spot_img

Dattatreya Vajra Panjar Kavacham – Protection & Power

दत्तात्रेय वज्र पंजर – आध्यात्मिक और शारीरिक सुरक्षा का कवच

दत्तात्रेय वज्र पंजर कवचम् भगवान दत्तात्रेय के अनन्य भक्तों के लिए एक शक्तिशाली कवच है, जो सभी प्रकार की बाधाओं, शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। यह कवच साधक को भगवान दत्तात्रेय की कृपा प्राप्त करने और जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करने में सहायक होता है। ‘वज्र पंजर’ का अर्थ है वज्र के समान कठोर और अविजेय कवच, जो साधक की रक्षा करता है। इस कवच का नियमित पाठ व्यक्ति को हर प्रकार के संकट से मुक्त करता है।

विनियोग

ॐ अस्य श्री दत्तात्रेय वज्रपंजर कवचस्य,
आत्रेय ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः,
श्री दत्तात्रेयो देवता, हं बीजं,
हं शक्तिः, क्रों कीलकं,
श्री दत्तात्रेय प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।

अर्थ: इस कवच का ऋषि आत्रेय है, छन्द अनुष्टुप् है, भगवान दत्तात्रेय इसके देवता हैं। इसमें बीज मंत्र “हं” है, और इस कवच के पाठ द्वारा भगवान दत्तात्रेय की प्रसन्नता के लिए जप किया जाता है।

संपूर्ण दत्तात्रेय वज्र पंजर व उसका अर्थ

ॐ हं ह्रीं श्रीं दत्तात्रेयाय स्वाहा। सिरो मे पातु योगात्मा।

ॐ ऐं पातु भालं मे दिगम्बरः।

ॐ नमः पातु नेत्रे मे पिंगलाक्षः।

ॐ हं पातु कर्णौ मे क्षरन्मधुः।

ॐ पातु नासिकां मे कल्पवृक्षः।

ॐ पातु वदनं मे सुमधुरध्वनिः।

ॐ पातु कण्ठं मे ब्रह्मरूपः।

ॐ पातु स्कन्धौ मे अनन्तरूपः।

ॐ पातु भुजौ मे सदाशिवः।

ॐ पातु उदरं मे योगान।

ॐ पातु हृदयं मे ललाटाक्षः।

ॐ पातु नाभिं मे ध्यानदीपः।

ॐ पातु कटिं मे ब्रह्मप्रकाशः।

ॐ पातु जङ्घे मे निर्गुणः।

ॐ पातु पादौ मे आत्मतत्त्वप्रकाशकः।

ॐ पातु सर्वांगं मे दत्तगुरुः।

कवच अर्थ

अर्थ: “हं, ह्रीं, श्रीं” इन बीज मंत्रों से भगवान दत्तात्रेय की स्तुति करते हुए साधक का मस्तक योगात्मा रूप में भगवान दत्तात्रेय द्वारा सुरक्षित रहता है।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो दिगम्बर (सभी दिशाओं में व्याप्त) हैं, मेरे मस्तक को सुरक्षित रखें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो पिंगलाक्ष (भूरे रंग की आँखों वाले) हैं, मेरे नेत्रों की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जिनके वचनों से मधु (अमृत) की वर्षा होती है, वे मेरे कानों की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो कल्पवृक्ष (इच्छा पूर्ति करने वाला वृक्ष) के समान हैं, मेरी नासिका (नाक) की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जिनका स्वर अत्यंत मधुर है, वे मेरे वदन (मुख) की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो ब्रह्मस्वरूप हैं, वे मेरे कण्ठ (गले) की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो अनंत रूप में व्याप्त हैं, वे मेरे स्कन्ध (कंधों) की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो सदाशिव (शाश्वत शिव) के रूप में हैं, वे मेरे भुजाओं (बाहों) की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जिनकी ललाट पर तीसरा नेत्र है, वे मेरे हृदय की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो योगानंद (योग द्वारा प्राप्त आनंद) हैं, वे मेरे उदर (पेट) की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो ध्यान के द्वारा प्रकाशित दीपक हैं, वे मेरी नाभि की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो ब्रह्मप्रकाश (ब्रह्मज्ञान का प्रकाश) हैं, वे मेरी कटि (कमर) की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो निर्गुण (गुणों से रहित) हैं, वे मेरी जंघाओं (पैरों) की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो आत्मतत्त्व (आत्मज्ञान) के प्रकटकर्ता हैं, वे मेरे पैरों की रक्षा करें।

