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Bhawani mantra for protection & wish

भवानी माता देवी पार्वती का एक स्वरूप मानी जाती है. इस नाम मे भव शब्द का अर्थ है “जीवन” या “अस्तित्व” और भवानी का अर्थ है “भव की देवी”. भवानी माता को देवी पार्वती का एक रूप माना जाता है। वे शक्ति, साहस, और सुरक्षा की देवी हैं। भवानी माता का ध्यान और उपासना करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, भौतिक सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। वे जीवन के कठिनाइयों से रक्षा करती हैं और साधक को सभी प्रकार की बुराइयों और बाधाओं से मुक्ति दिलाती हैं।

माता का स्वरूप

भवानी माता का उल्लेख विभिन्न हिंदू ग्रंथों में मिलता है, जैसे कि देवी भागवत पुराण, मार्कंडेय पुराण और शिव पुराण।

  • देवी पार्वती ने जब राक्षसों से देवताओं की रक्षा के लिए क्रोधित रूप धारण किया, तब उन्हें भवानी माता कहा गया।
  • देवी भवानी के कई रूप हैं, जिनमें अष्टभुजा भवानी, दशभुजा भवानी और महाभवानी शामिल हैं।
  • देवी भवानी को अक्सर सिंह पर सवार, शस्त्रों से युक्त और क्रोधित मुद्रा में चित्रित किया जाता है।
  • भवानी मंत्रः ॥ॐ भं भवानी क्लीं दुं नमः॥
  • मुहुर्थः मंगलवार, रवि पुष्य नक्षत्र, नवरात्रि.

Bhawani Mantra

एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र भवानी माता की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन के विभिन्न संकटों को दूर करने में सहायक है।

Bhawani Mata Samagri

  1. भवानी माता की मूर्ति या चित्र
  2. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर)
  3. फूल और माला
  4. धूप और दीपक
  5. अगरबत्ती
  6. फल और मिठाई
  7. नारियल
  8. चंदन और कुमकुम
  9. भवानी मंत्र की पुस्तक या पृष्ठ
  10. पवित्र जल (गंगाजल)
  11. आसन (बैठने के लिए साफ कपड़ा)

Day Muhurta

भवानी मंत्र का जाप किसी भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है। विशेष रूप से, नवरात्रि, पूर्णिमा, या अष्टमी तिथि को यह जाप अधिक फलदायी माना जाता है। मंगलवार और शुक्रवार के दिन भी भवानी माता की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

Duration

भवानी मंत्र का जाप कम से कम 108 बार रोजाना किया जाना चाहिए। साधक 21, 41, या 108 दिनों तक इस मंत्र का अनुष्ठान कर सकते हैं। इसका जाप नियमित रूप से करने से साधक को अधिक लाभ प्राप्त होता है।

Benefits

  1. संकटों से मुक्ति: भवानी मंत्र के जाप से जीवन में आने वाले सभी संकटों और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
  2. आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र का नियमित जाप साधक को आध्यात्मिक रूप से उन्नत करता है।
  3. मानसिक शांति: भवानी माता की कृपा से साधक को मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  4. सुरक्षा: भवानी माता अपने भक्तों को सभी प्रकार की बुराइयों और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखती हैं।
  5. स्वास्थ्य: इस मंत्र का जाप करने से साधक का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और बीमारियाँ दूर होती हैं।
  6. धन-समृद्धि: भवानी माता की कृपा से साधक को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  7. सुखी वैवाहिक जीवन: इस मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  8. ज्ञान प्राप्ति: भवानी माता की उपासना से साधक को ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
  9. कर्म बाधा निवारण: भवानी मंत्र के जाप से साधक के सभी कर्म बाधाओं का निवारण होता है।
  10. समस्या समाधान: भवानी माता की कृपा से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान मिलता है।
  11. संतान प्राप्ति: इस मंत्र का जाप करने से नि:संतान दंपतियों को संतान सुख प्राप्त होता है।
  12. दुश्मनों से रक्षा: भवानी माता अपने भक्तों को दुश्मनों से सुरक्षित रखती हैं।
  13. भाग्य वृद्धि: भवानी मंत्र के जाप से साधक का भाग्य प्रबल होता है।
  14. शत्रु नाश: इस मंत्र का जाप करने से शत्रुओं का नाश होता है।
  15. वाणी में मधुरता: इस मंत्र का जाप करने से साधक की वाणी में मधुरता आती है।
  16. सफलता: इस मंत्र का नियमित जाप साधक को सभी कार्यों में सफलता प्रदान करता है।

