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Vidyut Karalini Mantra For Secret Desire

विद्युत करालिनी मंत्र: भय मुक्त जीवन व मनोकामना रहस्य

विद्युत करालिनी मंत्र एक अत्यंत प्रभावशाली इच्छा पूरी करने वाला मंत्र माना जाता है, जो साधकों को अनंत ऊर्जा और आत्मबल प्रदान करता है। “भूत डामर तंत्र” के अनुसार इस मंत्र का उपयोग अद्भुत सिद्धियों और आत्मिक उन्नति के लिए किया जाता है। यह मंत्र माता काली का स्वरूप देवी विद्युत करालिनी को समर्पित है, जो अपने भक्तों के सभी भय और नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं। नियमित जप से साधक के जीवन में स्थिरता, सफलता और आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है।

विनियोग मंत्र व उसका अर्थ

विनियोग मंत्र:

ॐ अस्य विद्युत करालिनी मंत्रस्य, महाकाल ऋषिः। महाकाली देवता। अनुष्टुप छंदः। ह्रूं बीजम्। स्वाहा शक्ति।  

अर्थ:
इस मंत्र का ऋषि महाकाल है, और देवी महाकाली इसका मुख्य देवता हैं। छंद अनुष्टुप है। ह्रूं इसका बीज मंत्र है, और स्वाहा इसकी शक्ति है। इस मंत्र को जपते समय देवी महाकाली की कृपा प्राप्त होती है।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:

  • ॐ ह्रूं फट् पूर्वायै नमः।
  • ॐ क्लीं फट् आग्नेयायै नमः।
  • ॐ श्रीं फट् दक्षिणायै नमः।
  • ॐ ऐं फट् नैऋत्यायै नमः।
  • ॐ ह्रूं फट् पश्चिमायै नमः।
  • ॐ क्लीं फट् वायव्यायै नमः
  • ॐ श्रीं फट् उत्तरायै नमः।
  • ॐ ऐं फट् ईशानायै नमः।

अर्थ:
इस मंत्र के माध्यम से साधक सभी दिशाओं को देवी महाकाली के प्रभाव से सुरक्षित करता है। यह जप नकारात्मक ऊर्जाओं को रोकता है।

विद्युत करालिनी मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र:

ॐ ध्रुवि ध्रुवि सरु सरु कटु कटु स्तंभय स्तंभय चालय चालय मोहय मोहय  
विद्युत करालिनी अतिभूतचरस्य सिद्धिदायिके हुं फें भयंकरी फट् स्वाहा।  

संपूर्ण अर्थ:
विद्युत करालिनी मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली तांत्रिक मंत्र है जो साधक को सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों और भय से मुक्त करता है। इस मंत्र का गूढ़ अर्थ और भाव निम्नलिखित है:

  • ध्रुवि ध्रुवि: यह शब्द साधक को दृढ़ता, स्थायित्व और अडिग आत्मबल प्रदान करता है।
  • सरु सरु: इसका अर्थ है गति और उन्नति। यह जीवन में प्रगति और सभी बाधाओं को पार करने का प्रतीक है।
  • कटु कटु: यह नकारात्मक ऊर्जाओं और बाधाओं को काटने का आदेश देता है।
  • स्तंभय स्तंभय: इसका उद्देश्य शत्रुओं और अनचाही शक्तियों को रोकना है।
  • चालय चालय: यह सकारात्मक ऊर्जाओं को सक्रिय और प्रवाहित करने का संकेत देता है।
  • मोहय मोहय: साधक को अपनी इच्छाओं को सिद्ध करने और दूसरों के मन को प्रभावित करने की शक्ति मिलती है।
  • विद्युत करालिनी: देवी के उस स्वरूप का आह्वान जो बिजली की तरह तीव्र, तेजस्वी और बाधाओं को नष्ट करने वाली है।
  • अतिभूतचरस्य: यह भूत, प्रेत और अदृश्य शक्तियों से मुक्ति का प्रतीक है।
  • सिद्धिदायिके: देवी को सिद्धियों की प्रदाता बताया गया है, जो साधक की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं।
  • हुं फें: यह बीज मंत्र हैं, जो साधक की ऊर्जा को जाग्रत करते हैं।
  • भयंकरी फट्: देवी को भय और नकारात्मकता का अंत करने वाली शक्तिशाली ऊर्जा के रूप में वर्णित किया गया है।
  • स्वाहा: यह शब्द समर्पण और पूर्णता का प्रतीक है, जिससे साधक अपनी प्रार्थना देवी तक पहुंचाता है।

