Navarna Mantra for Health Wealth & Prosperity
नवार्ण मंत्र एक अति पवित्र एवं शक्तिशाली मंत्र है, जो विशेष रूप से देवी दुर्गा की आराधना के लिए उपयोग किया जाता है। इसे दुर्गा सप्तशती का अंश माना जाता है। इस मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और वह सुख, समृद्धि एवं शांति की प्राप्ति करता है।
नवार्ण मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
नवार्ण मंत्र का स्वरूप इस प्रकार है:
“ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”
इस मंत्र के प्रत्येक शब्द का विशेष महत्व है:
- ऐं: यह सरस्वती का बीज मंत्र है, जो ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है।
- ह्रीं: यह महालक्ष्मी का बीज मंत्र है, जो धन और समृद्धि का प्रतीक है।
- क्लीं: यह कामदेव का बीज मंत्र है, जो प्रेम और आकर्षण का प्रतीक है।
- चामुण्डायै: यह दुर्गा माता का विशेष नाम है, जो राक्षस चंड और मुण्ड का नाश करने वाली हैं।
- विच्चे: यह शक्ति का प्रतीक है, जो सभी प्रकार की बाधाओं का नाश करने में सहायक है।
नवार्ण मंत्र के लाभ
- मानसिक शांति: यह मंत्र मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को दूर करता है।
- आध्यात्मिक विकास: इस मंत्र का जप आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
- स्वास्थ्य लाभ: नियमित जप से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- धन की प्राप्ति: यह मंत्र धन और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक है।
- शत्रुओं का नाश: यह मंत्र शत्रुओं का नाश करता है।
- रोग निवारण: इस मंत्र का जप रोगों को दूर करता है।
- विवाह में बाधा दूर: यह मंत्र विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करता है।
- परिवार में शांति: यह परिवार में शांति और सद्भाव लाता है।
- ज्ञान और बुद्धि: यह मंत्र ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि करता है।
- आकर्षण बढ़ाता है: यह मंत्र व्यक्ति के आकर्षण को बढ़ाता है।
- सुख और समृद्धि: यह सुख और समृद्धि लाता है।
- धार्मिक उन्नति: यह धार्मिक उन्नति में सहायक है।
- वास्तु दोष निवारण: इस मंत्र का जप वास्तु दोषों को दूर करता है।
- नेगेटिव एनर्जी हटाता है: यह मंत्र नेगेटिव एनर्जी को हटाता है।
- मंत्र सिद्धि: यह मंत्र सिद्धि प्राप्ति में सहायक है।
- ईश्वरीय कृपा: यह ईश्वरीय कृपा प्राप्ति में सहायक है।
- कुंडली दोष निवारण: यह कुंडली दोषों को दूर करता है।
- अवसाद और चिंता दूर: यह मंत्र अवसाद और चिंता को दूर करता है।
- सफलता की प्राप्ति: यह सफलता की प्राप्ति में सहायक है।
मंत्र विधि
- स्थान: मंत्र जप के लिए शुद्ध एवं पवित्र स्थान का चयन करें।
- स्नान: जप से पहले स्नान कर लें।
- आसन: स्वच्छ कपड़े पहनें और आसन पर बैठें।
- सामग्री: लाल चंदन, कुमकुम, धूप, दीपक, पुष्प, अक्षत आदि सामग्री रखें।
- ध्यान: देवी दुर्गा का ध्यान करें।
- जप: मंत्र का उच्चारण करें।
मुहुर्त
- दिन: मंगलवार, शुक्रवार, और अष्टमी के दिन विशेष फलदायी होते हैं।
- अवधि: सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद जप करें।
- समय: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) सर्वोत्तम है।
- दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जप करें।
- जप संख्या: एक माला (108 बार) से लेकर 11 माला (1188 बार) तक जप करें।
सामग्री
- लाल चंदन
- कुमकुम
- धूप
- दीपक
- पुष्प
- अक्षत (चावल)
नवार्ण भैरव मंत्र जप
यह मंत्र 11 से 21 दिन तक रोज जप करना चाहिए। इस दौरान व्यक्ति को शुद्धता का पालन करना चाहिए और अपने आहार एवं विचारों को पवित्र रखना चाहिए।
नवार्ण भैरव मंत्र जप के नियम
- शुद्धता का पालन करें।
- नियमितता बनाए रखें।
- मंत्र जप के समय एकाग्रता बनाए रखें।
- देवी दुर्गा का ध्यान करें।
- मानसिक और शारीरिक पवित्रता का ध्यान रखें।
नवार्ण भैरव जप सावधानी
- असत्य बोलने से बचें।
- अहिंसा का पालन करें।
- नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- साधना के दौरान अनुशासन का पालन करें।
नवार्ण भैरव मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर
- प्रश्न: नवार्ण मंत्र का उच्चारण कैसे किया जाता है?
उत्तर: नवार्ण मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध रूप से करना चाहिए। इसका उच्चारण इस प्रकार करें: ” ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”। - प्रश्न: नवार्ण मंत्र का जप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर: नवार्ण मंत्र का जप 11 से 21 दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए। - प्रश्न: नवार्ण मंत्र का जप करने का सर्वश्रेष्ठ समय क्या है?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) नवार्ण मंत्र जप का सर्वोत्तम समय है। - प्रश्न: नवार्ण मंत्र का जप किस दिशा में करना चाहिए?
उत्तर: नवार्ण मंत्र का जप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। - प्रश्न: नवार्ण मंत्र का जप करने से क्या लाभ होता है?
उत्तर: नवार्ण मंत्र का जप करने से मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ, धन प्राप्ति, शत्रु नाश, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से रोग दूर होते हैं?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से रोगों का निवारण होता है। - प्रश्न: नवार्ण मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: नवार्ण मंत्र का जप एक माला (108 बार) से लेकर 11 माला (1188 बार) तक करना चाहिए। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से विवाह में बाधाएं दूर होती हैं?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से शत्रु नाश होता है?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से शत्रु नाश होता है। - प्रश्न: नवार्ण मंत्र का जप करने से क्या मानसिक शांति मिलती है?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से मानसिक शांति मिलती है। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से धन की प्राप्ति होती है?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से पारिवारिक शांति मिलती है?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से पारिवारिक शांति और सद्भाव मिलता है। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से बुद्धि की वृद्धि होती है?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है। - प्रश्न: नवार्ण मंत्र का जप करने के लिए कौन सी सामग्री आवश्यक है?
उत्तर: लाल चंदन, कुमकुम, धूप, दीपक, पुष्प, और अक्षत आवश्यक सामग्री हैं। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से वास्तु दोष दूर होते हैं?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से वास्तु दोष दूर होते हैं। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से नकारात्मक ऊर्जा हटती है?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से नकारात्मक ऊर्जा हटती है। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से कुंडली दोष दूर होते हैं?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से कुंडली दोष दूर होते हैं। - प्रश्न: क्या नवार्ण मंत्र का जप करने से अवसाद और चिंता दूर होती है?
उत्तर: हां, नवार्ण मंत्र का जप करने से अवसाद और चिंता दूर होती है।
नवार्ण मंत्र का नियमित एवं शुद्धता से जप करने से उपरोक्त सभी लाभ प्राप्त होते हैं। इस मंत्र की महिमा अपरम्पार है और इसे सिद्ध करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।