Dattatreya Ucchatan Mantra - Remove Negative Influences

Dattatreya Ucchatan Mantra – Remove Negative Influences

दत्तात्रेय उच्चाटन मंत्र: शत्रुओं से बचाव और बुरी संगत से मुक्ति

दत्तात्रेय उच्चाटन मंत्र एक शक्तिशाली और प्रभावी साधना मंत्र है, जिसका प्रयोग व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए किया जाता है। भगवान दत्तात्रेय, जो त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का संयुक्त रूप हैं, इस मंत्र में साधक को बाधाओं, शत्रुओं, और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाने में सहायता प्रदान करते हैं। यह मंत्र विशेष रूप से तब उपयोगी होता है जब कोई व्यक्ति बुरी संगत में चला गया हो या किसी और के प्रभाव में आकर गलत निर्णय ले रहा हो।

दत्तात्रेय उच्चाटन मंत्र

मंत्र:
“ॐ द्रा द्रीं द्रों दत्तात्रेयाय [व्यक्ति का नाम] उच्चाटय बाधा नष्टय हुं नमः।”

मंत्र का संपूर्ण अर्थ:

  • : ब्रह्मांड की सर्वोच्च ध्वनि।
  • द्रा द्रीं द्रों: दत्तात्रेय का बीज मंत्र, जो उनकी शक्ति को जागृत करता है।
  • दत्तात्रेयाय: भगवान दत्तात्रेय को समर्पण।
  • [व्यक्ति का नाम]: यहां उस व्यक्ति का नाम लें जिसके लिए मंत्र जपा जा रहा है।
  • उच्चाटय: नकारात्मक शक्तियों और प्रभावों को दूर करना।
  • बाधा नष्टय: जीवन की बाधाओं को नष्ट करना।
  • हुं नमः: मंत्र का समापन और भगवान को नमन।

दत्तात्रेय उच्चाटन मंत्र के लाभ

  1. किसी व्यक्ति को बुरी संगत से निकालना।
  2. परिवार के सदस्य को वापस लाना जो नाराज होकर घर छोड़ चुका हो।
  3. किसी सदस्य को दूसरे के बहकावे से बचाना।
  4. जीवन से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश।
  5. मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त करना।
  6. परिवार में शांति और प्रेम का संचार।
  7. शत्रुओं से मुक्ति।
  8. अवांछनीय लोगों और प्रभावों से दूरी।
  9. रिश्तों में सुधार और सुलह।
  10. मानसिक तनाव को दूर करना।
  11. किसी के बहकावे में आए व्यक्ति को सही रास्ते पर लाना।
  12. नकारात्मक प्रभावों से आत्म-संरक्षण।
  13. घर में सुख-शांति और समृद्धि का वातावरण बनाना।
  14. पारिवारिक कलह और मतभेदों का निवारण।
  15. सामाजिक जीवन में सुरक्षा और प्रतिष्ठा।
  16. बच्चों और युवा सदस्यों की संगति में सुधार।
  17. आध्यात्मिक प्रगति और मानसिक शांति की प्राप्ति।

मंत्र विधि

  • जप का दिन: मंगलवार, गुरुवार या रविवार विशेष रूप से शुभ होते हैं।
  • जप अवधि: 11 से 21 दिन तक नियमित जप करना आवश्यक है।
  • जप का मुहूर्त: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) सबसे उपयुक्त होता है।

मंत्र जप

साधक को कम से कम 11 दिनों तक लगातार इस मंत्र का जप करना चाहिए। प्रतिदिन 11 माला (यानि 1188 मंत्र) का जप करें। साधना के दौरान अनुशासन और समर्पण बनाए रखना आवश्यक है।

सामग्री

  • पीले या सफेद वस्त्र
  • पीला या लाल आसन
  • भगवान दत्तात्रेय की प्रतिमा या चित्र
  • धूप, दीपक, और एकाक्षी नारियल
  • पीले फूल, अक्षत, और जल का पात्र

मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: मंत्र जप करने वाला व्यक्ति 20 वर्ष से अधिक आयु का होना चाहिए।
  2. लिंग: स्त्री और पुरुष दोनों ही इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. वस्त्र: मंत्र जप के समय नीले और काले कपड़े पहनने से बचें।
  4. धूम्रपान और नशीले पदार्थ: इनका सेवन बिल्कुल न करें।
  5. मासाहार: मंत्र जप के समय पूर्ण शाकाहारी रहें।
  6. ब्रह्मचर्य: जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप के दौरान सावधानियां

