रक्तभैरव मंत्र के अद्भुत लाभ- कर्ज, प्रेत बाधा व व्यापार में सफलता
रक्तभैरव, भगवान भैरव का उग्र रूप है जो मंत्र में प्रमुख स्थान रखता है। ये मंत्र शत्रु बाधा, तंत्र बाधा, कर्ज मुक्ति आदि में सहायक है। यह मंत्र उनके भक्तों को सुरक्षा प्रदान करता है और उनकी सभी समस्याओं का निवारण करता है। रक्तभैरव की विशेष कृपा से यह मंत्र कार्य सिद्धि में सहायक होता है।
विनियोग व उसका अर्थ
विनियोग:
ॐ अस्य श्री रक्तभैरव महाकवच मंत्रस्य, महाकाल ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, रक्तभैरवो देवता, शत्रु बाधा स्तम्भनार्थे जपे विनियोगः॥
अर्थ:
इस मंत्र का विनियोग शत्रु बाधा को रोकने के लिए किया जाता है। ‘महाकाल ऋषि‘ इस मंत्र के ऋषि हैं, ‘अनुष्टुप्‘ इसका छन्द है, और ‘रक्तभैरव‘ देवता हैं। मंत्र का जप शत्रुओं को निष्क्रिय करने और कार्यों की सफलता के लिए किया जाता है।
रक्तभैरव मंत्र व उसका अर्थ
मंत्र: ॥ॐ भ्रं रक्तभैरवाय शत्रु स्तंभनाय च कार्य सिद्धये हुं फट्ट॥
यह मंत्र शत्रुओं के बुरे प्रभाव को रोकने, कार्य में सफलता और तंत्र बाधाओं को समाप्त करने में सहायक है।
अर्थ: ‘ॐ‘ परम शक्ति है। ‘भ्रं‘ भैरव का बीज मंत्र है, जो उग्र रूप का संकेत देता है। ‘रक्तभैरवाय‘ का अर्थ है रक्त भैरव को समर्पित। ‘शत्रु स्तंभनाय‘ शत्रुओं को रोकने के लिए और ‘कार्य सिद्धये‘ कार्य की सफलता के लिए। ‘हुं फट्ट‘ शक्ति और तत्काल प्रभाव का संकेत हैं।
रक्तभैरव मंत्र लाभ
- शत्रु बाधा से मुक्ति
- तंत्र बाधा से सुरक्षा
- प्रेत बाधा से रक्षा
- कर्ज से छुटकारा
- व्यापार में वृद्धि
- दुकान में लाभ
- रोगों से मुक्ति
- मानसिक शांति
- पारिवारिक सुख
- कोर्ट केस में सफलता
- दुर्घटना से बचाव
- शत्रुओं के षड्यंत्र से सुरक्षा
- रोजगार में वृद्धि
- विवाह संबंधी समस्या का निवारण
- धन प्राप्ति
- आत्मबल में वृद्धि
- साधक की ऊर्जा की वृद्धि
रक्तभैरव मंत्र विधि
रक्तभैरव मंत्र जप के लिए शुभ दिन चुनें। सबसे उपयुक्त दिन शनिवार, रविवार या अमावस्या की रात है। जप के समय ब्रह्म मुहूर्त या रात 10 बजे के बाद का समय उचित माना जाता है। मंत्र जप के दौरान पूर्ण एकाग्रता और शुद्धि का ध्यान रखें।
रक्तभैरव मंत्र जप
रक्तभैरव मंत्र का जप 11 से 21 दिन तक रोज़ किया जा सकता है। साधक को प्रतिदिन 11 माला (यानी 1188 मंत्र) का जप करना चाहिए। जप के दौरान साधक को शांति, धैर्य और पूरी निष्ठा के साथ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
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रक्तभैरव सामग्री
मंत्र जप के लिए लाल वस्त्र पहनें। पूजा के लिए लाल चंदन, दीपक, और रक्तवर्ण के पुष्प आवश्यक हैं। साथ ही तांबे के लोटे में जल, दीपक में तिल का तेल, और अगरबत्ती का प्रयोग करें।
मंत्र जप के नियम
- साधक की उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
- स्त्री-पुरुष कोई भी मंत्र जप कर सकता है।
- जप के दौरान नीले या काले वस्त्र न पहनें।
- धूम्रपान, मांसाहार, और मद्यपान से दूर रहें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
रक्तभैरव मंत्र जप सावधानी
मंत्र जप करते समय ध्यान रखें कि जप पूर्ण ध्यान और आस्था से किया जाए। शुद्धता का विशेष ध्यान रखें और अशुद्ध स्थान या समय पर जप न करें। मंत्र उच्चारण में त्रुटि न हो, इसका ध्यान रखें। मंत्र की शक्ति का दुरुपयोग न करें।
रक्तभैरव प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: रक्तभैरव मंत्र किस समस्या के लिए उपयोगी है?
उत्तर: यह मंत्र शत्रु बाधा, तंत्र बाधा, कर्ज मुक्ति, और प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए उपयोगी है।
प्रश्न 2: मंत्र जप की सही विधि क्या है?
उत्तर: मंत्र जप ब्रह्म मुहूर्त या रात 10 बजे के बाद करें, और 11 माला रोज़ जपें।
प्रश्न 3: क्या मंत्र जप में स्त्रियाँ भाग ले सकती हैं?
उत्तर: हां, स्त्री-पुरुष दोनों रक्तभैरव मंत्र का जप कर सकते हैं।
प्रश्न 4: क्या विशेष वस्त्र पहनने चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के दौरान लाल वस्त्र पहनने चाहिए और नीले-काले वस्त्रों से बचना चाहिए।
प्रश्न 5: मंत्र जप के दौरान कौन सी चीजों से परहेज करना चाहिए?
उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार और तामसिक आचरण से बचना चाहिए।
प्रश्न 6: मंत्र जप का मुहूर्त क्या होना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के लिए मंगलवार, शनिवार, और अमावस्या की रात विशेष मानी जाती है।
प्रश्न 7: मंत्र जप की सामग्री क्या होती है?
उत्तर: लाल चंदन, दीपक, रक्तवर्ण के पुष्प, तांबे का लोटा, और तिल के तेल का दीपक।
प्रश्न 8: मंत्र जप का क्या समय होता है?
उत्तर: मंत्र जप ब्रह्म मुहूर्त या रात 10 बजे के बाद करना चाहिए।
प्रश्न 9: क्या मंत्र जप से कर्ज मुक्ति मिल सकती है?
उत्तर: हां, रक्तभैरव मंत्र कर्ज मुक्ति में सहायक है।
प्रश्न 10: क्या मंत्र जप से व्यापार में लाभ हो सकता है?
उत्तर: हां, मंत्र जप से व्यापार और दुकान में वृद्धि होती है।
प्रश्न 11: मंत्र जप के कितने दिनों बाद परिणाम देखने को मिलते हैं?
उत्तर: 11 से 21 दिनों के मंत्र जप से परिणाम देखने को मिलते हैं।
प्रश्न 12: मंत्र जप में सावधानी क्या बरतनी चाहिए?
उत्तर: मंत्र का दुरुपयोग न करें, शुद्धता का ध्यान रखें, और आस्था के साथ जप करें।