कुंजिका मंत्र एक अति शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए उपयोग किया जाता है। इसे दुर्गा सप्तशती का बीज मंत्र भी कहा जाता है। यह मंत्र दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले या बाद में किया जाता है और इसका जप करने से दुर्गा सप्तशती के सम्पूर्ण पाठ के बराबर फल प्राप्त होता है। इस मंत्र के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी बाधाओं का नाश होता है और उसे सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
कुंजिका मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
ॐ ग्लौं ह्रीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं ह्रीं ऐं क्रो क्रो ऐं ऐं ह्रीं ह्रीं ऐं सर्वविघ्ननिवारणाय दुर्गे ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल सर्वविघ्ननिवारणाय ह्रीं ऐं क्लीं ज्वल ह्रीं ऐं क्लीं ज्वल ह्रीं ऐं क्लीं ह्रीं ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल सर्वविघ्ननिवारणाय ह्रीं ऐं क्लीं दुर्गे ज्वल ह्रीं ऐं क्लीं दुर्गे ज्वल ज्वल प्रज्वल सर्वविघ्ननिवारणाय ह्रीं ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।"
लाभ
- समस्त बाधाओं का नाश: इस मंत्र का जप करने से जीवन में आने वाली समस्त बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- मानसिक शांति: यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को कम करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: कुंजिका मंत्र का जप करने से साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- धन प्राप्ति: यह मंत्र धन और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक है।
- शत्रु नाश: यह मंत्र शत्रुओं का नाश करता है और उन्हें कमजोर बनाता है।
- रोग निवारण: इस मंत्र का जप करने से रोगों का निवारण होता है।
- विवाह में बाधा दूर: यह मंत्र विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करता है।
- पारिवारिक शांति: कुंजिका मंत्र का जप करने से परिवार में शांति और सौहार्द स्थापित होता है।
- अशुभ शक्तियों से सुरक्षा: यह मंत्र अशुभ शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- आकर्षण बढ़ता है: यह मंत्र व्यक्ति के आकर्षण को बढ़ाता है।
- बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि: कुंजिका मंत्र का जप बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि करता है।
- कुंडली दोष निवारण: इस मंत्र का जप करने से कुंडली में विद्यमान दोष दूर होते हैं।
- नेगेटिव एनर्जी का नाश: यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है।
- वास्तु दोष निवारण: यह मंत्र वास्तु दोष को समाप्त करता है।
- सफलता की प्राप्ति: यह मंत्र कार्यों में सफलता दिलाने में सहायक है।
- मंत्र सिद्धि प्राप्ति: कुंजिका मंत्र का जप मंत्र सिद्धि प्राप्ति में सहायक है।
- ईश्वरीय कृपा: यह मंत्र ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने में सहायक है।
- धार्मिक उन्नति: यह मंत्र धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है।
- अवसाद और चिंता का नाश: इस मंत्र का जप अवसाद और चिंता को दूर करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति: कुंजिका मंत्र का जप सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
मंत्र विधि
- स्थान: शुद्ध एवं पवित्र स्थान का चयन करें, जहाँ कोई विघ्न न हो।
- स्नान: मंत्र जप से पहले स्नान कर लें।
- आसन: स्वच्छ और सादे कपड़े पहनें और आसन पर बैठें।
- सामग्री: दीपक, धूप, लाल चंदन, कुमकुम, पुष्प, और अक्षत।
- ध्यान: देवी दुर्गा का ध्यान करें और उनकी कृपा का आह्वान करें।
- जप: मंत्र का स्पष्ट और शुद्ध उच्चारण करें।
मुहुर्त
- दिन: मंगलवार, शुक्रवार, और अष्टमी के दिन विशेष रूप से फलदायी होते हैं।
- अवधि: सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद जप करें।
- समय: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) सर्वोत्तम समय है।
- दिशा: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके मंत्र का जप करें।
- जप संख्या: प्रतिदिन एक माला (108 बार) से लेकर 11 माला (1188 बार) तक जप करें।
सामग्री
- दीपक
- धूप
- लाल चंदन
- कुमकुम
- पुष्प
- अक्षत (चावल)
मंत्र जप
कुंजिका मंत्र का जप 11 से 21 दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए। यह जप साधक को शक्तिशाली और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
जप के नियम
- शुद्धता और नियमितता बनाए रखें।
- मंत्र जप के समय एकाग्रता और ध्यान का विशेष ध्यान रखें।
- साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- अहिंसा और सत्य का पालन करें।
- नकारात्मक विचारों से बचें और केवल सकारात्मक विचारों को ही अपनाएं।
- मंत्र जप के बाद देवी दुर्गा का ध्यान करें और उनकी कृपा का आह्वान करें।
जप सावधानी
- मंत्र जप के समय असत्य बोलने से बचें।
- साधना के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें।
- शुद्धता और पवित्रता का पालन करें।
- नकारात्मक सोच और कृत्यों से दूर रहें।
- मंत्र जप के समय मन को एकाग्र रखें और अन्य विचारों से दूर रहें।
कुंजिका मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर
- प्रश्न: कुंजिका मंत्र क्या है?
उत्तर: कुंजिका मंत्र दुर्गा सप्तशती का बीज मंत्र है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए उपयोग किया जाता है। - प्रश्न: कुंजिका मंत्र का जप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर: कुंजिका मंत्र का जप 11 से 21 दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए। - प्रश्न: कुंजिका मंत्र का जप करने का सर्वोत्तम समय क्या है?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) कुंजिका मंत्र का जप करने का सर्वोत्तम समय है। - प्रश्न: कुंजिका मंत्र का जप किस दिशा में करना चाहिए?
उत्तर: कुंजिका मंत्र का जप उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। - प्रश्न: क्या कुंजिका मंत्र का जप करने से रोग दूर होते हैं?
उत्तर: हां, कुंजिका मंत्र का जप करने से रोगों का निवारण होता है। - प्रश्न: क्या कुंजिका मंत्र का जप करने से शत्रु नाश होता है?
उत्तर: हां, कुंजिका मंत्र का जप करने से शत्रु नाश होता है। - प्रश्न: क्या कुंजिका मंत्र का जप करने से धन की प्राप्ति होती है?
उत्तर: हां, कुंजिका मंत्र का जप करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। - प्रश्न: क्या कुंजिका मंत्र का जप करने से मानसिक शांति मिलती है?
उत्तर: हां, कुंजिका मंत्र का जप करने से मानसिक शांति मिलती है। - प्रश्न: क्या कुंजिका मंत्र का जप करने से विवाह में बाधाएं दूर होती हैं?
उत्तर: हां, कुंजिका मंत्र का जप करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। - प्रश्न: कुंजिका मंत्र का जप करने के लिए कौन सी सामग्री आवश्यक है?
उत्तर: दीपक, धूप, लाल चंदन, कुमकुम, पुष्प, और अक्षत आवश्यक सामग्री हैं।