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Kamalkhya Saubhagyavati Mantra – fortunate one & Wealth

कमलाख्य सौभाग्यवती मंत्र: महिलाओं के सौभाग्य का अद्भुत आशीर्वाद

कमलाख्य सौभाग्यवती मंत्र महिलाओं को सौभाग्यवती बनाने का अद्भुत उपाय है। यह मंत्र विवाहित जीवन के सुख, मनपसंद जीवन साथी की प्राप्ति, बिखरे संबंधों को जोइड़ने और परिवार में एकता, सुख-समृद्धि लाने में सहायक है।

विनियोग मंत्र

विनियोग मंत्र: कमलाख्य सौभाग्यवती मंत्र के उपयोग से पहले इसका सही विनियोग करना अनिवार्य है। यह मंत्र आध्यात्मिक ऊर्जा का मार्गदर्शन करता है।

“ॐ अस्य श्री कमलाख्य मंत्रस्य महादेवी ऋषिः अनुष्टुप् छन्दः कमला देवी देवता। श्रीं बीजं, सौभाग्यं शक्ति, क्लीं कीलकं। सौभाग्य प्राप्तये जपे विनियोगः।”

विनियोग मंत्र का अर्थ

यह मंत्र बताता है कि कमलाख्य सौभाग्यवती मंत्र को सही उद्देश्य से जपना चाहिए। यह मंत्र साधक की इच्छाओं को संपूर्ण करने के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। इसकी महिमा महिलाओं को जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति प्रदान करती है।


दिग्बंधन मंत्र

दिग्बंधन मंत्र: मंत्र जप से पहले दिशाओं को सुरक्षित और पवित्र करना आवश्यक है।

“ॐ भूर्भुवः स्वः दिशासु सर्वत्र ब्रह्म स्वरूपं स्थितं। मम रक्षा च संरक्षणं कुरु कुरु स्वाहा।”

दिग्बंधन मंत्र का महत्व

यह मंत्र दिशाओं की ऊर्जा को शुद्ध करता है। इससे नकारात्मक शक्तियां बाधा नहीं डालतीं। यह साधना को शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है।


कमलाख्य मंत्र और उसका अर्थ

कमलाख्य मंत्र:

“ॐ ऐं ह्रीं श्रीं सौभाग्य देव्ये सर्व बंधनान् मुक्तिं देही देही क्लीं स्वाहा।”

यह मंत्र विशेष रूप से सौभाग्य और शांति की प्राप्ति के लिए उपयोगी माना जाता है। इसका अर्थ निम्नलिखित है:

  1. : यह एक सर्वशक्तिमान और पवित्र ध्वनि है, जो ब्रह्मा, विष्णु, महेश, और समस्त सृष्टि के आद्य रूप का प्रतीक है।
  2. ऐं: यह बिंदी या शक्ति का प्रतीक है, जो देवी की शक्ति को दर्शाता है।
  3. ह्रीं: यह मंत्र का एक अन्य बीज है, जो मानसिक शांति और आंतरिक पवित्रता को बढ़ाता है।
  4. श्रीं: यह लक्ष्मी या समृद्धि का प्रतीक है।
  5. सौभाग्य देव्ये: यह शब्द सौभाग्य की देवी को संबोधित करता है, जिनसे सुख, समृद्धि और हर प्रकार की शुभता की प्रार्थना की जाती है।
  6. सर्व बंधनान् मुक्तिं देही: यहाँ प्रार्थना की जाती है कि देवी सभी प्रकार के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें।
  7. देही देही: यहाँ देवी से आग्रह किया जाता है कि वे अपनी कृपा से सभी कष्टों से मुक्ति दें।
  8. क्लीं: यह बीज मंत्र है, जो शांति और समृद्धि की प्राप्ति का साधन माना जाता है।
  9. स्वाहा: यह मंत्र के समापन का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘प्रस्तुत है’ या ‘स्वीकार करें’।

सार: यह मंत्र देवी की कृपा से सौभाग्य, समृद्धि और सभी बंधनों से मुक्ति की कामना करता है। इसके उच्चारण से व्यक्ति को मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन की प्राप्ति होती है।

मंत्र की महिमा

कमलाख्य मंत्र बंधनों को समाप्त करता है। यह महिलाओं के आंतरिक और बाहरी सौंदर्य को निखारता है। यह सच्चे प्रेम, सद्भाव और समृद्धि का प्रतीक है।

