श्रावण का तीसरा सोमवार व्रत शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। श्रावण मास, जोकि भगवान शिव को समर्पित होता है, में सोमवार के दिन शिवजी की विशेष पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है। ये आर्थिक समस्या को दूर करने वाला माना जाता है। इस दिन पूजा व्रत करने से नौकरी, व्यवसाय की अड़चने, कर्ज की समस्या मे लाभ मिलता है।
श्रावण का तीसरा सोमवार व्रत पूजा विधि
1. व्रत की तैयारी:
- व्रत करने के एक दिन पहले हल्का और सात्विक भोजन करें।
- ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत के लिए मन में संकल्प लें और भगवान शिव का ध्यान करें।
2. पूजा स्थल की तैयारी:
- पूजा स्थल को गंगा जल या शुद्ध पानी से शुद्ध करें।
- एक साफ चौकी पर शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें।
- चौकी पर सफेद या पीला कपड़ा बिछाकर शिवलिंग को रखें।
- पास में नंदी बैल, माता पार्वती, और गणेश जी की मूर्तियाँ भी रखें।
3. पूजा सामग्री:
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर)
- गंगाजल
- बेलपत्र
- धतूरा, भांग और आक के फूल
- सफेद फूल (विशेषकर कमल)
- फल, मिठाई, और पंचामृत
- चंदन, धूप, दीप, अगरबत्ती
- रुद्राक्ष की माला
4. पूजा की विधि:
- ध्यान: सबसे पहले भगवान शिव का ध्यान करें और उन्हें ध्यानमंत्र से प्रणाम करें।
- शिवलिंग अभिषेक: शिवलिंग पर गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें। इसके बाद साफ पानी से शिवलिंग को स्नान कराएं।
- चंदन और पुष्प अर्पण: शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाएं और बेलपत्र, धतूरा, और फूल अर्पित करें।
- धूप और दीप: धूप और दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
- मंत्र जाप: ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें। यदि संभव हो तो रुद्राष्टक, शिव चालीसा, या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ भी करें।
- नैवेद्य अर्पण: भगवान शिव को नैवेद्य के रूप में फल, मिठाई, और पंचामृत अर्पित करें।
- आरती: शिवजी की आरती गाकर पूजा को सम्पन्न करें।
- विधिः बेलपत्र के ऊपर भगवान शिव की फोटो या शिवलिंग रखे। अपने सामने घी का दीपक जलाये, फिर शिवलिंग मुद्रा लगाकर १० बार प्राणायाम करे। अब “ॐ ह्रौं भवरेश्वराय ह्रौं नमः” मंत्र का जप शिवलिंग मुद्रा लगाकर २० – २५ मिनट करे।
Know more about Shivling mudra
5. व्रत का पालन:
- व्रत के दिन निराहार रहें या फलाहार का सेवन करें। यदि स्वास्थ्य अनुमति न दे तो एक समय अन्न का सेवन कर सकते हैं।
- दिन भर भगवान शिव का ध्यान करें और उनका नाम स्मरण करें।
- शाम के समय फिर से शिवलिंग की पूजा करें और आरती करें।
6. व्रत का पारण:
- अगले दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और भगवान शिव का ध्यान कर व्रत का पारण करें।
- गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन और दान दें।
श्रावण के तीसरे सोमवार व्रत के लाभ
- मनोकामनाओं की पूर्ति: इस व्रत से भगवान शिव की कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- स्वास्थ्य में सुधार: व्रत और पूजा से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- धन और समृद्धि: इस व्रत से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- विवाह और गृहस्थ जीवन में सुख: इस व्रत से विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान होता है और गृहस्थ जीवन में सुख और शांति मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक को आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
श्रावण का तीसरा सोमवार व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी होता है। यह व्रत श्रद्धा और विश्वास के साथ करें और भगवान शिव के आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाएं।