तेल मातंगी मंत्र: अचूक निर्णय करने का अद्भुत रहस्य व चमत्कारिक उपाय
तेल मातंगी मंत्र से किसी भी व्यक्ति के भविष्य को जानना और जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेना आसान हो जाता है। इस मंत्र के माध्यम से सही मार्गदर्शन प्राप्त होता है। तेल के प्रयोग से मातंगी देवी का आह्वान कर उनके आशीर्वाद से अपने सभी प्रश्नों का उत्तर पाया जा सकता है।
दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ दिशासर्वा मम संरक्षणं कुरु स्वाहा।”
अर्थ: इस मंत्र को सभी दिशाओं की तरफ मुंह करके एक एक बार जपे। इस मंत्र के द्वारा सभी दिशाओं को सुरक्षित किया जाता है, ताकि मंत्र जप में कोई बाधा न आए। यह व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।
तेल मातंगी मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
तेल मातंगी मंत्र:
“ॐ ऐं तेल मातंगी आगच्छ ततः कर्म कुरु कुरु स्वाहा।”
अर्थ:
इस मंत्र के द्वारा देवी तेल मातंगी का विशेष आह्वान किया जाता है। इसमें भक्त देवी से प्रार्थना करता है कि वे अपने दिव्य स्वरूप में प्रकट होकर उसके कर्मों को सिद्ध करें।
- ॐ: यह पवित्र ध्वनि देवी को समर्पित है।
- ऐं: यह सरस्वती बीज है, जो ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- तेल मातंगी: देवी मातंगी का नाम, जो भक्त के सभी प्रश्नों का उत्तर देती हैं।
- नृ नखमध्ये: यह संकेत करता है कि देवी अपने भक्त के सामने प्रकट होकर उसके प्रश्नों का समाधान करें।
- आगच्छ: देवी को बुलाने के लिए कहा जाता है।
- ततः कर्म कुरु कुरु: भक्त प्रार्थना करता है कि देवी उसके सभी कार्यों को सिद्ध करें।
- स्वाहा: समर्पण का प्रतीक, जिससे भक्त अपनी श्रद्धा देवी को अर्पित करता है।
इस विनियोग मंत्र के जप से देवी मातंगी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो जीवन में सही मार्गदर्शन और सफलता की ओर ले जाता है।
जप काल में इन चीजों का सेवन करें
- सात्विक भोजन जैसे फल, दूध, और हल्का आहार।
- तुलसी जल का सेवन।
- ध्यान केंद्रित करने के लिए गंगाजल।
- काले तिल का उपयोग।
तेल मातंगी मंत्र के अद्भुत लाभ
- किसी व्यक्ति के मनोभाव को जानना।
- सही मार्गदर्शन पाना।
- जीवन के कठिन निर्णय लेना।
- अपने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करना।
- भविष्य की अनिश्चितताओं को समझना।
- मानसिक शांति और स्थिरता।
- कार्य में सफलता।
- आत्मविश्वास में वृद्धि।
- दुश्मनों से बचाव।
- रिश्तों में सुधार।
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति।
- धन और समृद्धि।
- आध्यात्मिक उन्नति।
- मनोकामना पूर्ति।
- करियर में तरक्की।
- स्वास्थ्य लाभ।
- बुरी नजर से बचाव।
- देवी मातंगी की कृपा प्राप्ति।
पूजा सामग्री व मंत्र विधि
- सरसों का तेल।
- शुद्ध देसी घी।
- काले तिल।
- सफेद वस्त्र।
- पंचगव्य।
- तांबे का दीपक।
विधि:
- प्रातः काल स्नान करें।
- पूजन सामग्री को तैयार करें।
- दीपक जलाकर देवी का ध्यान करें।
- १०० ग्राम सरसो का तेल किसी कांसे या स्टीक की थाली मे डालकर उसमे अपना चेहरा देखते हुये मंत्र का जप करे
- तेल से दीपक प्रज्वलित करें और मंत्र का जप करें।
- जय समाप्त होने के बाद किसी शीशी मे उस तेक को भर ले।
- ११ दिन के बाद किसी पृश्न का उत्तर जानने के लिये उसी शीशी के तेल थाली मे डाल दे और १०१ मंत्र का जप करते हुये मनोकामना करे
मंत्र जप का समय व अवधि
- दिन: रविवार और मंगलवार।
- अवधि: ११ दिन तक।
- समय: प्रातः 4 बजे से 5 बजे।
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मंत्र जप के नियम
- 20 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति ही जप करें।
- सात्विक आहार का पालन करें।
- स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
- काले और नीले वस्त्र न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से बचें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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मंत्र जप के दौरान सावधानियां
- पूरी एकाग्रता के साथ जप करें।
- नकारात्मक विचारों से बचें।
- शुद्ध स्थान पर जप करें।
- मोबाइल और अन्य उपकरणों से दूर रहें।
- पूजा सामग्री का दुरुपयोग न करें।
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मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: तेल मातंगी मंत्र क्या है?
उत्तर: यह देवी मातंगी का विशेष मंत्र है, जिससे भविष्य का ज्ञान और मार्गदर्शन मिलता है।
प्रश्न 2: इस मंत्र का उपयोग क्यों करें?
उत्तर: यह मंत्र जीवन में निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने में मदद करता है।
प्रश्न 3: इसे कौन जप सकता है?
उत्तर: 20 वर्ष से अधिक आयु के स्त्री और पुरुष।
प्रश्न 4: जप का सही समय क्या है?
उत्तर: प्रातः 4 बजे।
प्रश्न 5: कितने दिन तक जप करना चाहिए?
उत्तर: ११ दिन तक।
प्रश्न 6: क्या नियम पालन करना जरूरी है?
उत्तर: हां, सात्विक जीवनशैली और ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है।
प्रश्न 7: क्या जप से लाभ सुनिश्चित है?
उत्तर: सही विधि और आस्था से जप करने पर लाभ मिलता है।
प्रश्न 8: क्या इसे किसी विशेष दिन करना चाहिए?
उत्तर: हां, रविवार और मंगलवार को।
प्रश्न 9: क्या काले कपड़े पहन सकते हैं?
उत्तर: नहीं, काले और नीले कपड़े वर्जित हैं।
प्रश्न 10: क्या जप के लिए स्थान विशेष है?
उत्तर: शुद्ध और शांत स्थान का चयन करें।
प्रश्न 11: क्या इसे रात्रि में जप सकते हैं?
उत्तर: प्रातः जप करना अधिक लाभकारी है।
प्रश्न 12: इस मंत्र से क्या सिद्धि मिलती है?
उत्तर: देवी मातंगी की कृपा और भविष्य का सटीक मार्गदर्शन मिलता है।