  • मंत्र जप के समय मन और शरीर को शुद्ध रखें।
  • जप करते समय एकाग्रता बनाए रखें और अन्य विचारों को दूर रखें।
  • एक ही स्थान और समय पर नियमित रूप से जप करें।
  • मंत्र का दुरुपयोग न करें, इसका जप केवल सकारात्मक उद्देश्यों के लिए करें।
  • बिना गुरु के मार्गदर्शन के इस मंत्र को अनावश्यक रूप से प्रयोग में न लाएं।

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दत्तात्रेय उच्चाटन मंत्र प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: इस मंत्र का जप किसके लिए किया जा सकता है?

उत्तर: इस मंत्र का जप उस व्यक्ति के लिए किया जा सकता है जो किसी नकारात्मक प्रभाव में आ गया हो, बुरी संगत में चला गया हो, या जिसने गलत निर्णय लिए हों।

प्रश्न 2: क्या स्त्रियाँ इस मंत्र का जप कर सकती हैं?

उत्तर: हाँ, स्त्री और पुरुष दोनों ही इस मंत्र का जप कर सकते हैं, इस पर कोई लिंग-विशेष रोक नहीं है।

प्रश्न 3: क्या मंत्र का जप किसी भी दिन किया जा सकता है?

उत्तर: मंत्र का जप मंगलवार, गुरुवार या रविवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है, लेकिन आवश्यकता के अनुसार इसे अन्य दिनों में भी किया जा सकता है।

प्रश्न 4: क्या मंत्र जप करते समय किसी विशेष दिशा का सामना करना चाहिए?

उत्तर: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके मंत्र जप करना सबसे अच्छा माना जाता है, जिससे ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।

प्रश्न 5: क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष समय में करना चाहिए?

उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) इस मंत्र का जप करने का सबसे शुभ समय होता है, क्योंकि इस समय ब्रह्मांडीय ऊर्जा अधिक सक्रिय होती है।

प्रश्न 6: क्या इस मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखाई देता है?

उत्तर: मंत्र का प्रभाव व्यक्ति की श्रद्धा, एकाग्रता और नियमितता पर निर्भर करता है। कुछ लोग जल्दी परिणाम देख सकते हैं, जबकि कुछ को अधिक समय लग सकता है।

प्रश्न 7: क्या इस मंत्र का प्रयोग शत्रुओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है?

उत्तर: हाँ, यह मंत्र शत्रुओं और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है।

प्रश्न 8: क्या इस मंत्र के जप के दौरान भोजन और जीवनशैली में कोई विशेष बदलाव करना चाहिए?

उत्तर: हाँ, इस मंत्र के जप के दौरान पूर्ण शाकाहारी भोजन करें और किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों, धूम्रपान और मद्यपान से दूर रहें।

प्रश्न 9: क्या गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है?

उत्तर: गुरु का मार्गदर्शन अत्यधिक सहायक होता है, लेकिन अगर साधक स्वयं अनुशासन और श्रद्धा से इस मंत्र का जप करता है, तो भी उसे लाभ प्राप्त हो सकते हैं।

प्रश्न 10: क्या मंत्र जप के दौरान परिवार के अन्य सदस्यों से कोई सहायता लेनी चाहिए?

उत्तर: साधक को यह मंत्र जप व्यक्तिगत रूप से करना चाहिए, लेकिन यदि आवश्यक हो तो परिवार के सदस्यों से समर्थन और शांति बनाए रखने के लिए कहा जा सकता है।

प्रश्न 11: मंत्र का प्रभाव कितनी जल्दी दिखाई देगा?

उत्तर: मंत्र का प्रभाव साधक की मानसिक स्थिति, श्रद्धा, और जप की नियमितता पर निर्भर करता है। साधक को धैर्य और समर्पण के साथ जप करना चाहिए।

प्रश्न 12: क्या इस मंत्र का दुरुपयोग हो सकता है?

उत्तर: हाँ, यदि इस मंत्र का जप गलत उद्देश्यों के लिए किया जाता है, तो इसका विपरीत प्रभाव भी हो सकता है। इसलिए, इसे केवल सकारात्मक उद्देश्यों के लिए और पूर्ण श्रद्धा के साथ किया जाना चाहिए।