जप काल में इन चीजों का सेवन करें

  1. दूध और फल।
  2. सूखे मेवे।
  3. हल्का और सात्विक भोजन।
  4. तुलसी का सेवन।
  5. ताजे फल और सब्जियां।

कमलाख्य सौभाग्यवती मंत्र से लाभ

  1. वैवाहिक जीवन का सुख।
  2. मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति।
  3. रिश्तों में सामंजस्य।
  4. पारिवारिक एकता।
  5. आर्थिक उन्नति।
  6. मानसिक शांति।
  7. सौंदर्य में वृद्धि।
  8. आत्मबल का विकास।
  9. आध्यात्मिक उन्नति।
  10. नकारात्मकता से मुक्ति।
  11. शत्रुओं से सुरक्षा।
  12. कार्यों में सफलता।
  13. स्वास्थ्य में सुधार।
  14. समाज में मान-सम्मान।
  15. सच्चे प्रेम की प्राप्ति।
  16. दाम्पत्य जीवन की मिठास।
  17. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  18. सकारात्मक दृष्टिकोण।

पूजा सामग्री और मंत्र विधि

  1. गोरोचन की स्याही।
  2. कनेल की लकड़ी या माचिस की तीली।
  3. घी का दीपक।
  4. सफेद कागज।
  5. यंत्र को लैमिनेट करें।

विधि:

  1. कागज पर गोरोचन की स्याही से मंत्र लिखें।
  2. इसे अपने सामने रखें।
  3. घी का दीपक जलाएं।
  4. 20 मिनट रोज़ मंत्र का जप करें।
  5. 11 दिन तक यह प्रक्रिया दोहराएं।
  6. लैमिनेटेड यंत्र को पूजाघर में रखें।

मंत्र जप का समय और नियम

दिन, अवधि, और मुहूर्त

  1. प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में जप करें।
  2. 20 मिनट रोज़।
  3. कुल अवधि 11 दिन।

मंत्र जप के नियम

  1. 20 वर्ष से ऊपर के लोग जप कर सकते हैं।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों के लिए उपयुक्त।
  3. काले या नीले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का त्याग करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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जप में सावधानियां

  1. पवित्र स्थान पर जप करें।
  2. जप के दौरान मन को स्थिर रखें।
  3. अशुद्ध वस्त्रों से बचें।
  4. नियमितता का पालन करें।
  5. यंत्र को सुरक्षित स्थान पर रखें।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: क्या कमलाख्य मंत्र किसी विशेष आयु के लिए है?

उत्तर: यह मंत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के सभी महिलाओं के लिए उपयुक्त है।

प्रश्न 2: क्या मंत्र जप के दौरान भोजन पर नियंत्रण आवश्यक है?

उत्तर: हां, सात्विक और हल्के भोजन का सेवन करें।

प्रश्न 3: क्या यह मंत्र केवल महिलाओं के लिए है?

उत्तर: नहीं, पुरुष भी इस मंत्र का लाभ उठा सकते हैं।

प्रश्न 4: क्या मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है?

उत्तर: हां, इससे जप का प्रभाव बढ़ता है।

प्रश्न 5: मंत्र जप के लिए विशेष समय क्या है?

उत्तर: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त सबसे उत्तम समय है।

प्रश्न 6: क्या मंत्र का जप अन्य कार्यों के साथ किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, जप के दौरान ध्यान एकाग्र रखना चाहिए।

प्रश्न 7: क्या मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखता है?

उत्तर: नियमित जप और श्रद्धा से लाभ जल्दी मिलता है।

प्रश्न 8: क्या मंत्र को याद करना अनिवार्य है?

उत्तर: कागज पर लिखकर सामने रखने से भी लाभ होता है।

प्रश्न 9: क्या मंत्र का जप रात्रि में किया जा सकता है?

उत्तर: हां, लेकिन प्रातःकाल अधिक प्रभावी होता है।

प्रश्न 10: क्या मंत्र केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए है?

उत्तर: नहीं, यह व्यक्तिगत और पारिवारिक सुख के लिए भी उपयोगी है।

प्रश्न 11: क्या मंत्र जप के दौरान अन्य मंत्र जप सकते हैं?

उत्तर: नहीं, केवल एक मंत्र पर ध्यान केंद्रित करें।

प्रश्न 12: मंत्र का प्रभाव कब तक रहता है?

उत्तर: यंत्र को पूजाघर में रखने से इसका प्रभाव दीर्घकालिक रहता है।

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