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Urdhva Ganapati Mantra for Spirituality & Moksha

पूरे परिवार के विघ्नो का नाश करने वाले ऊर्ध्व गणेश भगवान गणेश के मुख्य 32 स्वरूपों में से 19वें स्वरूप हैं। संस्कृत में “ऊर्ध्व” का अर्थ “ऊपर” या “उन्नत” होता है। इस प्रकार, ऊर्ध्व गणेश का अर्थ “वह भगवान जो ऊंचा या उन्नत है” होता है। ऊर्ध्व गणेश भगवान गणेश का एक विशेष रूप है, जो आध्यात्मिक उन्नति और संकल्पशक्ति को बढ़ावा देने के लिए पूजे जाते हैं। ऊर्ध्व गणेश की पूजा से जीवन में सकारात्मकता और सफलता आती है। यह भगवान गणेश का एक अद्वितीय रूप है जो उनके आशीर्वाद और कृपा को दर्शाता है।

ऊर्ध्व गणेश मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:

अर्थ:
” अनंत ऊर्जा और ब्रह्माण्ड का प्रतीक है। “गं” गणेश जी का बीज मंत्र है, जो उनके आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करता है। “ग्लौं” तांत्रिक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। “ऊर्ध्वगणेशाय” का अर्थ है ऊर्ध्व गणेश को, और “नमः” का अर्थ है नमन करना। इस मंत्र का समग्र अर्थ है, ‘ऊर्ध्व गणेश को नमन।’

लाभ

  1. मंत्र सिद्धि: मंत्र के नियमित जप से मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।
  2. संकल्पशक्ति: संकल्पशक्ति और आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है।
  3. आर्थिक बाधा: सभी प्रकार की आर्थिक समस्याओं का समाधान।
  4. व्यापार में उन्नति: व्यापार में सफलता और उन्नति।
  5. नौकरी में पदोन्नति: नौकरी में तरक्की और पदोन्नति।
  6. कार्य सिद्धि: सभी प्रकार के कार्यों में सफलता।
  7. तंत्र बाधा: तांत्रिक बाधाओं से सुरक्षा।
  8. आर्थिक बंधन: आर्थिक बंधनों से मुक्ति।
  9. क्लेश मुक्ति: घरेलू क्लेश और विवादों का समाधान।
  10. मानसिक शक्ति: मानसिक शक्ति और संकल्प शक्ति में वृद्धि।
  11. आध्यात्मिक शक्ति: आध्यात्मिक ऊर्जा और ज्ञान में वृद्धि।
  12. गृहस्थ सुख: गृहस्थ जीवन में सुख और शांति।
  13. परिवार में सुख शांति: परिवार में सुख और शांति का वातावरण।
  14. विघ्न बाधा: जीवन में आने वाली विघ्न बाधाओं से मुक्ति।
  15. आर्थिक सुरक्षा: आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता।
  16. सफलता: सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करना।
  17. समृद्धि: समृद्धि और धन की प्राप्ति।
  18. शांति: मानसिक और आध्यात्मिक शांति।
  19. सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
  20. समाज में मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा को बढ़ाना।

सामग्री

  • ऊर्ध्व गणेश की प्रतिमा या चित्र
  • लाल और पीला वस्त्र
  • कुमकुम और चावल
  • सुपारी और पान
  • नारियल
  • मोदक और मिठाई
  • धूप और दीप
  • पुष्प (विशेषकर लाल और पीले फूल)
  • घी का दीपक
  • सिक्के और आभूषण

मुहूर्त, दिन, और अवधि

  • मुहूर्त: शुभ मुहूर्त का चयन करें, जैसे कि विशेष उत्सव या गणेश चतुर्थी।
  • दिन: मंगलवार और शुक्रवार का दिन ऊर्ध्व गणेश की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है।
  • अवधि: इस मंत्र का जप कम से कम 21 दिन तक प्रतिदिन 108 बार करना चाहिए।

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ऊर्ध्व गणेश मंत्र सावधानियां

  1. शुद्धता: पूजा और मंत्र जप के दौरान शुद्धता का ध्यान रखें।
  2. मन की शांति: मन को शांत और एकाग्र रखें।
  3. समय: प्रतिदिन एक ही समय पर मंत्र जप करें।
  4. भक्ति: सच्ची भक्ति और विश्वास के साथ मंत्र जप करें।
  5. आसन: पूजा के दौरान एक साफ आसन का प्रयोग करें।

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ऊर्ध्व गणेश मंत्र – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. ऊर्ध्व गणेश की पूजा क्यों महत्वपूर्ण है?
    • ऊर्ध्व गणेश की पूजा से संकल्पशक्ति, आत्म-विश्वास, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
  2. ऊर्ध्व गणेश मंत्र कब जपना चाहिए?
    • इस मंत्र का जप मंगलवार और शुक्रवार को करना सबसे शुभ होता है।
  3. इस मंत्र का जप कैसे करना चाहिए?
    • शुद्धता और एकाग्रता के साथ, कम से कम 108 बार प्रतिदिन जप करें।
  4. क्या ऊर्ध्व गणेश मंत्र केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए है?
    • नहीं, यह मंत्र आर्थिक समृद्धि, व्यापार में उन्नति, और तंत्र बाधाओं से मुक्ति के लिए भी लाभकारी है।
  5. क्या इस मंत्र का जप आर्थिक समस्याएं दूर कर सकता है?
    • हां, इस मंत्र का जप आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है।
  6. ऊर्ध्व गणेश की पूजा के लिए कौन सा फूल सबसे अच्छा है?
    • लाल और पीले फूल ऊर्ध्व गणेश की पूजा के लिए उत्तम माने जाते हैं।
  7. क्या इस मंत्र का जप तंत्र बाधाओं से सुरक्षा करता है?
    • हां, यह मंत्र तंत्र बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  8. क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष समय पर करना चाहिए?
    • हां, सुबह या संध्या के समय इस मंत्र का जप सबसे अच्छा होता है।
  9. क्या ऊर्ध्व गणेश की पूजा में मोदक का भोग लगाना चाहिए?
    • हां, मोदक गणेश जी को बहुत प्रिय है और इसका भोग लगाना चाहिए।
  10. क्या इस मंत्र का जप कर्ज से मुक्ति दिला सकता है?
    • हां, इस मंत्र का जप कर्ज से मुक्ति दिलाने में सहायक है।
  11. क्या इस मंत्र का जप क्लेश मुक्ति में सहायक है?
    • हां, यह मंत्र गृह क्लेश और विवादों को दूर करने में मदद करता है।
  12. क्या इस मंत्र का जप विघ्न बाधा से सुरक्षा करता है?
    • हां, यह मंत्र विघ्नों और बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  13. क्या इस मंत्र का जप पारिवारिक सुख लाता है?
    • हां, यह मंत्र पारिवारिक सुख और शांति को बनाए रखता है।

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

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