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Indrani Mata – Unlock Success, Harmony & Abundance

इंद्राणी माता की कृपा से जीवन में समृद्धि, शांति और सफलता प्राप्त करने की विधि

इंद्राणी माता, जिन्हें शचि देवी भी कहा जाता है, देवी इंद्र की पत्नी और देवताओं की रानी हैं। वह शक्ति, समृद्धि और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वह अदिति और ऋषि कश्यप की पुत्री हैं। इंद्राणी माता को अपने भक्तों की रक्षा और उनके जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।


लाभ

  1. मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति।
  2. समृद्धि और धन वृद्धि।
  3. पारिवारिक सुख और सद्भाव।
  4. बाधाओं से मुक्ति।
  5. कार्यक्षेत्र में सफलता।
  6. बीमारियों से राहत।
  7. वैवाहिक जीवन में स्थिरता।
  8. नकारात्मक ऊर्जा से बचाव।
  9. बच्चों की उन्नति और सुरक्षा।
  10. यात्रा में सुरक्षा।
  11. मनोकामनाओं की पूर्ति।
  12. दीर्घायु और स्वास्थ्य।

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इंद्राणी माता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

  1. दिन: शुक्रवार और पूर्णिमा तिथि को इंद्राणी माता की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  2. प्रातः काल: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:30 बजे से 6:00 बजे तक) पूजा के लिए सर्वोत्तम समय है।
  3. अभिजीत मुहूर्त: दोपहर के समय (लगभग 11:45 बजे से 12:30 बजे तक) पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
  4. संध्या समय: सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में पूजा भी शुभ मानी जाती है।
  5. चंद्रमा की स्थिति: जब चंद्रमा रोहिणी, मृगशिरा, या पुष्य नक्षत्र में होता है, तो यह समय विशेष रूप से प्रभावी होता है।
  6. त्रयोदशी, चतुर्दशी, और पूर्णिमा: ये तिथियां इंद्राणी माता की पूजा के लिए उत्तम मानी जाती हैं।

नोट:
शुभ मुहूर्त में पूजा करने से इंद्राणी माता का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है। पंचांग के अनुसार मुहूर्त की पुष्टि अवश्य करें।

इंद्राणी माता का मंत्र

“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शचि देव्यै नमः।”

Aghor lakshmi sadhana shivir

पूजा विधि

  1. प्रातः स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
  2. देवी इंद्राणी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीप जलाएं।
  3. मंत्र का 108 बार जाप करें।
  4. प्रसाद में गुड़ और नारियल अर्पित करें।
  5. माता को पीले फूल चढ़ाएं।
  6. पूजा के अंत में आरती करें।

Kanakdhara lakshmi puja for wealth


इंद्राणी माता से जुड़े सामान्य प्रश्न

  1. इंद्राणी माता कौन हैं?
    इंद्राणी माता इंद्र देव की पत्नी और देवताओं की रानी हैं। वह शक्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं।
  2. इंद्राणी माता की पूजा का क्या महत्व है?
    उनकी पूजा से बाधाओं का नाश होता है, समृद्धि बढ़ती है, और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  3. इंद्राणी माता की पूजा का शुभ दिन कौन-सा है?
    शुक्रवार और पूर्णिमा तिथि को उनकी पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
  4. क्या इंद्राणी माता का व्रत रखा जा सकता है?
    हां, भक्त इंद्राणी माता का व्रत रखते हैं, विशेषकर महिलाओं के लिए यह व्रत कल्याणकारी माना जाता है।
  5. पूजा में कौन-से मंत्र का जाप करें?
    “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शचि देव्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ होता है।
  6. इंद्राणी माता को कौन-से फूल प्रिय हैं?
    उन्हें पीले और सफेद रंग के फूल विशेष रूप से प्रिय हैं।
  7. क्या इंद्राणी माता की पूजा धन और समृद्धि बढ़ाने में सहायक है?
    हां, उनकी कृपा से जीवन में धन और समृद्धि का आगमन होता है।
  8. इंद्राणी माता की पूजा में कौन-सा प्रसाद अर्पित करें?
    उन्हें गुड़, नारियल और पीले मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
  9. क्या विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है?
    पूजा में दीपक, पीले फूल, चंदन, और प्रसाद की आवश्यकता होती है।
  10. क्या पूजा घर पर की जा सकती है?
    हां, घर पर स्वच्छता और नियमों का पालन करते हुए उनकी पूजा की जा सकती है।

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