अष्टभूत कात्यायनी मंत्र जाप – जीवन की हर समस्या का समाधान और सफलता की कुंजी
अष्टभूत कात्यायनी मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावकारी मंत्र है, जिसे माँ कात्यायनी की विशेष कृपा पाने के लिए जपा जाता है। कात्यायनी माँ दुर्गा के एक रूप में पूजी जाती हैं और वे शक्ति, साहस और विजय की देवी मानी जाती हैं। इस मंत्र के जाप से जीवन में शत्रुओं पर विजय, रोगों से मुक्ति, आध्यात्मिक उन्नति और सुख-समृद्धि व मनोकामना पूर्ण होती है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जो कठिन जीवन स्थितियों से जूझ रहे हैं और मानसिक शांति की तलाश में हैं।
अष्टभूत कात्यायनी मंत्र विनियोग व उसका अर्थ
विनियोग:
ॐ अस्य श्री अष्टभूत कात्यायनी मंत्रस्य, महर्षिः वामदेवः, छन्दः गायत्री, देवी कात्यायनी देवता, ध्यानं शक्त्यर्थे जपे विनियोगः॥
अर्थ: इस मंत्र के जाप के द्वारा हम माँ कात्यायनी की शक्ति का आह्वान करते हैं ताकि वे हमें उनके आशीर्वाद से धन्य करें और हमारे जीवन में आने वाली चुनौतियों से विजय प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करें।
अष्टभूत कात्यायनी मंत्र और उसका अर्थ
मंत्र:
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अष्टभूत कात्यायने दुं नमः।
अर्थ:
ॐ – परमात्मा का आह्वान।
ह्रीं – शक्ति का बीज मंत्र।
श्रीं – लक्ष्मी का बीज मंत्र, धन-संपत्ति का आह्वान।
क्लीं – आकर्षण का बीज मंत्र, प्रेम और शक्ति का प्रतीक।
अष्टभूत कात्यायने – देवी कात्यायनी को समर्पित।
दुं – विनाशक शक्ति का प्रतीक, नकारात्मकता से सुरक्षा।
नमः – श्रद्धापूर्वक नमस्कार।
अष्टभूत कात्यायनी मंत्र के लाभ
- शत्रुओं पर विजय।
- रोगों से मुक्ति।
- मानसिक शांति और स्थिरता।
- आध्यात्मिक उन्नति।
- धन-धान्य में वृद्धि।
- विवाह में आ रही अड़चनों का निवारण।
- पारिवारिक समृद्धि।
- संकटों से सुरक्षा।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
- भयमुक्ति।
- साहस और आत्मबल में वृद्धि।
- मानसिक तनाव से मुक्ति।
- आत्मविश्वास में वृद्धि।
- ग्रह दोषों का निवारण।
- देवी कात्यायनी की कृपा प्राप्ति।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
- सदैव सफलता प्राप्त करना।
अष्टभूत कात्यायनी मंत्र विधि
अष्टभूत कात्यायनी मंत्र का जाप विशेष रूप से मंगलवार और शुक्रवार के दिन शुभ माना जाता है। मंत्र जाप का प्रारंभ किसी शुभ मुहूर्त में करें। इस मंत्र को ११ से २१ दिन तक रोज़ाना जप करना चाहिए। जाप करते समय माँ कात्यायनी की प्रतिमा या तस्वीर के समक्ष दीपक जलाएं और आसन पर बैठकर मंत्र का उच्चारण करें।
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मंत्र जाप सामग्री
- माँ कात्यायनी की तस्वीर या प्रतिमा।
- घी या तिल के तेल का दीपक।
- लाल या पीले फूल।
- अक्षत (हल्दी मिला चावल)।
- चंदन।
- पीला वस्त्र।
- रुद्राक्ष या स्फटिक की माला।
मंत्र जप संख्या
इस मंत्र का जाप प्रतिदिन ११ माला यानी कुल ११८८ मंत्र का जप करना चाहिए। इससे व्यक्ति को देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
अष्टभूत कात्यायनी मंत्र जप के नियम
- उम्र २० वर्ष के ऊपर होनी चाहिए।
- स्त्री और पुरुष कोई भी मंत्र जाप कर सकता है।
- नीले या काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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जप के दौरान सावधानियां
मंत्र जप करते समय मन को शुद्ध रखें। जप के दौरान निरंतरता बनाए रखें और अन्य किसी प्रकार के काम या व्यवधान से बचें। यह सुनिश्चित करें कि मंत्र का उच्चारण शुद्धता और श्रद्धा के साथ हो।
अष्टभूत कात्यायनी मंत्र प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: अष्टभूत कात्यायनी मंत्र किसके लिए उपयुक्त है?
उत्तर: यह मंत्र उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जो अपने जीवन में शत्रुओं पर विजय, मानसिक शांति और आत्मविश्वास की आवश्यकता महसूस करते हैं।
प्रश्न 2: मंत्र जाप के लिए कौन सा दिन उपयुक्त है?
उत्तर: मंत्र जाप के लिए मंगलवार और शुक्रवार का दिन सबसे उपयुक्त माना जाता है।
प्रश्न 3: मंत्र जप की अवधि कितनी होनी चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप को ११ से २१ दिन तक लगातार करना चाहिए।
प्रश्न 4: क्या मंत्र जप के समय कोई विशेष वस्त्र पहनने चाहिए?
उत्तर: हां, मंत्र जप करते समय लाल या पीले वस्त्र पहनें। नीले और काले कपड़े से बचें।
प्रश्न 5: क्या स्त्रियाँ इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, स्त्री-पुरुष कोई भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
प्रश्न 6: मंत्र जाप के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार और अन्य किसी भी प्रकार के नकारात्मक आचरण से बचना चाहिए।
प्रश्न 7: क्या मंत्र का उच्चारण विशेष तरीके से करना चाहिए?
उत्तर: हां, मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और शुद्धता से करना चाहिए।
प्रश्न 8: क्या यह मंत्र धन प्राप्ति के लिए उपयोगी है?
उत्तर: हां, यह मंत्र धन-संपत्ति और समृद्धि प्राप्ति के लिए भी प्रभावकारी है।
प्रश्न 9: क्या इस मंत्र के जाप से शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो सकती है?
उत्तर: हां, इस मंत्र के जाप से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
प्रश्न 10: क्या मंत्र जप के लिए किसी विशेष माला का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर: हां, रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का प्रयोग मंत्र जप के लिए करना चाहिए।
प्रश्न 11: क्या मंत्र जप के समय ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?
उत्तर: हां, मंत्र जप के समय ब्रह्मचर्य का पालन अत्यंत आवश्यक है।
प्रश्न 12: क्या इस मंत्र का जप करने से मानसिक शांति मिलती है?
उत्तर: हां, इस मंत्र का जप करने से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।