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Precautions

  1. शुद्धता: मंत्र जाप के समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। पूजा स्थल और साधक का मन एवं शरीर पवित्र होना चाहिए।
  2. समय की पाबंदी: मंत्र जाप एक निश्चित समय पर ही करें, इससे भवानी माता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
  3. आसन: जाप करते समय हमेशा एक ही आसन का प्रयोग करें। इससे एकाग्रता बढ़ती है।
  4. संयम: मंत्र जाप के दौरान संयमित आहार और विचार रखें।
  5. विश्वास: भवानी माता पर पूर्ण विश्वास और श्रद्धा के साथ मंत्र जाप करें।
  6. समर्पण: भवानी माता के प्रति पूर्ण समर्पण भाव रखें।
  7. प्रणव ध्यान: मंत्र जाप से पहले और बाद में प्रणव (ॐ) का ध्यान करें।
  8. अनुष्ठान की समाप्ति: अनुष्ठान की समाप्ति पर भवानी माता को विधिवत धन्यवाद और प्रार्थना करें।
  9. नियमितता: मंत्र जाप नियमित रूप से करें, बीच में बाधा न डालें।
  10. शांतिपूर्ण वातावरण: मंत्र जाप एक शांतिपूर्ण और स्वच्छ वातावरण में करें।

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Bhawani Mantra: Frequently Asked Questions

1. Bhawani Mantra क्या है?
Bhawani Mantra, “ॐ भं भवानी क्लीं दुं नमः” एक शक्तिशाली मंत्र है। यह मंत्र भवानी माता की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन के संकटों को दूर करने में सहायक है।

2. Bhawani Mata कौन हैं?
भवानी माता देवी पार्वती का एक रूप हैं। वे शक्ति, साहस, और सुरक्षा की देवी हैं, जो भक्तों को मानसिक शांति, भौतिक सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती हैं।

3. Bhawani Mantra जाप के लिए सबसे शुभ दिन (Day Muhurta) कौन से हैं?
नवरात्रि, पूर्णिमा, या अष्टमी तिथि, और मंगलवार और शुक्रवार के दिन भवानी मंत्र जाप के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

4. Bhawani Mantra जाप की अवधि (Duration) क्या होनी चाहिए?
भवानी मंत्र का जाप कम से कम 324 बार रोजाना किया जाना चाहिए। साधक 11, 21या 41 दिनों तक इस मंत्र का अनुष्ठान कर सकते हैं।

5. भवानी मंत्र का जाप कैसे शुरू करें?
एक स्वच्छ और शांतिपूर्ण स्थान पर आसन बिछाकर बैठें। भवानी माता की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और फूल चढ़ाएं। मंत्र जाप करते समय मन को शांत रखें और भवानी माता पर ध्यान केंद्रित करें।

6. क्या भवानी मंत्र का जाप किसी विशेष उद्देश्य के लिए किया जा सकता है?
हां, भवानी मंत्र का जाप विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, सुरक्षा, और संतान सुख प्राप्ति के लिए।

7. भवानी मंत्र जाप के दौरान कोई विशेष आहार या उपवास आवश्यक है?
यह मंत्र जाप करते समय संयमित आहार और विचार रखना महत्वपूर्ण है। यदि संभव हो, तो साधक उपवास भी रख सकते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।

BOOK (३० APRIL 2025) MAHALAKSHMI PUJAN SHIVIR (AKSHAYA TRITIYA) AT DIVYAYOGA ASHRAM (ONLINE/ OFFLINE)

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