अष्टभैरव मंत्र साधना – तंत्र बाधाओं से मुक्ति व देवी कृपा
सबकी सुरक्षा करने वाला अष्टभैरव मंत्र, भगवान शिव के आठ भैरवों का मंत्र माना जाता है। अष्टभैरव मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को देवी की कृपा, हर तरह की सुरक्षा और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यह मंत्र तंत्र बाधाओं को दूर करता है और साधक को आर्थिक उन्नति और व्यापार में लाभ प्रदान करता है। अष्टभैरव मंत्र का जाप जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मकता और समृद्धि लाता है।
अष्टभैरव मंत्र व अर्थ
मंत्र:
॥ॐ भ्रं ह्रीं क्रीं अष्टभैरवाय कार्य सिद्धय हुं फट्ट॥
अर्थ:
इस मंत्र में “ॐ” से ईश्वर का आह्वान किया गया है। “भ्रं, ह्रीं, क्रीं” भैरव के बीज मंत्र हैं। “अष्टभैरवाय” का मतलब अष्ट भैरव की पूजा करना है। “कार्य सिद्धय” कार्य की सिद्धि के लिए और “हुं फट्ट” सभी बाधाओं को समाप्त करने के लिए है।
अष्टभैरव मंत्र के लाभ
- देवी कृपा प्राप्त होती है।
- साधना में सफलता मिलती है।
- हर तरह की सुरक्षा मिलती है।
- तंत्र बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- आर्थिक उन्नति होती है।
- व्यापार में वृद्धि होती है।
- दुकान में लाभ होता है।
- परिवार की सुरक्षा होती है।
- मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- शत्रुओं का नाश होता है।
- धन की प्राप्ति होती है।
- जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं।
- आत्मबल में वृद्धि होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
अष्टभैरव मंत्र विधि
मंत्र जाप का दिन:
किसी भी शुभ दिन या मंगलवार को प्रारंभ करें।
अवधि:
11 से 21 दिन तक लगातार जाप करें।
मुहूर्त:
सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4:00 – 6:00 AM) सबसे उत्तम है।
सामग्री:
लाल आसन, काले तिल, काले वस्त्र, धूप, दीपक, फूल, और चावल।
अष्टभैरव मंत्र जप संख्या:
11 माला (1188 मंत्र) रोज जप करें।
अष्टभैरव मंत्र जप के नियम
- साधक की उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
- स्त्री-पुरुष कोई भी जाप कर सकता है।
- जाप के समय नीले और काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मांसाहार, और मद्यपान का सेवन न करें।
- जाप के समय ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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अष्टभैरव मंत्र जप सावधानी
- मन को एकाग्र रखें और किसी भी तरह के विचारों से विचलित न हों।
- मंत्र जाप के दौरान आसन पर स्थिर बैठें और पूर्व दिशा की ओर मुख रखें।
- जाप के समय का चयन नियमित रखें, जिससे ऊर्जा का संचार बना रहे।
- मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही ढंग से करें, किसी भी गलती से बचें।
- जाप समाप्ति के बाद भगवान अष्टभैरव को धन्यवाद ज्ञापित करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
अष्टभैरव मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: अष्टभैरव मंत्र किसे जपना चाहिए?
उत्तर:अष्टभैरव मंत्र का जाप वे लोग कर सकते हैं जो देवी कृपा, सुरक्षा, और तंत्र बाधा से मुक्ति चाहते हैं।
प्रश्न 2: क्या अष्टभैरव मंत्र का जाप रात्रि में किया जा सकता है?
उत्तर:हाँ, जाप रात्रि में भी किया जा सकता है, परंतु ब्रह्म मुहूर्त में इसका प्रभाव अधिक होता है।
प्रश्न 3: क्या महिलाएं अष्टभैरव मंत्र जप सकती हैं?
उत्तर:हाँ, महिलाएं भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं, लेकिन उन्हें भी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
प्रश्न 4: जाप के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
उत्तर:जाप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार, और नीले-काले कपड़े पहनने से बचें।
प्रश्न 5: अष्टभैरव मंत्र कब तक जपना चाहिए?
उत्तर:यह मंत्र कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन जपना चाहिए।
प्रश्न 6: क्या जाप के लिए कोई विशेष स्थान होना चाहिए?
उत्तर:शांत, स्वच्छ, और पवित्र स्थान का चयन करें, जहां आपको ध्यान केंद्रित करने में आसानी हो।
प्रश्न 7: क्या जाप के दौरान फूल और धूप आवश्यक हैं?
उत्तर:हाँ, यह आवश्यक है क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा और वातावरण को शुद्ध करता है।
प्रश्न 8: मंत्र जाप के बाद क्या करें?
उत्तर:मंत्र जाप के बाद भगवान अष्टभैरव को धन्यवाद दें और अपने मन की इच्छाएं प्रकट करें।
प्रश्न 9: क्या अष्टभैरव मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखता है?
उत्तर:इसका प्रभाव समय के साथ दिखाई देता है, विश्वास और निरंतरता जरूरी है।
प्रश्न 10: अष्टभैरव मंत्र जाप के लिए क्या आसन बेहतर है?
उत्तर:लाल आसन सर्वोत्तम है, यह ऊर्जा को केंद्रित करने में सहायक होता है।
प्रश्न 11: क्या अष्टभैरव मंत्र के साथ अन्य मंत्र जप सकते हैं?
उत्तर:हाँ, लेकिन अष्टभैरव मंत्र को प्राथमिकता दें और अन्य मंत्र अलग समय पर जपें।
प्रश्न 12: क्या जाप के बाद भैरव भगवान की विशेष पूजा करनी चाहिए?
उत्तर:हाँ, जाप के बाद भैरव भगवान की आरती और भोग अर्पित करना उत्तम होता है।