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Dhanada Ratipriya Yakshini Mantra: Unlock Wealth & Prosperity

7 दिनों में बदलेगी किस्मत! जानें धनदा रतिप्रिया मंत्र की शक्ति

“धनदा रतिप्रिया यक्षिणी मंत्र” रुद्रायामल तंत्र का एक महत्वपूर्ण साधना मंत्र है। इसकी साधना से कुबेर को अपार धन और ऐश्वर्य प्राप्त हुआ। यह मंत्र आर्थिक उन्नति, व्यापार में सफलता, कर्ज से मुक्ति, नौकरी में प्रगति, पारिवारिक सुख और सही निर्णय क्षमता प्रदान करता है। इस मंत्र के नियमित जप से ग्रहस्थ जीवन में शांति और समृद्धि आती है। साधक को चाहिए कि वह इस मंत्र को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करे।


मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:

ॐ एं ह्रीं श्रीं धनदा रति यक्षिणी क्लीं स्वाहा।

अर्थ:

“ॐ” से ब्रह्मांडीय ऊर्जा का आह्वान होता है। “एं” से बुद्धि और ज्ञान का जागरण होता है। “ह्रीं” से आध्यात्मिक शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है। “श्रीं” धन और ऐश्वर्य को आकर्षित करता है। “धनदा रति यक्षिणी” समृद्धि, सुख, और प्रेम प्रदान करती हैं। “क्लीं” इच्छाशक्ति और कामनाओं की पूर्ति का बीज मंत्र है। “स्वाहा” से साधना पूर्णता को प्राप्त होती है। यह मंत्र साधक को धन, ऐश्वर्य, सुख और समृद्धि प्रदान करता है। इसका उच्चारण भक्तिभाव और सटीक उच्चारण के साथ करना चाहिए।


जप के समय सेवन करने योग्य पदार्थ

  • दूध और उससे बने पदार्थ अधिक लें।
  • फल और सूखे मेवे का सेवन करें।
  • सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  • हल्दी और तुलसी का नियमित सेवन करें।

धनदा रतिप्रिया यक्षिणी मंत्र के लाभ

  1. आर्थिक समृद्धि में वृद्धि।
  2. व्यापार में अप्रत्याशित सफलता।
  3. कर्ज से मुक्ति।
  4. नौकरी में उन्नति।
  5. ग्रहस्थ जीवन में शांति।
  6. पारिवारिक संबंधों में मजबूती।
  7. सही निर्णय क्षमता।
  8. मानसिक शांति।
  9. घर में सुख-समृद्धि।
  10. शत्रुओं पर विजय।
  11. वैवाहिक जीवन में मधुरता।
  12. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  13. स्वास्थ्य लाभ।
  14. समाज में मान-सम्मान।
  15. लक्ष्मी कृपा प्राप्ति।
  16. संपत्ति में वृद्धि।
  17. सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
  18. आंतरिक शुद्धि।

पूजा सामग्री और मंत्र विधि

  • सामग्री: कोयले का टुकड़ा, सरसो के तेल का दीपक, काला कपड़ा।
  • चंद्र या सूर्य ग्रहण से सात दिन मंत्र जप करें।
  • मंत्र जप समाप्ति के बाद भोजन दान करें।
  • जप के बाद कोयले को काले कपड़े मे बांधकर घर के किसी कोने मे रख दे।

अवधि और मुहूर्त

  • चंद्र या सूर्य ग्रहण के समय आरंभ करें।
  • रोज 25 मिनट तक सात दिनों तक जप करें।
  • ब्रह्म मुहूर्त में जप सर्वोत्तम माना जाता है।

मंत्र जप के नियम

  • आयु 20 वर्ष से अधिक हो।
  • पुरुष और महिला दोनों कर सकते हैं।
  • नीले और काले कपड़े न पहनें।
  • धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार न करें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।

Kamakhya sadhana shivir


मंत्र जप में सावधानियां

  • जप के समय मानसिक एकाग्रता रखें।
  • किसी प्रकार की नकारात्मक सोच न रखें।
  • जप के स्थान को स्वच्छ और शांत रखें।

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संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: धनदा रतिप्रिया यक्षिणी मंत्र क्या है?

उत्तर: यह मंत्र आर्थिक और पारिवारिक समृद्धि के लिए है।

प्रश्न 2: साधना का सर्वोत्तम समय क्या है?

उत्तर: चंद्र या सूर्य ग्रहण का समय सर्वोत्तम है।

प्रश्न 3: मंत्र जप कितने दिनों तक करना चाहिए?

उत्तर: सात दिन तक नियमित जप करें।

प्रश्न 4: क्या इस मंत्र को कोई भी कर सकता है?

उत्तर: हां, 20 वर्ष से अधिक आयु के स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।

प्रश्न 5: साधना के दौरान क्या न करें?

उत्तर: मांसाहार, धूम्रपान, और मद्यपान से बचें।

प्रश्न 6: मंत्र जप के बाद क्या करें?

उत्तर: भोजन दान करें और सामग्री को उचित स्थान पर रखें।

प्रश्न 7: मूंगा क्यों धारण करें?

उत्तर: यह समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

प्रश्न 8: मंत्र जप का सबसे अच्छा स्थान कौन सा है?

उत्तर: शांत और स्वच्छ स्थान।

प्रश्न 9: क्या इस साधना से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं?

उत्तर: हां, यदि सही विधि और श्रद्धा से किया जाए।

प्रश्न 10: साधना में कौन से रंग के कपड़े पहनें?

उत्तर: सफेद, पीले, या लाल।

प्रश्न 11: इस मंत्र का प्रमुख लाभ क्या है?

उत्तर: आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति।

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