उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र: एक शक्तिशाली आर्थिक समस्या मुक्ति मंत्र
उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का एक रहस्यमय और प्रभावशाली रूप है। इनको मुख्य रूप से तांत्रिक साधना और गुप्त रूप से पूजा जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो जीवन में असीम समृद्धि, सफलता और सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करना चाहते हैं।
मंत्र का अर्थ
मंत्र: “॥ॐ ऐं श्रीं उच्छिष्ठ कमलेश्वरी कार्य सिद्धय फट्ट॥”
- ॐ: ब्रह्मांड की ध्वनि, जो सभी मंत्रों का मूल है।
- ऐं: यह बीज मंत्र सरस्वती से संबंधित है, जो ज्ञान और विद्या का प्रतीक है।
- श्रीं: यह बीज मंत्र लक्ष्मी का है, जो धन और समृद्धि का प्रतीक है।
- उच्छिष्ठ: इसका अर्थ ‘शेष’ या ‘बचा हुआ’ है, जो देवी लक्ष्मी के गुप्त रूप का संकेत करता है।
- कमलेश्वरी: यह देवी लक्ष्मी का एक और नाम है, जो कमल पर विराजमान होती हैं।
- कार्य सिद्धय: इसका अर्थ है ‘कार्य की सिद्धि’, यानी सभी कार्यों में सफलता।
- फट्ट: यह बीज मंत्र साधना की सफलता और बाधाओं के निवारण का संकेत है।
इस मंत्र का उच्चारण करते समय देवी लक्ष्मी के इस रहस्यमय रूप को मन में रखते हुए, भक्त उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र के लाभ
- धन और समृद्धि की प्राप्ति: इस मंत्र का जप धन और भौतिक समृद्धि लाने में सहायक होता है।
- सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण: यह मंत्र जीवन की सभी बाधाओं और विघ्नों को दूर करता है।
- कार्य सिद्धि: इस मंत्र का नियमित जप किसी भी कार्य की सिद्धि और सफलता दिलाने में सक्षम होता है।
- अति गोपनीय साधना: उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र गुप्त और शक्तिशाली साधना के रूप में जाना जाता है।
- दुश्मनों से रक्षा: यह मंत्र शत्रुओं से रक्षा करता है और उन्हें पराजित करने की शक्ति प्रदान करता है।
- आत्मबल और आत्मविश्वास की वृद्धि: इस मंत्र का जप आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
- विवाह में सफलता: अविवाहितों के लिए विवाह की बाधाओं को दूर करता है और विवाह में सफलता लाता है।
- कर्ज से मुक्ति: आर्थिक संकट और कर्ज से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: यह मंत्र भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: इस मंत्र का जप स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति दिलाता है।
- मोह और माया से मुक्ति: यह मंत्र भक्त को मोह और माया के बंधनों से मुक्त करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र साधक को आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।
- परिवार में सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और सामंजस्य लाने में सहायक होता है।
- सभी प्रकार के संकटों से रक्षा: यह मंत्र सभी प्रकार के संकटों और प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा करता है।
- सभी प्रकार के कामनाओं की पूर्ति: यह मंत्र साधक की सभी इच्छाओं और कामनाओं को पूर्ण करता है।
मंत्र विधि
मंत्र जप का दिन, अवधि, मुहुर्त
- दिन: उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र का जप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार और चतुर्थी तिथि को इसका जप विशेष फलदायी होता है।
- अवधि: इस मंत्र का जप कम से कम 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।
- मुहुर्त: ब्रह्म मुहुर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या रात्री के समय (10 बजे के बाद) मंत्र जप के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं।
- लौंगः इनके मंत्रों का जप मुंह मे एक लौंग रखकर की जाती है और जप समाप्त होने के बाद उस लौंग को निगल लिया जाता है।
सामग्री
मंत्र जप के लिए आवश्यक सामग्री:
- लाल कपड़ा
- देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र
- कमल का फूल या गुलाब का फूल
- सुपारी, हल्दी, कुमकुम
- घी का दीपक
- मिठाई या नैवेद्य
- काली माला या रुद्राक्ष माला
मंत्र जप संख्या
इस मंत्र का जप कम से कम 11 माला (1188 मंत्र) रोज़ करना चाहिए। माला के प्रत्येक मनके पर मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र जप के नियम
- उम्र: इस मंत्र का जप करने वाले साधक की उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
- लिंग: स्त्री-पुरुष दोनों ही इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
- वस्त्र: साधक को काले या नीले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। श्वेत, पीला या लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- आहार: धूम्रपान, पद्य पान, और मांसाहार से बचें। सादा और सात्विक भोजन करें।
- ब्रह्मचर्य: मंत्र जप के समय ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।
मंत्र जप सावधानियाँ
- मंत्र का जप करते समय पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
- साधना को गुप्त रखें और अनावश्यक रूप से इसके बारे में चर्चा न करें।
- किसी भी प्रकार की नकारात्मकता और संदेह को मन में न आने दें।
- देवी लक्ष्मी के प्रति श्रद्धा और भक्ति बनाए रखें।
- मंत्र जप के दौरान साधना में व्यवधान न आने दें।
उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र से संबंधित सामान्य प्रश्न
- प्रश्न: उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र क्या है?
उत्तर: उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र देवी लक्ष्मी के एक गुप्त और शक्तिशाली रूप की स्तुति करता है जो समृद्धि और कार्य सिद्धि प्रदान करता है। - प्रश्न: उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र का उच्चारण कैसे किया जाता है?
उत्तर: मंत्र का उच्चारण शुद्ध मन और शांत वातावरण में, देवी लक्ष्मी के प्रति पूर्ण भक्ति के साथ करना चाहिए। - प्रश्न: उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र का जप कब करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप सुबह ब्रह्म मुहूर्त या रात्री के समय किया जा सकता है। - प्रश्न: क्या इस मंत्र का जप स्त्रियां भी कर सकती हैं?
उत्तर: हाँ, स्त्रियां और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं। - प्रश्न: उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप कम से कम 11 से 21 दिनों तक करना चाहिए। - प्रश्न: उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र का जाप किस प्रकार के कार्यों में सफलता दिलाता है?
उत्तर: यह मंत्र किसी भी कार्य, जैसे व्यापार, नौकरी, शिक्षा आदि में सफलता दिलाने में सहायक होता है। - प्रश्न: क्या उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र का जप धन की प्राप्ति के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, यह मंत्र धन और समृद्धि लाने में अत्यधिक प्रभावशाली होता है। - प्रश्न: क्या उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र का जप करते समय कोई विशेष आहार का पालन करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, साधक को सात्विक आहार लेना चाहिए और मांसाहार, धूम्रपान, और पद्य पान से बचना चाहिए। - प्रश्न: क्या इस मंत्र का जप करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं?
उत्तर: हाँ, यह मंत्र जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने में सक्षम होता है। - प्रश्न: उच्छिष्ठ लक्ष्मी मंत्र का जप करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: मंत्र का जप करते समय साधना को गुप्त रखना चाहिए और देवी लक्ष्मी के प्रति श्रद्धा बनाए रखनी चाहिए।