११ अक्षर का दत्तात्रेय मंत्र: शक्ति, ज्ञान और समृद्धि का स्रोत
११ अक्षर का दत्तात्रेय मंत्र भक्तों को आध्यात्मिक बल और मानसिक शांति प्रदान करता है। यह मंत्र साधकों को हर प्रकार की बाधा से बचाकर उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इस मंत्र का जप भक्तों को आत्मिक विकास और दत्तात्रेय भगवान की कृपा प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है। यह मंत्र अत्यंत प्रभावी है और नियमित जप से चमत्कारी लाभ प्राप्त होते हैं।
विनियोग मंत्र व उसका अर्थ
विनियोग मंत्र
ॐ अस्य दत्तात्रेय मंत्रस्य, अत्रि ऋषिः, गायत्री छन्दः, श्री दत्तात्रेय देवता, धर्मार्थकाममोक्ष सिद्धये जपे विनियोगः।
अर्थ:
इस मंत्र के ऋषि अत्रि हैं, छंद गायत्री है और देवता दत्तात्रेय हैं। यह मंत्र धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की सिद्धि के लिए उपयोग किया जाता है।
दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र
- ॐ पूर्वे इंद्राय नमः।
- ॐ आग्नेय अग्नये नमः।
- ॐ दक्षिणे यमाय नमः।
- ॐ नैऋत्ये मृत्यवे नमः।
- ॐ पश्चिमे वरुणाय नमः।
- ॐ वायव्ये वायवे नमः।
- ॐ उत्तर कुबेराय नमः।
- ॐ ईशान्ये ईशानाय नमः।
- ॐ ऊर्ध्वे ब्रह्मणे नमः।
- ॐ अधस्तात अनंताय नमः।
अर्थ:
दसों दिशाओं में इंद्र, अग्नि, यम, मृत्यु, वरुण, वायु, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा और अनंत की पूजा करते हुए सुरक्षा कवच बांधते हैं।
मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
ॐ द्रां द्रीं द्रों दत्तात्रेयाय नमः।
संपूर्ण अर्थ:
- ॐ: यह परमात्मा की आवाज़ और ब्रह्मांड की मूल ध्वनि है। यह सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है।
- द्रां: यह ध्वनि शक्ति और साहस का प्रतीक है। यह साधक को अंदरूनी बल प्रदान करती है।
- द्रीं: यह ध्वनि ज्ञान, बुद्धि, और आत्मज्ञान का प्रतीक है। यह साधक को अज्ञानता से मुक्त करती है।
- द्रों: यह पूर्णता, सुरक्षा और संतुलन का प्रतीक है। यह साधक के जीवन में समृद्धि और स्थिरता लाती है।
- दत्तात्रेयाय: यह भगवान दत्तात्रेय का स्मरण है, जो त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के स्वरूप हैं। यह नाम साधक को दैवीय कृपा और मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- नमः: इसका अर्थ है “नमन” या “समर्पण।” यह साधक के अहंकार को समाप्त कर भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण का भाव जगाता है।
सार:
यह मंत्र साधक को शक्ति, ज्ञान, और समृद्धि प्रदान करता है। इसे जपने से भगवान दत्तात्रेय की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति और सफलता का मार्ग खोलती है। साधक का मन शुद्ध और चिंतन स्थिर होता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति सुनिश्चित होती है।
जप काल में इन चीजों का सेवन अधिक करें
- सात्त्विक भोजन, जैसे फल, दूध और घी।
- तुलसी के पत्ते।
- हल्दी और शहद का सेवन।
- पर्याप्त मात्रा में पानी।
- काली तिल और गुड़।
११ अक्षर का दत्तात्रेय मंत्र लाभ
- मानसिक शांति प्रदान करता है।
- आत्मबल बढ़ाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- अध्यात्मिक उन्नति करता है।
- रोगों से बचाव करता है।
- मनोकामना पूर्ति करता है।
- परिवार में सुख-शांति लाता है।
- आर्थिक समृद्धि प्रदान करता है।
- शत्रुओं से सुरक्षा करता है।
- आत्मज्ञान का मार्ग खोलता है।
- भौतिक इच्छाओं की पूर्ति करता है।
- बुरी आदतों से छुटकारा दिलाता है।
- आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है।
- शारीरिक ऊर्जा बढ़ाता है।
- समाज में प्रतिष्ठा बढ़ाता है।
- बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाता है।
- दैवीय कृपा प्राप्त होती है।
- जीवन में शांति और संतोष लाता है।
पूजा सामग्री व मंत्र विधि
सामग्री:
- शुद्ध जल।
- तुलसी के पत्ते।
- चंदन।
- घी का दीपक।
- पुष्प।
- लाल कपड़ा।
- मंत्र जप माला।
विधि:
- सूर्योदय के समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को शुद्ध करें।
- दीपक जलाकर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- 3 रंग के फूल को अपने सामने रखकर मंत्र का जप करे
- मंत्र का जप करते समय ध्यान लगाएं।
Dattatreya Pujan Shivir
मंत्र जप का दिन, अवधि, और मुहूर्त
- दिन: किसी भी शुभ दिन, विशेषकर गुरुवार।
- अवधि: 20 मिनट।
- मुहूर्त: ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय का समय।
मंत्र जप के नियम
- उम्र: 20 वर्ष के ऊपर।
- स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं।
- नीले और काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
Kamakhya sadhana shivir
जप में सावधानियां
- शुद्धता का ध्यान रखें।
- गलत उच्चारण न करें।
- जप के समय मन को स्थिर रखें।
- दैनिक जप में व्यवधान न आने दें।
- किसी भी नकारात्मक सोच से बचें।
spiritual store
११ अक्षर का दत्तात्रेय मंत्र – प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: ११ अक्षर का दत्तात्रेय मंत्र क्या है?
उत्तर: ॐ द्रां द्रीं द्रों दत्तात्रेयाय नमः।
प्रश्न 2: इस मंत्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: यह मंत्र मानसिक शांति और आत्मिक विकास के लिए जपा जाता है।
प्रश्न 3: मंत्र जप का समय कब है?
उत्तर: ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय के समय।
प्रश्न 4: कौन-कौन इस मंत्र का जप कर सकते हैं?
उत्तर: 20 वर्ष से ऊपर के स्त्री-पुरुष।
प्रश्न 5: कौन-से कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर: सफेद या पीले कपड़े।
प्रश्न 6: मंत्र का जप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर: 18 दिन।
प्रश्न 7: क्या इस मंत्र का जप शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: हां, यह हर प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उपयोगी है।
प्रश्न 8: क्या विशेष पूजा सामग्री चाहिए?
उत्तर: हां, तुलसी, चंदन, और पुष्प।
प्रश्न 9: क्या जप में किसी भी उच्चारण की गलती हो सकती है?
उत्तर: नहीं, शुद्ध उच्चारण अनिवार्य है।
प्रश्न 10: क्या जप में फलाहार करना चाहिए?
उत्तर: हां, फलाहार व सात्त्विक भोजन करें।
प्रश्न 11: क्या यह मंत्र स्वास्थ्य लाभ देता है?
उत्तर: हां, यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
प्रश्न 12: क्या मंत्र जप के दौरान संगीत सुन सकते हैं?
उत्तर: नहीं, ध्यान भंग होने से बचना चाहिए।