आशापुरा माता: कृपा, पूजा विधि, मंत्र और अद्भुत लाभ
आशापुरा माता को लोकदेवी और भक्तों की इच्छाएं पूरी करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। इनका मुख्य मंदिर गुजरात और राजस्थान में स्थित है। माता का नाम ‘आशापुरा’ इस तथ्य को दर्शाता है कि वे अपने भक्तों की सभी आशाओं को पूरा करती हैं।
लाभ
- मनोकामनाओं की पूर्ति।
- पारिवारिक सुख-शांति।
- धन-समृद्धि में वृद्धि।
- शत्रु बाधाओं से मुक्ति।
- स्वास्थ्य लाभ और रोगों से छुटकारा।
- विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान।
- संतान प्राप्ति।
- मानसिक तनाव से मुक्ति।
- आध्यात्मिक उन्नति।
- व्यवसाय में सफलता।
- यात्रा में सुरक्षा।
- नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा।
मंत्र
“ॐ ह्रीं आशापूरायै नमः।”
इस मंत्र का 108 बार जाप करने से माता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माता की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
- पुष्प, अक्षत और चंदन अर्पित करें।
- मंत्र का जाप करें।
- प्रसाद चढ़ाकर भक्तों में बांटें।
पूजा का शुभ मुहूर्त
आशापुरा माता की पूजा के लिए मंगलवार और शुक्रवार विशेष शुभ माने जाते हैं। सूर्योदय और प्रदोष काल श्रेष्ठ समय हैं।
FAQ
- आशापुरा माता कौन हैं?
आशापुरा माता लोकदेवी हैं, जो भक्तों की इच्छाएं पूरी करती हैं। - माता की पूजा कब करें?
मंगलवार और शुक्रवार को पूजा शुभ मानी जाती है। - मुख्य मंदिर कहां है?
गुजरात के कच्छ और राजस्थान में। - मंत्र जाप कितनी बार करें?
108 बार। - माता को क्या अर्पित करें?
पुष्प, अक्षत, चंदन और प्रसाद। - माता की कृपा से क्या लाभ हैं?
मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। - क्या विशेष मुहूर्त की आवश्यकता है?
हां, सूर्योदय या प्रदोष काल में करें। - क्या आशापुरा माता व्रत रखते हैं?
हां, श्रद्धालु उपवास रखते हैं। - क्या मंदिर जाना आवश्यक है?
आवश्यक नहीं, घर पर भी पूजा हो सकती है। - पूजा कितने दिन करें?
9 दिनों तक नवरात्रि में करना शुभ माना जाता है।
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अंत मे
आशापुरा माता की आराधना से जीवन में सुख-शांति और सफलता मिलती है। उनका आशीर्वाद सभी समस्याओं का समाधान करता है।