गणेश चतुर्थी की पूजा जो भी ब्यक्ति करता है, उसके जीवन मे सुख समृद्धि हमेशा बनी रहती है। गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा, उपासना, और आराधना के लिए समर्पित होता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य का देवता माना जाता है। गणेश चतुर्थी की पूजा विधि, मंत्र, और पूजा के नियमों का पालन करके भक्त भगवान गणेश की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
यहाँ गणेश चतुर्थी पूजा विधि, मंत्र, पूजा के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं, पूजा का समय, पूजा से मिलने वाले लाभ, और पूजा से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
गणेश चतुर्थी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- प्रातःकाल स्नान करें: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान की सफाई करें: पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
- दीप प्रज्वलित करें: दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती से भगवान गणेश की आरती करें।
- भगवान गणेश का आह्वान करें: “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
- अभिषेक करें: भगवान गणेश की मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शकर) से स्नान कराएं और स्वच्छ जल से धोएं।
- पुष्प, अक्षत और दूर्वा अर्पित करें: भगवान गणेश को पुष्प, अक्षत (चावल), दूर्वा (घास), और 21 मोदक अर्पित करें।
- मंत्र जाप करें: भगवान गणेश के निम्नलिखित मंत्रों का जाप 108 बार करें:
- मंत्र 1: “ॐ गं गणपतये नमः।”
- मंत्र 2: “ॐ वक्रतुण्डाय हुं।”
- मंत्र 3: “ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात।”
- मंत्र 4: “ॐ गणेशाय नमः।”
- प्रसाद वितरण करें: पूजा के बाद भगवान गणेश को अर्पित प्रसाद को सभी में वितरित करें।
- आरती करें: भगवान गणेश की आरती “गणपति बप्पा मोरया” या “सुखकर्ता दुःखहर्ता” से करें।
- ध्यान और प्रार्थना करें: भगवान गणेश का ध्यान करें और अपनी मनोकामनाएं प्रकट करें।
गणेश चतुर्थी पूजा के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं
क्या खाएं:
- फल: सेब, केला, अंगूर, और अनार आदि फल खा सकते हैं।
- दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध, दही, पनीर आदि।
- सात्विक भोजन: साबूदाना खिचड़ी, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, आलू, और मूंगफली।
- सूखे मेवे: बादाम, काजू, किशमिश, और अखरोट।
क्या न खाएं:
- मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थ: मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थ न खाएं।
- मांसाहार और अंडे: पूजा के दौरान मांसाहार और अंडों का सेवन वर्जित है।
- अनाज और दालें: पूजा के दौरान गेहूं, चावल, और अन्य अनाज का सेवन न करें।
- प्याज और लहसुन: पूजा के समय प्याज और लहसुन का उपयोग न करें।
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गणेश चतुर्थी पूजा का समय
- पूजा कब से कब तक करें: गणेश चतुर्थी की पूजा प्रातःकाल सूर्योदय से शुरू करें और दोपहर 12 बजे के बीच समाप्त करें।
- पूजा की अवधि: पूजा की अवधि लगभग 1-2 घंटे की होनी चाहिए, जिसमें भगवान गणेश की स्थापना, अभिषेक, मंत्र जाप, और आरती शामिल हो।
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गणेश चतुर्थी पूजा से लाभ
- संकटों का निवारण: गणेश चतुर्थी पूजा करने से जीवन के सभी संकटों और विघ्नों का नाश होता है।
- धन और समृद्धि: भगवान गणेश की कृपा से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: पूजा करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मानसिक शांति और स्थिरता: भगवान गणेश की पूजा से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: पूजा से आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है और साधना में सिद्धि प्राप्त होती है।
- बुद्धि और विवेक की वृद्धि: भगवान गणेश को बुद्धि और विवेक का देवता माना जाता है। उनकी पूजा से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।
- शत्रु नाश: पूजा से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में विजय प्राप्त होती है।
- पारिवारिक सुख-शांति: पूजा से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- मनोकामना पूर्ति: भगवान गणेश की पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा: पूजा से शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- विघ्न-बाधाओं का नाश: भगवान गणेश की पूजा से जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाओं का नाश होता है।
- सभी कार्यों में सफलता: भगवान गणेश की कृपा से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
गणेश चतुर्थी पूजा संबंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: गणेश चतुर्थी पूजा किस दिन करनी चाहिए?
उत्तर: गणेश चतुर्थी पूजा भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को करनी चाहिए।
प्रश्न 2: क्या गणेश चतुर्थी पूजा में अनाज का सेवन किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, गणेश चतुर्थी पूजा में अनाज का सेवन वर्जित है; केवल फल, दूध, और सात्विक भोजन करें।
प्रश्न 3: गणेश चतुर्थी पूजा का पालन कैसे किया जाता है?
उत्तर: गणेश चतुर्थी पूजा का पालन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना, अभिषेक, मंत्र जाप, और आरती द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 4: पूजा के दौरान कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?
उत्तर: पूजा के दौरान “ॐ गं गणपतये नमः” और “ॐ वक्रतुण्डाय हुं” जैसे मंत्रों का जाप किया जाता है।
प्रश्न 5: क्या पूजा के दौरान चंद्र दर्शन आवश्यक है?
उत्तर: हां, गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान चंद्र दर्शन कर अर्घ्य देना आवश्यक है।
प्रश्न 6: क्या पूजा में पूरे दिन उपवास रखना आवश्यक है?
उत्तर: हां, पूजा में पूरे दिन उपवास रखना आवश्यक है; केवल फलाहार और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
प्रश्न 7: क्या महिलाएं गणेश चतुर्थी पूजा कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी गणेश चतुर्थी पूजा कर सकती हैं, बशर्ते वे पूजा विधि का पालन करें।
प्रश्न 8: गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान मंदिर जाना आवश्यक है?
उत्तर: मंदिर जाना आवश्यक नहीं है; आप घर पर भी भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं।
प्रश्न 9: क्या गणेश चतुर्थी पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं?
उत्तर: हां, गणेश चतुर्थी पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान गणेश की कृपा से पूरी होती हैं।
प्रश्न 10: गणेश चतुर्थी पूजा का पालन करने से क्या लाभ होता है?
उत्तर: गणेश चतुर्थी पूजा का पालन करने से संकटों का निवारण, धन, समृद्धि, और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
प्रश्न 11: क्या गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जा सकती है?
उत्तर: हां, पूजा के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी की जा सकती है।