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Hanuman sabar mantra sadhana for success

हनुमान साबर साधना- मन की इच्छा पूरी करने वाला

हनुमान साबर साधना एक विशेष साधना है जो भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। यह साधना सामान्य विधि से की जाती है और इसमें कुछ विशेष मंत्रों का प्रयोग किया जाता है। हनुमान साबर साधना का उद्देश्य है साधक को बल, साहस, और आत्मविश्वास प्रदान करना। इसे करने से साधक के जीवन में सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और उसे सफलता, शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है। साबर मंत्र पढने मे अजीब होते है लेकिन कार्य मे बहुत ही अचूक माने जाते है।

हनुमान साबर मंत्र व उसका अर्थ

मंत्र:
"ॐ हं हनुमंते करो हमारे काज,
जो ना करे, तो माता अंजनी की आन।"

अर्थ:
हे हनुमान जी, हमारे कार्यों को पूरा करने में मदद करें। यदि आप हमारी सहायता न करें, तो माता अंजनी की शपथ है। यह एक भक्तिपूर्ण निवेदन है, जिसमें साधक हनुमान जी से अपने कार्यों की पूर्ति के लिए विनम्र प्रार्थना कर रहा है।

हनुमान साबर साधना विधि
  1. साधना के दिन: मंगलवार और शनिवार को साधना प्रारंभ करना शुभ माना जाता है।
  2. साधना का समय: ब्रह्ममुहूर्त या रात्रि 12 बजे का समय सबसे उत्तम है।
  3. साधना का स्थान: एकांत और शुद्ध स्थान पर साधना करें। मंदिर या पूजा कक्ष सबसे उत्तम स्थान है।
  4. आसन: कुशा का आसन प्रयोग करें।
  5. वस्त्र: लाल वस्त्र पहनें और लाल आसन का प्रयोग करें।
  6. पूजा सामग्री: लाल फूल, सिंदूर, चमेली का तेल, दीपक, अगरबत्ती, पान के पत्ते, सुपारी, गुड़, और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र।

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हनुमान सबर साधना के लाभ

  1. साहस और बल: साधना से साधक में साहस और बल की वृद्धि होती है।
  2. भय नाश: साधना करने से सभी प्रकार के भय दूर होते हैं।
  3. स्वास्थ्य: साधक को उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  5. संकट निवारण: सभी प्रकार के संकटों का निवारण होता है।
  6. विजय: साधक को सभी कार्यों में विजय प्राप्त होती है।
  7. धन प्राप्ति: साधना से धन की प्राप्ति होती है।
  8. कष्टों का नाश: साधक के सभी कष्टों का नाश होता है।
  9. मन की शांति: साधक को मन की शांति प्राप्त होती है।
  10. शत्रु नाश: साधक के शत्रुओं का नाश होता है।
  11. बुद्धि वृद्धि: साधक की बुद्धि में वृद्धि होती है।
  12. रोग नाश: सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है।
  13. कार्य सिद्धि: साधक के सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
  14. विवाह में सफलता: विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
  15. परिवार की सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  16. दुर्घटना नाश: दुर्घटनाओं से रक्षा होती है।
  17. कर्ज मुक्ति: कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है।
  18. भाग्य वृद्धि: साधक का भाग्य चमकता है।
  19. ज्ञान प्राप्ति: साधक को ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  20. आत्मविश्वास: साधक में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।

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