अंगारक गणेश चतुर्थी व्रत- सभी तरह की नकारात्मक उर्जा नष्ट करे
कार्य को सफल बनाने वाली अंगारक गणेश चतुर्थी एक विशेष और महत्वपूर्ण तिथि है जो भगवान श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ती है। ‘अंगारक’ का अर्थ होता है ‘मंगल ग्रह’ और ‘गणेश चतुर्थी’ भगवान गणेश की उपासना के लिए विशेष दिन है। जब ये दोनों संयोग होते हैं, तब इसे ‘अंगारक गणेश चतुर्थी’ कहा जाता है।
व्रत का महत्व
- विघ्नों का नाश: इस दिन भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से विघ्नों और बाधाओं को दूर करने के लिए की जाती है। यह माना जाता है कि अंगारक गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएँ और विघ्न दूर होते हैं।
- मंगलकारी फल: इस दिन की गई पूजा से मंगलकारी फल प्राप्त होते हैं। मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए भी यह दिन महत्वपूर्ण है।
- धन-धान्य की प्राप्ति: अंगारक गणेश चतुर्थी के दिन व्रत और पूजा करने से धन, धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
व्रत विधि
- व्रत: इस दिन भक्त गणेश जी का व्रत रखते हैं और निर्जला या फलाहार व्रत रखते हैं।
- पूजा: प्रातः काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाएं। गणेश जी को सिंदूर, दूर्वा, लड्डू, और मोदक का भोग लगाएं।
- मंत्र: गणेश मंत्रों का जाप करें, जैसे – “ॐ गं गणपतये क्लीं नमः” “OM GAMM GANAPATAYE KLEEM NAMAHA” या “वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा”।
- आरती: गणेश जी की आरती करें और भोग को सबमें बांटें।
- दान: इस दिन दान का विशेष महत्व है। जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
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व्रत कथा का महत्व
गणेश चतुर्थी व्रत और कथा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से इच्छित फल प्राप्त होता है। व्रत और कथा से जुड़ा महत्व इस प्रकार है:
- संकट हरता
गणेश चतुर्थी व्रत से जीवन के सभी संकट और बाधाएं दूर होती हैं। - सुख-समृद्धि का आगमन
व्रत और कथा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है। - मनोकामना पूर्ति
जो भक्त सच्चे मन से व्रत करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। - विद्या और बुद्धि की प्राप्ति
भगवान गणेश को विद्या और बुद्धि के देवता माना जाता है। इस व्रत से ज्ञान में वृद्धि होती है। - शुभ कार्यों में सफलता
गणेश चतुर्थी व्रत से विवाह, व्यापार या अन्य शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। - पापों का नाश
कथा सुनने और व्रत करने से पूर्व जन्मों के पाप भी समाप्त हो जाते हैं। - आरोग्य का वरदान
गणेश जी की कृपा से स्वास्थ्य समस्याएं समाप्त होती हैं। - परिवार में सुख और मेलजोल
व्रत से पारिवारिक रिश्तों में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
गणेश चतुर्थी व्रत करने के बाद कथा सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है। कथा से भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है। श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत रखने से भगवान गणेश जीवन को मंगलमय बनाते हैं।
व्रत कथा
गणेश चतुर्थी व्रत कथा का पालन करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कथा सुनने से सभी बाधाएं दूर होती हैं। इस कथा का महत्व और विवरण इस प्रकार है:
- कथा की शुरुआत
प्राचीन समय में एक गरीब ब्राह्मण दंपत्ति थे। उनकी कोई संतान नहीं थी। - गरीबी और दुःख
ब्राह्मण और उसकी पत्नी गरीबी और दुःख से पीड़ित थे। वे भगवान गणेश की उपासना करते थे। - गणेश जी का वरदान
एक दिन गणेश जी ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए। उन्होंने गणेश चतुर्थी का व्रत करने को कहा। - व्रत का विधि-विधान
ब्राह्मण दंपत्ति ने श्रद्धा से व्रत किया। उन्होंने भगवान गणेश की पूजा और चतुर्थी व्रत कथा सुनी। - संकटों का अंत
व्रत करने के बाद उनकी सभी समस्याएं समाप्त हो गईं। उनके जीवन में सुख-समृद्धि लौट आई। - संतान का जन्म
गणेश जी के आशीर्वाद से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। परिवार में खुशियां आ गईं। - कथा का संदेश
गणेश चतुर्थी व्रत से जीवन के सभी संकट समाप्त होते हैं। इच्छित फल और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। - व्रत का प्रभाव
इस कथा को सुनने और व्रत करने से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं। उसे भगवान गणेश की कृपा मिलती है।
गणेश चतुर्थी व्रत कथा को श्रद्धा और विश्वास से सुनने का विशेष महत्व है। इससे जीवन मंगलमय बनता है।
अंगारक गणेश चतुर्थी व्रत के प्रमुख लाभ
अंगारक गणेश चतुर्थी का व्रत मंगलवार को पड़ने वाली चतुर्थी के दिन किया जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है और इसके कई लाभ होते हैं।
- संकटों का नाश
व्रत करने से जीवन के सभी संकट, बाधाएं और विघ्न दूर हो जाते हैं। - मनोकामना पूर्ति
यह व्रत सभी इच्छाओं को पूर्ण करता है और भक्त की मनोकामनाओं को पूरा करता है। - सुख-समृद्धि की प्राप्ति
व्रत से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। - कर्ज से मुक्ति
अंगारक चतुर्थी व्रत करने से कर्ज जल्दी समाप्त होता है। - शत्रुओं पर विजय
व्रत से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है और जीवन में सुरक्षा बढ़ती है। - नौकरी में सफलता
इस व्रत से करियर में उन्नति और नई नौकरी पाने में सहायता मिलती है। - व्यापार में लाभ
व्यापारी इस व्रत से अपने व्यवसाय में वृद्धि और लाभ प्राप्त कर सकते हैं। - विद्या और बुद्धि में वृद्धि
विद्यार्थी और ज्ञान प्राप्ति के इच्छुक लोगों को इस व्रत से बुद्धि और विद्या में लाभ मिलता है। - आरोग्य का वरदान
यह व्रत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। - संतान सुख
व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। - पारिवारिक सुख
परिवार में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है। - धार्मिक पुण्य
व्रत से धार्मिक पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। - नकारात्मक ऊर्जा से बचाव
व्रत से घर और जीवन में नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। - आत्मविश्वास में वृद्धि
व्रत से मानसिक शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है। - भगवान गणेश का आशीर्वाद
यह व्रत भगवान गणेश की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम है। - अंगारक चतुर्थी व्रत से जीवन मंगलमय और सुखद बनता है।