अर्थ: भगवान दत्तात्रेय, जो हमारे गुरु हैं, वे मेरे समस्त अंगों की रक्षा करें।

Dattatreya Pujan Shivir Booking

लाभ

  1. शत्रुओं से पूर्ण सुरक्षा प्राप्त होती है।
  2. नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है।
  3. आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
  4. जीवन में शांति और स्थिरता आती है।
  5. मानसिक शांति और स्थिरता बनी रहती है।
  6. परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
  7. स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
  8. आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  9. बुरी नजर और तंत्र-मंत्र से बचाव होता है।
  10. आत्मबल में वृद्धि होती है।
  11. भगवान दत्तात्रेय का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  12. जीवन में आने वाली बाधाओं का समाधान होता है।
  13. व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनता है।
  14. दैवीय कृपा से साधक को ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है।
  15. आध्यात्मिक साधना में सफलता प्राप्त होती है।

विधि

मंत्र जप का दिन और मुहूर्त

  • इस कवच का पाठ किसी भी शुभ दिन या गुरुवार से आरंभ किया जा सकता है।
  • सुबह सूर्योदय के समय या शाम को सूर्यास्त के समय जप करना उत्तम होता है।

मंत्र जप की अवधि

  • साधक को 41 दिनों तक नियमित रूप से इस कवच का जप करना चाहिए।

नियम

  1. साधक को पूजा और साधना गुप्त रूप से करनी चाहिए।
  2. सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनकर साधना करें।
  3. जप के समय साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।
  4. जप के दौरान किसी भी प्रकार का अपवित्र आहार या द्रव्य का सेवन न करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. साधना के समय मन को एकाग्र रखें और ध्यान भंग न होने दें।

know more about dattatreya mantra vidhi

जप सावधानियाँ

  1. इस कवच का जप हमेशा शुद्ध और शांत स्थान पर करना चाहिए।
  2. जप के समय शरीर, मन और वाणी की पवित्रता बनाए रखें।
  3. जप के दौरान किसी प्रकार के बुरे विचारों से बचें।
  4. तंत्र-मंत्र या अन्य किसी प्रकार की गलत साधना के साथ इस कवच का प्रयोग न करें।
  5. साधना को पूरा न करने की स्थिति में फिर से शुरुआत करें।
  6. जप के समय निरंतरता बनाए रखें और बीच में रुकावट न आने दें।

spiritual store

प्रश्न और उत्तर

1. इसका पाठ किसके लिए उपयोगी है?

उत्तर: यह कवच उन सभी भक्तों के लिए उपयोगी है जो जीवन में सुरक्षा, शांति और समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं। यह कवच शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

2. इस कवच का जप कब किया जाना चाहिए?

उत्तर: इस कवच का जप शुभ दिनों पर जैसे गुरुवार को, सुबह सूर्योदय या शाम सूर्यास्त के समय किया जा सकता है।

3. क्या यह कवच तंत्र-मंत्र से भी सुरक्षा प्रदान करता है?

उत्तर: हां, दत्तात्रेय वज्र पंजर कवचम् तंत्र-मंत्र और बुरी नजर से सुरक्षा प्रदान करता है। यह साधक के चारों ओर एक मजबूत सुरक्षा कवच का निर्माण करता है।

4. क्या स्त्रियाँ भी इस कवच का जप कर सकती हैं?

उत्तर: हां, स्त्री और पुरुष दोनों ही इस कवच का जप कर सकते हैं, बशर्ते वे साधना के नियमों का पालन करें।

5. क्या इस कवच का पाठ किसी विशेष मुहूर्त में करना आवश्यक है?

उत्तर: इस कवच का पाठ शुभ मुहूर्त में करना लाभकारी होता है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में किसी भी समय जप किया जा सकता है।

6. क्या साधक को विशेष आहार लेना चाहिए?

उत्तर: हां, साधना के दौरान सात्विक आहार लेना चाहिए और मांसाहार, धूम्रपान, शराब, और अन्य अपवित्र पदार्थों से बचना चाहिए।

7. कवच का पाठ किस प्रकार की समस्याओं से रक्षा करता है?

उत्तर: यह कवच शत्रुओं, तंत्र-मंत्र, बुरी नजर, और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करता है और जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं का समाधान करता है।

8. क्या इस कवच का पाठ व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार करता है?

उत्तर: हां, दत्तात्रेय वज्र पंजर कवचम् का पाठ आर्थिक समृद्धि और धन प्राप्ति में सहायक होता है।

9. साधक को क्या ध्यान में रखना चाहिए?

उत्तर: साधक को ध्यान रखना चाहिए कि वह पूजा और साधना को गुप्त रखे, सफेद वस्त्र धारण करे, और पूर्ण पवित्रता का पालन करे।

10. क्या इस कवच का पाठ अन्य मंत्रों के साथ किया जा सकता है?

उत्तर: हां, इस कवच का पाठ अन्य दत्तात्रेय मंत्रों के साथ किया जा सकता है, लेकिन जप करते समय एकाग्रता और शुद्धता बनाए रखें।

spot_img
spot_img

Related Articles

KAMAKHYA SADHANA SHIVIRspot_img
PITRA DOSHA NIVARAN PUJANspot_img

Latest Articles

FREE HOROSCOPE CONSULTINGspot_img
BAGALAMUKHI SHIVIR BOOKINGspot_img
Select your currency