वर” – त्रिपुरेश्वर भैरव का आह्वान, जो तीनों लोकों के स्वामी हैं।
  • “भ्रं” – भैरव के उग्र रूप का बीज मंत्र।
  • “नमः” – समर्पण और आभार।

इस मंत्र का जाप व्यक्ति को मानसिक, भौतिक और आध्यात्मिक विकास की ओर अग्रसर करता है। त्रिपुरेश भैरव की कृपा से जीवन की सभी कठिनाइयों और दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।

त्रिपुरेश भैरव मंत्र के लाभ

  1. जीवन की सभी बाधाओं का नाश।
  2. शत्रुओं से सुरक्षा।
  3. मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि।
  4. स्वास्थ्य में सुधार।
  5. समृद्धि और धन की प्राप्ति।
  6. सामाजिक और व्यावसायिक सफलता।
  7. भय, चिंता और तनाव से मुक्ति।
  8. आत्मबल और साहस में वृद्धि।
  9. कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने की शक्ति।
  10. आध्यात्मिक उन्नति।
  11. जीवन में शांति और संतुलन।
  12. नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव।
  13. कार्यक्षेत्र में उन्नति।
  14. पारिवारिक सुख और सामंजस्य।
  15. जीवन में सकारात्मक परिवर्तन।
  16. सुख और सौभाग्य की प्राप्ति।
  17. मनोबल और धैर्य में वृद्धि।

त्रिपुरेश भैरव मंत्र विधि

दिन और मुहूर्त:

  • शुभ दिन: मंगलवार और रविवार का दिन त्रिपुरेश भैरव की साधना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
  • शुभ मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) और रात्रि का भैरव काल (रात्रि 12 बजे से 2 बजे) इस मंत्र के जाप के लिए विशेष रूप से प्रभावी समय होते हैं।
  • अवधि: इस मंत्र का जाप 11 से 21 दिन तक किया जा सकता है। नियमितता बनाए रखना आवश्यक है।

मंत्र जाप की संख्या:

  • प्रतिदिन 11 माला (1188 मंत्र) का जाप करें।

आवश्यक सामग्री:

  1. सफेद या पीले वस्त्र।
  2. शुद्ध आसन (कुश या ऊन का)।
  3. सरसों के तेल का दीपक।
  4. कपूर और सुगंधित धूप।
  5. त्रिपुरेश भैरव की मूर्ति या चित्र।
  6. रुद्राक्ष माला या स्फटिक माला।

त्रिपुरेश भैरव मंत्र जाप के नियम

  1. साधक की उम्र 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों इस साधना को कर सकते हैं।
  3. काले और नीले वस्त्र पहनने से बचें। केवल सफेद या पीले वस्त्र ही धारण करें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, पान और मांसाहार से परहेज करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें और सात्विक जीवन जीयें।
  6. साधना के समय मन को शुद्ध और स्थिर रखें।

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जप के दौरान सावधानियां

  • मंत्र जाप के समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  • क्रोध, नकारात्मक विचार और नकारात्मक स्थानों से बचें।
  • साधना के स्थान को साफ और पवित्र रखें।
  • साधना के दौरान किसी से विवाद या लड़ाई न करें।
  • साधना को एक ही स्थान पर बैठकर करें और मंत्र जाप की संख्या पूरी करने पर ही उठें।

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त्रिपुरेश भैरव मंत्र प्रश्न उत्तर

1. त्रिपुरेश भैरव मंत्र का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: त्रिपुरेश भैरव मंत्र का उद्देश्य व्यक्ति को जीवन की सभी बाधाओं से मुक्त कर, समृद्धि और आत्मबल प्रदान करना है।

2. इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है?

उत्तर: 20 वर्ष से अधिक आयु के स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

3. क्या इस मंत्र का जाप किसी विशेष दिन करना चाहिए?

उत्तर: हां, मंगलवार और रविवार को इस मंत्र का जाप विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

4. मंत्र जाप के लिए कौन से वस्त्र पहनने चाहिए?

उत्तर: सफेद या पीले वस्त्र पहनें। काले और नीले वस्त्रों से बचना चाहिए।

5. क्या मंत्र जाप के दौरान विशेष नियमों का पालन करना चाहिए?

उत्तर: हां, मंत्र जाप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

6. क्या त्रिपुरेश भैरव मंत्र का जाप घर पर कर सकते हैं?

उत्तर: हां, इस मंत्र का जाप घर पर शांत और पवित्र स्थान पर किया जा सकता है।

7. मंत्र जाप की अवधि कितनी होनी चाहिए?

उत्तर: मंत्र जाप की अवधि 11 से 21 दिन तक होनी चाहिए, जिसमें प्रतिदिन 11 माला का जाप आवश्यक होता है।

8. मंत्र जाप के दौरान किन सामग्रियों का प्रयोग करना चाहिए?

उत्तर: साधना के लिए सरसों का तेल, धूप, कपूर, रुद्राक्ष माला या स्फटिक माला का उपयोग करें।

9. क्या साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है?

उत्तर: हां, साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है।

10. क्या त्रिपुरेश भैरव मंत्र से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है?

उत्तर: हां, त्रिपुरेश भैरव मंत्र के जाप से शत्रुओं से मुक्ति और सुरक्षा मिलती है।

11. क्या साधना के समय विशेष स्थान का चयन करना चाहिए?

उत्तर: हां, साधना के लिए शांत, पवित्र और एक ही स्थान पर नियमित रूप से जाप करना चाहिए।

12. मंत्र जाप के बाद क्या करना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जाप के बाद भगवान त्रिपुरेश भैरव का ध्यान करें और साधना को श्रद्धापूर्वक समाप्त करें।

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