इस मंत्र का नियमित जप साधक को आत्मबल, सिद्धि, और शांति प्रदान करता है। यह जीवन में स्थायित्व, समृद्धि और आध्यात्मिक शक्ति लाने का मार्ग है।

जप काल में इन चीजों का अधिक सेवन करें

  1. शुद्ध जल और फल।
  2. देशी घी से बनी सामग्री।
  3. तुलसी और काली मिर्च का सेवन।
  4. सात्विक भोजन।
  5. ऊर्जा और ध्यान बढ़ाने वाले पेय जैसे नींबू पानी।

विद्युत करालिनी मंत्र के लाभ

  1. आत्मबल में वृद्धि।
  2. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा।
  3. मानसिक शांति और स्थिरता।
  4. आध्यात्मिक जागृति।
  5. सिद्धियों की प्राप्ति।
  6. सफलता में सहायता।
  7. भूत-प्रेत बाधाओं का नाश।
  8. भयमुक्त जीवन।
  9. स्वास्थ्य लाभ।
  10. ध्यान की गहराई बढ़ाना।
  11. संबंधों में सुधार।
  12. शत्रुओं पर विजय।
  13. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  14. धन और समृद्धि।
  15. आध्यात्मिक ऊर्जाओं का अनुभव।
  16. ज्ञान की प्राप्ति।
  17. जीवन में संतुलन।
  18. देवी महाकाली की कृपा।

पूजा सामग्री व मंत्र विधि

सामग्री:

  1. लाल कपड़ा।
  2. अक्षत।
  3. दीपक और तेल।
  4. चंदन।
  5. काली हल्दी।
  6. अगरबत्ती।

मंत्र विधि:

  1. सूर्योदय से पहले स्नान करें।
  2. शुद्ध स्थान पर लाल आसन पर बैठें।
  3. दीपक जलाकर देवी का ध्यान करें।
  4. मंत्र का 21 दिन तक 108 बार जप करें।

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मंत्र जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष कोई भी जप कर सकता है।
  3. ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप में सावधानियां

  1. अशुद्ध मन और शरीर से जप न करें।
  2. अनिश्चित समय पर जप न करें।
  3. मंत्र का गलत उच्चारण न करें।
  4. नियमभंग से बचें।
  5. आसन का ध्यान रखें।

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विद्युत करालिनी मंत्र प्रश्न व उत्तर

प्रश्न 1: विद्युत करालिनी मंत्र का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: यह मंत्र साधक को सिद्धि, शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

प्रश्न 2: मंत्र जप का सबसे शुभ समय क्या है?

उत्तर: ब्रह्ममुहूर्त या रात्रि का समय।

प्रश्न 3: क्या साधक फलाहार कर सकता है?

उत्तर: हां, फलाहार साधक के लिए शुभ है।

प्रश्न 4: क्या महिलाएं मंत्र जप कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं कर सकती हैं, लेकिन मासिक धर्म के दौरान जप न करें।

प्रश्न 5: क्या काले कपड़े पहन सकते हैं?

उत्तर: नहीं, काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए।

प्रश्न 6: मंत्र जप के लिए कितनी माला आवश्यक है?

उत्तर: एक दिन में कम से कम एक माला।

प्रश्न 7: क्या मंत्र से आर्थिक लाभ होता है?

उत्तर: हां, देवी की कृपा से धन की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 8: क्या बिना गुरु के मंत्र जप संभव है?

उत्तर: गुरु के मार्गदर्शन में जप अधिक फलदायक होता है।

प्रश्न 9: क्या जप के दौरान विशेष आसन का उपयोग करना चाहिए?

उत्तर: हां, लाल या काले आसन का उपयोग करें।

प्रश्न 10: क्या मंत्र भय निवारण में सहायक है?

उत्तर: हां, यह सभी प्रकार के भय को दूर करता है।

प्रश्न 11: क्या मंत्र जप से स्वास्थ्य लाभ होता है?

उत्तर: हां, यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।

प्रश्न 12: मंत्र का पूर्ण प्रभाव कब दिखता है?

उत्तर: नियमित 21 दिन के जप के बाद सकारात्मक परिणाम दिखने लगते हैं।

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